गुरुवार, 24 सितंबर 2009

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से 20 तटीय गांवों के जीवन में बदलाव

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से 20 तटीय गांवों के जीवन में बदलाव

सार्वजनिक - निजी भागीदारी के लिए मॉडल

 

                                                            के.एम रवीन्द्रन *

अपर महानिदेशक, पसूका, चेन्नई

       किसी भी प्रौद्योगिकी अथवा उपकरण के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। हालांकि उसकी प्रभावोत्पादकता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके सकारात्मक पक्ष से हम कितना फायदा उठा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि यह हम पर निर्भर है कि हम प्रौद्योगिकी को अपने पक्ष में कैसे इस्तेमाल करें।

 

       कुछ ऐसा ही पुडुचेरी बहुद्देश्यीय सामाजिक सेवा सोसायटी नामक गैर सरकारी संगठन ने पूरी सफलता के साथ किया है।

 

       सोसायटी ने मछुआरों के दैनक जीवन को नया रूप देने के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के सर्वोत्तम इस्तेमाल के जरिए पुडुचेरी और तमिलनाडु के कुड्डालूर और वल्लुपुरम जिलों में ज्वार-भाटा को पूरी तरह से मछुआरा समुदाय के अनुकूल बना दिया है।

 

       पुडुचेरी में सोसायटी के मुख्यालय में इसरो के समर्थन से मुख्य सूचना केन्द्र की स्थापना से इस मिशन की शुरूआत हुई। यह केन्द्र गांवों में स्थित ग्राम सूचना केन्द्रों को सूचना प्रसारित करता है। पुडुचेरी में चिन्हित गांवों की संख्या नौ, कुड्डालूर में आठ और कराईकल में तीन हैं। इन 20 तटीय खेड़ों में ग्रामीणों के रोजमर्रा के जीवन में समृध्दि लाने के लिए सूचना और ज्ञान उपलब्ध कराया जा रहा है।  आसन्न संकट की आशंका के मामले में नियमित सूचना के अलावा चेतावनी संदेश जारी किए जाते हैं। पांच साल पहले त्सुनामी से तबाह क्षेत्र में लोगों को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने का यह पुडुचेरी बहुउद्देश्यीय सामाजिक सेवा सोसायटी का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।

 

       सार्वजनिक उद्बोधन प्रणाली के जरिए दिन में तीन बार, मौसम, लहरों की ऊंचाई, हवा की चाल, वे संभावित क्षेत्र जहां मछली मिल सकती हैं और मछलियों के दैनिक बाजार भाव के बारे में घोषणाएं करने के लिए प्रणाली स्थापित की गई हैं। यह सूचना इन गांवों में बोर्ड पर भी प्रदर्शित की जाती है। हालांकि सार्वजनिक उद्धोषणा प्रणाली की पहुंच सिर्फ एक किलोमीटर तक सीमित है लेकिन पुडुचेरी बहुउदेश्यीय सामाजिक सेवा सोसायटी के अथक प्रयासों से इस सीमा से भी बाहर कदम रखा गया है। सोसायटी ने पुढु युगम पड़ाइपोम (आइए, एक नए प्रभात के लिए प्रयास करें) नामक मछुआरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रसारण के लिए आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) के पुडुचेरी केन्द्र के साथ अनुबंध किया है। गहरे समुद्र में मौसम की स्थिति की जानकारी पाने के लिए मछुआरों के आग्रह पर संचार के इस माध्यम के इस्तेमाल का विचार किया गया। आकाशवाणी पुडुचेरी के सहयोग से ग्रामीण समुदाय के लिए सूचना नामक विशेष कार्यक्रम भी दिन में तीन बार प्रसारित किया जाता है।

 

       पुडुचेरी बहुउद्देश्यीय सामाजिक सेवा सोसायटी के पास मौसम पूर्वानुमान पर कार्यक्रम रिकार्ड करने के लिए सुसज्जित स्टूडियो है। सोसायटी के मुख्यालय में स्वचालित मौसम केन्द्र स्थापित किया गया है जहां लहरों की ऊंचाई, समुदाय आधारित आपदा की तैयारी,  सूचना का अधिकार, बाल अधिकार, महिला सशक्तीकरण, बच्चों के गैर कानूनी व्यापार और समुदाय आधारित अन्य विशिष्ट जानकारियां प्रदान की जाती हैं। स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं और युवकों सहित ग्रामीण समुदाय के लोग इस कार्यक्रम में उत्सुकता व उत्साह से भाग लेते हैं। उन्हें कार्यक्रम के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाता है जो उनकी अपनी आवाज में रिकार्ड किया जाता है तथा आकाशवाणी पुडुचेरी के जरिए उसे प्रसारित किया जाता है।

