गुरुवार, 28 मई 2009

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय : कृषि तथा संबध्द विषयों में शिक्षा का अभिनव केन्द्र

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय :  कृषि तथा संबध्द विषयों में शिक्षा का अभिनव केन्द्र

PRESENTED BY : ZONAL PUBLIC RELATIONS OFFICE- GWALIOR- CHAMBAL ZONE

ग्वालियर 27 मई 09। गालव ऋषि की नगरी ग्वालियर में प्रदेश के प्रथम कृषि विद्यालय की स्थापना वर्ष 1950 में हुई थी । गत वर्ष कृषि तथा संबध्द विषयों में शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार को अग्रसर करने तथा उनसे आनुषंगिक अन्य विषयों की व्यवस्था करने  के लिए मध्यप्रदेश शासन ने ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय अध्यादेश 2008 के द्वारा नवीन कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना ग्वालियर में है । ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय अध्यादेश के स्थान पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 (क्रमांक 4, सन् 2009) दिनांक 12 फरवरी 2009 से अधिसूचना जारी की गयी है । प्रदेश के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय का विभाजन कर दोनों  कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में 25-25 जिलो को निर्धारित किया गया है ।

       विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र के अर्न्तगत चार कृषि महाविद्यालय ग्वालियर, सीहोर, इंदौर एवं खंडवा, एक उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर एवं एक पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, महू के साथ ही पाँच जोनल कृषि अनुसंधान केन्द्र (मुरैना, खरगौन, झाबुआ, कृषि महाविद्यालय सीहोर एवं इंदौर), चार क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र (उज्जैन, मंदसौर, खंडवा एवं कृषि महाविद्यालय ग्वालियर), तीन उपकृषि अनुसंधान केन्द्र क्रमश: कृषि अनुसंधान केन्द बागवई (ग्वालियर,) फल अनुसंधान केन्द्र, ईंटखेड़ी (भोपाल) उद्यानिकी अनुसंधान केन्द्र जावरा (रतलाम) तथा उन्नत तकनीकी के हस्तांतरण हेतु 19 कृषि विज्ञान केन्द्र क्रमश: झाबुआ, आरोन (गुना), राजगढ़, खंडवा, ग्वालियर, खरगौन,धार, भिंड, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी,अशोकनगर, दतिया, बड़वानी, नीमच, देवास, मुरैना कार्यरत हैं । प्रदेश के छ: कृषि जलवायु क्षेत्र गिर्द, बुदेलखंड, मालवा पठार, झाबुआ पहाड़ी, निमाड़ घाटी तथा विंध्य पठार विश्वविद्यालय के कव्हरेज अन्तर्गत आते हैं 1

       विश्वविद्यालय क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत राज्य के नागरिकों, ग्रामीणों के जीविकोपार्जन हेतु कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों के माध्यम से फसलों एवं अन्य कृषिगत साधनों वृध्दि कर खेती को टिकाऊ एवं लाभप्रद बनाना कृषि विश्वविद्यालय का लक्ष्य है ।

       विश्वविद्यालय के द्वारा स्नातक पाठयक्रम में कृषि, उद्यानिकी तथा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विषयों में क्रमश: 308,56, एवं 77 छात्र - छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है । इन पाठयक्रमों मे व्यापम द्वारा पी. ए. टी.एवं पी.एम.टी.परीक्षाओं के साथ ही आई. सी. ए. आर. आई. वी. सी .एवं एनआरआई के माध्यम से छात्र -छात्राओं को प्रवेश दिए जाते हैं।

       विश्वविद्यालय द्वारा कृषि संकाय के अन्तर्गत आठ, उद्यानिकी, के अन्तर्गत छ: तथा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन  के अन्तर्गत ग्यारह विषयों में स्नातकोत्तर कार्यक्रम चलाऐ जा रहे है । जिसमें कृषि, उद्यानिकी तथा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विषयों में क्रमश: 186,21 एवं 65 छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है ।

       कृषि संकाय के अनतर्गत कृषि अर्थशास्त्र एवं प्रक्षेत्र प्रबंधन, कृषि अभियांत्रिकी, शस्य विज्ञान, जैव प्रोद्यौगिकी, कीट विज्ञान, प्रसार शिक्षा एवं ग्रामीण प्रबंधन, खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी, उद्यानिकी एवं वानिकी, पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी, पादप रोग विज्ञान, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन, पादप कार्य की विज्ञान, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान आदि के अन्तर्गत अध्यापन, अनुसंधान एवं सम्पूर्ण कृषि तकनीक प्रसार का कार्य वर्तमान में विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है ।

