गुरुवार, 10 सितंबर 2009

साम्प्रदायिक सौहार्द्र के साथ-साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित करते भारतीय त्यौहार

साम्प्रदायिक सौहार्द्र के साथ-साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित करते भारतीय त्यौहार

निर्मल रानी

163011, महावीर नगर,  अम्बाला शहर,हरियाणा।, फोन-9729229728

      देश की आर्थिक राजधानी कहा जाने वाला मुम्बई नगर 2611 को हुए आतंकवादी हमलों के बाद आतंकवादियों की मंशा के विरुद्ध और अधिक संगठित होता जा रहा है। ज्ञातव्य है कि मुम्बई के 2611 के धमाकों में 183 लोग अपनी जानों से हाथ धो बैठे थे जबकि सैकड़ों लोग बुरी तरह ंजख्मी भी हो गए थे। देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए ऐसे ही जघन्य अपराध इन आतंकवादियों द्वारा गत् वर्षों में भी त्यौहारों के अवसरों पर भी किए जाते रहे हैं। हालांकि मानवता के इन दुश्मनों का मंकसद त्यौहारों के दिनों में देश में अशांति पैदा करना तथा साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना होता है। परन्तु इसके विपरीत उत्सव व त्यौहारों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध भारतवर्ष में इन दिनों विभिन्न सम्प्रदायों के त्यौहारों का सिलसिला पूरे हर्षोल्लास के साथ पूर्ववत जारी है। हिन्दू समुदाय के लोगों ने गत् दिनों अपने धार्मिक पर्व गणेश पूजा का आयोजन बड़े पैमाने पर पूरे श्रद्धा व उल्लास के साथ किया तो देश का मुस्लिम समुदाय भी इन दिनों पवित्र रमंजान के महीने में रोंजा (व्रत) रखने में व्यस्त रहा। आगामी दिनों में भी भारत में दशहरा, दुर्गापूजा तथा ईद जैसे प्रमुख त्यौहार मनाए जाने की तैयारियां ंजोर शोर से चल रही हैं। अनेकता में एकता की विश्वव्यापी मिसाल पेश करने वाले इस देश में जहां प्रत्येक समुदायों के लिए उनके अपने त्यौहार धार्मिक महत्व से जुड़े होते हैं, वहीं यही त्यौहार साम्प्रदायिक सौहार्द्र एवं सर्वधर्म सम्भाव की भी ऐसी अनूठी मिसाल पेश करते हैं जिसका मुंकाबला शायद दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सकता। इसमें आश्चर्य की बात यह है कि भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव की ऐसी मिसालें उस समय भी निरंतर देखने को मिल रही हैं जबकि आतंकवादी व साम्प्रदायिक शक्तियां अपने साम्प्रदायिक दुर्भाव फैलाने के नापाक मिशन में दिन-रात लगी हुई हैं।

              हरियाणा के बराड़ा ंकस्बे में जहां कि गत् वर्ष विश्व का सबसे ऊंचा रावण बनाए जाने का कीर्तिमान स्थापित किया गया था, वहीं स्थानीय रामलीला क्लब द्वारा इस वर्ष पुन: रावण की ऊंचाई को लेकर गत् वर्ष के अपने ही विश्व कीर्तिमान को तोड़ने की तैयारी की जा रही है। क्लब के संस्थापक अध्यक्ष राणा तेजिन्द्र सिंह चौहान अपने सैकड़ों साथियों के साथ विश्व के इस सबसे ऊंचे रावण को बनाए जाने की तैयारी में गत् 4 माह से जुटे हुए हैं। इस परियोजना में उनका साथ देने के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी आगरा से मोहम्मद उस्मान नामक मुस्लिम कारिगर का पूरा परिवार आया हुआ है। मोहम्मद उस्मान अपनी पत्नी व बच्चों समेत गत् चार माह से बराड़ा ंकस्बे में तेजिन्द्र सिंह चौहान के विशेष अतिथि के रूप में रह रहे हैं। मोहम्मद उस्मान की भी हार्दिक इच्छा है कि गत् वर्ष विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के बाद अपने ही विश्व कीर्तिमान को तोड़ने में भी वे तेजिन्द्र चौहान के इस अति महत्वाकांक्षी मिशन में उनके सहयोगी बने रहें। इस विशालकाय रावण के निर्माण के दौरान पवित्र रमंजान का महीना भी गुंजर रहा है। मोहम्मद उस्मान व उनका परिवार नियमित तौर पर रोंजा रखता है। उनके रोंजे की पूरी व्यवस्था बड़े ही आदर व आस्था के साथ तेजिन्द्र चौहान व उनके साथियों द्वारा की जाती है। जिस स्थान पर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाला रावण तैयार हो रहा है, उसी जगह यह मुस्लिम परिवार अपने धार्मिक कार्यक्रम नमांज, रोंजा तथा ंकुरान शरींफ पढ़ना आदि सब कुछ बड़ी आस्था एवं पूर्ण सहयोग के साथ करता है। स्वयं मोहम्मद उस्मान का यह मानना है कि तेजिन्द्र चौहान द्वारा निर्देशित रावण का निर्माण करने हेतु बराड़ा आने पर उन्हें जो मान-सम्मान व सत्कार मिलता है तथा जिस धार्मिक स्वतंत्रता का उन्हें यहां एहसास होता है, वह शायद उन्हें अपने समुदाय के लोगों के साथ रहकर भी नहीं हो पाता। यही वजह है कि चौहान के निमंत्रण पर मोहम्मद उस्मान प्रत्येक वर्ष अपने सहयोगी मुस्लिम कारीगरों व अपने पूरे परिवार के साथ बराड़ा चले आते हैं। इस विषय पर तेजिन्द्र चौहान का कहना है कि वे मोहम्मद  उस्मान व उनके परिजनों की धर्म संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति कर तथा उसमें भागीदार बनकर महंज अपनेर् कत्तव्यों का पालन करते हैं तथा 'अतिथि देवो भव' की भारतीय परम्परा का निर्वाहन करते हैं। चौहान का कहना है कि उनकी कोशिश है कि उनके कला निर्देशन व संरक्षण में मोहम्मद उस्मान के परिश्रम से तैयार होने वाले इस विशालकाय रावण का नाम गिनींज बुक ऑंफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाए। यदि ऐसा हो सका तो हरियाणा के बराड़ा ंकस्बे में इस वर्ष दशहरे पर तैयार किया जाने वाला रावण का पुतला न केवल ऊंचाई व भारी भरकमपन में गत् वर्ष के अपने ही विश्व कीर्तिमान को तोड़ेगा बल्कि भारतीय साम्प्रदायिक सौहार्द्र के क्षेत्र में भी यह अपनी अनूठी मिसाल स्वयं पेश करेगा।