 

       भू-विज्ञान मंत्रालय का हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केन्द्र और चेन्नई स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग मौसम पूर्वानुमान और लहरों की ऊंचाई के बारे में सूचना उपलब्ध कराते हैं। पुडुचेरी में सोसायटी के मुख्यालय में इसरों की मदद से डिजिटल डिस्प्ले प्रणाली स्थापित की गई है जो मछुआरों को समुद्र संबंधी सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराती है। इस गैर सरकारी संगठन ने इन गांवों के मछुआरों की सुरक्षा के लिए लहरों की ऊंचाई नापने के लिए 2007 में  (अक्षांश: 11 डिग्री 52. 442' एन, उन्नतांश: 79 डिग्री 50. 573' ई) बंगाल की खाड़ी, चिन्नावीरंपत्तीनम, पुडुचेरी में बंगाल की खाड़ी में अपना वेव राइडर चिन्ह स्थापित किया गया है।

 

       सॉपऊटवेयर सेवा कम्पनियों के राष्ट्रीय संघ ने इन 20 गांव ज्ञान केन्द्रों के जरिए सीखने के इच्छुक लोगों को कम्प्यूटर शिक्षा के अलावा इन गांवों में ई-साक्षरता और प्रौढ श्ािक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए हैं। दसवीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बीएसएनएल की ब्राडबैंड सेवा के जरिए ई-शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। पुडुचेरी में निजी टीवी चैनल रेनबो के जरिए भी ऐसी ही सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

 

       पुडुचेरी आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ अनुबंध के जरिए ग्रामीण लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्यचिकित्सा देखरेख सेवा उपलब्ध कराने के लिए एक अन्य लागत प्रभावी (कम खर्च वाली) आईओटी सुविधा ई-औषधि  स्थापित की गई है।

 

       ई-कृषि सेवा के जरिए उर्वरक, बीज, कृषि उत्पादों की कीमतों जैसी कृषि संबंधी सभी प्रासंगिक सूचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जहां कहीं संभव है आवेदन फार्म डाउनलोड करने और ऑन लाइन आवेदन जैसी सरकारी सेवाओंस्कीमों सूचनाओं को उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ई-शासन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

 

       कुल मिलाकर पुडुचेरी बहुउदेश्यीय सामाजिक सेवा सोसायटी बहुत ही सफल सार्वजनिक-निजी भागीदारी सिध्द हुई है।

 

       इसके अलावा यह सोसायटी (संस्था) सम्पूर्ण समग्र मानव विकास के लिए लोगों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर बल दे रही है। प्रशिक्षण के लक्ष्यों में  लोगों को जागरूक बनाने, शिक्षा, संगठन, शक्ति और कार्रवाई शामिल है। इन वर्षों में स्वच्छता, पर्यावरण और पारिस्थितिकी जैसे संबंधित क्षेत्रों और कृषि में नेतृत्व के गुणों का अनेक लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए विभिन्न कौशलों के विकास का प्रशिक्षण दिया गया है।

 

       पुडुचेरी बहुद्देश्यीय सामाजिक सेवा सोसायटी ने इन गांवों का सुव्यवस्थित गांवों में रूपान्तरण करने के उद्देश्य से यहां  मेन्ग्रोव सहित हरियाली बढाने, तटीय पारिस्थितिकी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सुधार लाने के अनेक प्रयास किए हैं।

 

       यह सोसायटी पुडुचेरी और कुड्डालूर के आर्कडियोसीज की पंजीकृत समाज सेवा करने वाली संस्था है। इसका मुख्यालय पुडुचेरी में है। यह इस संघीय क्षेत्र के पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्र तथा तमिलनाडु के कुड्डालूर एवं वल्लुपुरम जिलों में पिछले 32 साल से अनेक लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को नया रूप दे रही है।

 

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  *अपर महानिदेशक, पसूका, चेन्नई

 

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