       उद्यानिकी महाविद्यालय, मंदसौर में उद्यानिकी विषयों के छ: विभाग (फ्लोरीकल्चर एवं लैण्डस्केपिंग, फल विज्ञान, मेडीसीनल एवं एरोमेटिक क्रॉप्स, प्लान्टेशन एवं स्पाइसिस क्रॉप्स, पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेंट एवं सब्जी विज्ञान) सृजित हैं जिनके माध्यम से शिक्षण कार्य सुचारू रूप से किया  जा रहा है ।

       इसी प्रकार से पशु संकाय के अन्तर्गत शरीर रचना एवं ऊतिकी विज्ञान, पशु प्रजनन एवं अनुवांशिकी विज्ञान, पशु पोषण एवं आहार तकनीकी विज्ञान, व्याधि विज्ञान, पशु महामारी शास्त्र एवं पशु रोग निवारण औषधी विभाग, पशु औषधि विभाग, पशु उत्पादन एवं प्रबंधन, पशु उतपदन तकनीकी, पशु प्रजनन एवं प्रसूति, कुक्कुट विज्ञान, पशु भौषिक एवं विषाक्त, पशु शरीर क्रिया, पशु शल्य चिकित्सा एवं क्षय विकिरण, पशु लोक स्वास्थ्य एवं महामारी विज्ञान, जीव रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीवाणु विज्ञान, प्रसार शिक्षा आदि विभागों के माध्यम से कृषि शिक्षा, अनुसंधान कार्य एवं प्रसार का कार्य सुचारू रूप से संपादित किया जा रहा है ।

       इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विश्वविद्यालय में अनुभवी प्राध्यापक/वैज्ञानिक कार्यरत हैं, जिन्होनें अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान एवं अन्य शोघ कार्य प्रकाशित किये हैं ।

 

गुरुवार, 21 मई 2009

सुशासन है सर्वोच्च प्राथमिकता –मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

सुशासन है सर्वोच्च प्राथमिकता मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

ट्रांसफॉर्मर का तेल तथा बिजली का तार चुराने वालों पर होगी पुलिस की सख्ती

हमें खेद है मुरैना में चल रही भरी बिजली कटोती (18 घण्‍टे और शेष समय वोल्‍टेज फ्लक्‍चुयेशन के कारण यह समाचार समय पर प्रकाशित नहीं किये जा सके )

 

ग्वालियर 21 मई 09। पुतली घर के पास विद्युत विभाग के भण्डार गृह में दो दिवस पूर्व लगी आग से भारी क्षति हुई है। भण्डारगृह में रखे पुराने व मरम्मत के लिये लाये गये ट्रांसफॉर्मर भारी संख्या में जलकर राख हो गये हैं। भण्डार गृह में रखे सभी नये ट्रांसफार्मर सुरक्षित हैं तथा ग्वालियर -चंबल संभाग में विद्युत आपूर्ति एवं ट्रासफार्मर बदलने का काम बिना किसी पेरशानी के सुचारू रूप से चलता रहेगा। यह जानकारी संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह ने आज यहां 'परख' टेली कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पूछे जाने पर दी गई। कॉन्फ्रेस में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर चंबल संभाग में ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी तथा विद्युत लाइनों के तार काटने  की घटनाओं पर रोक लगाने की हिदायत दी। इस हिदायत का सख्ती से पालन करने का आश्वासन देते हुए पुलिस महानिरीक्षक श्री देवेन्द्र सिंह सेंगर ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विद्युत उपकरणों को क्षति पहुँचाने वाले, ट्रांसफार्मरों से तेल चुराने तथा विद्युत लाइनों का तार काटने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्यवाही करेगी। टेली कॉन्फ्रेसिंग के दौरान संभागायुक्त कक्ष मोती महल में पुलिस महानिरीक्षक, विद्युत तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं सहित संबंधित  संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

        मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज टेली कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के संभाग आयुक्तों और जिला कलेक्टरों से चर्चा कर सूखे की स्थिति और पेयजल संकट की समीक्षा के साथ ही जल संरक्षण और संवर्ध्दन कार्य की जानकारी ली। परख कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस टेली कॉफ्रेंसिंग में श्री चौहान ने विद्युत प्रदाय, गेहूँ उपार्जन एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों, नामातंरण, बँटवारे और सीमांकन प्रकरणों, आंगनबाड़ियों में पोषण आहार वितरण तथा मौसमी तथा संक्रामक बीमारियों के नियंत्रण एवं रोकथाम की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के कमिश्नरों और कलेक्टरों से कहा कि सुशासन राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री चौहान ने शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रत्येक पात्र व्यक्ति को लाभ दिये जाने में लालफीताशाही की समाप्ति पर जोर दिया। उन्होंने सिटीजन चार्टर के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित कर नामांतरण, बंटवारा, पेंशन प्रकरणों आदि का निराकरण समय-सीमा में करने को कहा। श्री चौहान ने प्रशासन से पारदर्शिता और न्याय की अपेक्षा वाले सार्वजनिक हित के कामों के निष्ठापूर्वक संपादन की जरूरत बतायी। उन्होंने निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जुए-सट्टे और मादक द्रव्यों पर प्रभावी रोक की भी अपेक्षा की ।