              इसी प्रकार गणेश पूजा के त्यौहार ने भी प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी साम्प्रदायिक सद्भाव के अनूठे उदाहरण पेश किए हैं। जहां भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध नायक सलमान ंखान प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणेश पूजा के अवसर पर भक्ति भाव में सराबोर नंजर आए, वहीं देश के कई हिस्सों में ऐसे गणेशोत्सव भी मनाए गए जिनकी अधिकांश व्यवस्था मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा की गई। देश में कई स्थानों से ऐसे समाचार भी प्राप्त हुए कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोंजा रखकर भी गणेश पूजा में हिस्सा लिया, गणेश प्रतिमाएं निर्मित कीं तथा पूजा आयोजित की। इतना ही नहीं बल्कि मुम्बई में हुए 2611 के हमलों के बावजूद देश में गणेश पूजा के अनेकों आयोजन ऐसे भी हुए जिसमें मुसलमानों द्वारा गणेश प्रतिमा अपने घरों में स्थापित की गई तथा उनका पूजा पाठ किया गया। मुम्बई हमले को साम्प्रदायिक सौहार्द्र पर बदनुमा दांग बताते हुए गणेश प्रतिमा विसर्जन में भी इस वर्ष मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रसिद्ध ंफिल्म अभिनेता शाहरुंख ंखान भी हिन्दू व मुस्लिम धर्मों के लगभग सभी त्यौहार स्वयं बड़े जोश व उत्साह के साथ मनाते हैं। होली, दिवाली तथा ईद, बंकरीद जैसे सभी त्यौहारों को अपने परिजनों एवं मित्रों के साथ मनाकर वे सच्चे भारतीय होने का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

              सर्वधर्म सम्भाव या साम्प्रदायिक सौहार्द्र से ओत-प्रोत उक्त आयोजन केवल सम्पन्न व्यक्तियों अथवा प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा ही प्रस्तुत नहीं किए जाते बल्कि ंगरीबी, बदहाली व बेबसी से जूझते हुए लोगों के मध्य भी ऐसी भावना भारत में देखी जा सकती है। उदाहरण के तौर पर भारत के बिहार राज्य के 19 ंजिले गत् वर्ष बिहार की कोसी नदी के तटबंध टूट जाने के कारण आई प्रलयकारी बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इस बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों ने बिना किसी धार्मिक भेदभाव के एक दूसरे धर्म के लोगों को न केवल सहयोग व संरक्षण दिया बल्कि उनकी धार्मिक गतिविधियों में भी परस्पर सहयोगी रहे। अनेक स्थानों पर प्रलयकारी बाढ़ से शीघ्र निजात पाने के लिए पूजा पाठ करने व दुआएं आदि मांगने के सामूहिक तौर पर आयोजन किए गए। एक ही छत के नीचे हिन्दू समुदाय द्वारा भजन पूजन करने तथा मुसलमानों द्वारा नमांज पढ़कर ंखुदा से दुआ मांगने के नंजारे देखने को मिले। यही नहीं बल्कि रमंजान के महीने में आई इस बाढ़ में मुस्लिम भाईयों के रोंजा रखने संबंधी ंजरूरतों को पूरा करने में भी हिन्दू समुदाय ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कई स्थानों पर तो हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा भी रमंजान में रोंजा (व्रत) रखे जाने के समाचार प्राप्त हुए।

              भारत में तेंजी से फैलता जा रहा आतंकवाद तथा इन आतंकवादी घटनाओं में अधिकांशतय: मुस्लिम समुदाय के लोगों के सम्मिलित होने के समाचार तथा इसके जवाब में भारत की साम्प्रदायिकतावादी शक्तियों द्वारा किए जाने वाले साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के घिनौने प्रयास और इन सबके बीच देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करने वाली उपरोक्त घटनाएं यह समझ पाने के लिए कांफी हैं कि रामानन्द, कबीर, नानक, चिश्ती, ंखुसरु, साईं बाबा, शेंख ंफरीद व बुल्लेशाह की इस पावन धरती पर साम्प्रदायिक दुर्भावना फैलाने की साम्प्रदायिक शक्तियों अथवा आतंकवादियों द्वारा कितनी ही कोशिशें क्यों न की जाएं। किन्तु सन्तों व ंफंकीरों के इस देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उन्हें कोई भी आतंकवादी अथवा साम्प्रदायिक संगठन हिला नहीं सकता। भारतीय त्यौहार साम्प्रदायिक सौहार्द्र की ऐसी ही मिसाल हमेशा पेश करते रहेंगे तथा अनेकता में एकता के अपने विश्वप्रसिद्ध परचम को यूं ही सदैव बुलंद रखेंगे।                                                                 निर्मल रानी

 

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