शनिवार, 28 नवंबर 2009

पटकथा से मोहब्बत होने के बाद ही मैं उसे फिल्म का रूप देता हूँ - अनिरुध्द रॉय चौधरी

पटकथा से मोहब्बत होने के बाद ही मैं उसे फिल्म का रूप देता हूँ - अनिरुध्द रॉय चौधरी

फिल्म के पर्दे पर आपकी मेहनत और आपका प्रेम ही कोई जादू कर पाता है, न कि कोई फार्मूला।  यह कहना है भारतीय पैनोरमा खंड में शामिल अन्तहीन फिल्म के निर्देशक अनिरुध्द रॉय चौधरी का। आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी सभी फिल्म वास्तविकता से पूर्ण होती है और उन अनुभवों, परिस्थितियों और चरित्रों पर आधारित होती है, जिसका उन्होंने जीवन में खुद अनुभव किया होता है। श्री अनिरुध्द ने कहा कि वे केवल उसी पटकथा पर फिल्म बनाते हैं, जिससे उन्हें मोहब्बत हो चुकी होती है। उनके साथ संवाददाता सम्मेलन में राहुल बोस, मीता वशिष्ट और राधिका आप्टे भी  उपस्थित थे।

 

       श्री राहुल बोस ने स्वीकार किया कि वे फिल्म की पटकथा में काफी फेरबदल कराते हैं। उन्होंने कहा कि किसी उपयुक्त कहानी को आप तभी पर्दे पर सफलतापूर्वक उतार सकते हैं, जब उसके पीछे की पटकथा में भी दम-खम हो।  राहुल बोस ने  कहा कि वे व्यावसायिक सिनेमा से ज्यादा नहीं जुड़ते क्योंकि उन्हें ऐसा सिनेमा काफी बोरिंग लगता है और वे उन चीजों को करना पसन्द करते हैं, जिनमें चुनौती हो।

 

       मीता वशिष्ट का कहना था कि अनिरुध्द रॉय चौधरी को अपनी पटकथा पर पूरा भरोसा होता है, लेकिन इसके बावजूद वे नई संभावनाओं के प्रति काफी खुला रुख अपनाते हैं।

 

 

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