श्री चौहान ने अधिकारियों से जनता और जन-प्रतिनिधियों के लिये सहज उपलब्ध रहने को कहा ताकि परस्पर संवाद और संवेदनशीलता के माध्यम से समस्याओं का प्रभावी निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो सके।

मुख्यमंत्री ने परख कार्यक्रम को प्रबंधन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए कार्यक्रम के लिये समय पर सही जानकारी देने के लिये कहा। श्री चौहान ने कहा कि अब से वे इस कार्यक्रम में नियमित तौर पर भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि परख के मैदानी नोडल अधिकारियों को सक्रिय किया जाये। वरिष्ठ अधिकारी अपने भ्रमण के दौरान जानकारी की सत्यता को परखकर त्रुटि पाए जाने पर नोडल अधिकारी के विरूध्द कार्रवाई करें और यदि अच्छा काम हुआ है तो प्रशंसा करें। श्री चौहान ने जानकारी के आधार पर तत्काल सुधारात्मक उपाय करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर जिला अधिकारी और कलेक्टर भी दोषी माने जायेंगे। श्री चौहान ने संभाग आयुक्तों को निर्देश दिये कि वे अपनी समीक्षा बैठक में परख कार्यक्रम की नियमित समीक्षा करें।       

        प्रारंभ में मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने 'परख' कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। श्री साहनी ने प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन निर्विघ्न संपन्न होने के लिये अधिकारियों को बधाई दी। टेली कांफ्रेंसिंग के दौरान संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव/ सचिव और मुख्यमंत्री के सचिव श्री इकबालसिंह बैंस और श्री अनुराग जैन भी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश

·          प्रदेश के सभी नागरिकों के लिये पेयजल की जरूरी और पर्याप्त व्यवस्था हो।

·          हेंडपंप खराबी की शिकायतों के निराकरण की प्रभावी व्यवस्था हो। खराब हेंडपंप तत्काल सुधारे जायें और जरूरत के मुताबिक हेंडपंप में पाइप बढ़ाकर, मोटर लगाकर या निजी बोरिंग का अधिग्रहण कर पेयजल वितरण सुनिश्चित हो।

·          अन्य उपाय कारगर न होने पर परिवहन के जरिये पेयजल की व्यवस्था करें।

·          बिजली के अभाव में पेयजल योजना बंद नहीं हो। इस संबंध में नगरीय प्रशासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ऊर्जा विभाग समन्वय करें।

·          रोजगार गारंटी योजना के जरिये सभी जिलों में जरूरतमंदों को तत्काल कार्य उपलब्ध कराये। कार्य का इच्छुक व्यक्ति बिना कार्य के न रहे।

·          जलाभिषेक अभियान और हरियाली महोत्सव के अब तक के क्रियान्वयन का प्रभावात्मक मूल्यांकन हो।    

·          मानसून शुरू होने के पहले भूमि की तैयारी, प्रजातियों का चयन, पौधों की जरूरत का आंकलन कर नर्सरियों से समन्वय सुनिश्चित करें।

·          वृक्षारोपण में पौधों की सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता दें।

·          सभी जिले जलाभिषेक और हरियाली महोत्सव की कार्य योजना तैयार कर तत्काल कार्य शुरू करें।

·          ट्रांसफार्मरों के खराब होने की शिकायतों का तत्काल निराकरण हो। विद्युत आपूर्ति के विषय में निरंतर सतर्क रहे।

·          समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के अंतर्गत परिवहन, सुरक्षित भंडारण एवं किसानों को समय पर भुगतान का ध्यान रखा जाये।

·          पहुँचविहीन क्षेत्रों में वर्षा पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली सामग्री का भण्डारण करें।

·          राशन दुकान स्तरीय, विकासखण्ड स्तरीय और जिला स्तरीय सतर्कता समितियों का गठन इस माह के अंत तक आवश्यक रूप से करें।

·          खरीफ सीजन के लिये उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

·          प्रत्येक विकासखण्ड में एक गांव का चयन कर वहां जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाये।

·          नामांकन, बँटवारे और सीमांकन संबंधी प्रकरणों का निराकरण सिटीजन चार्टर में निर्धारित समय-सीमा में किया जाये।

·          सीमांकन के सभी प्रकरणों का निराकरण वर्षा ऋतु के पूर्व किया जाये।

·          कुपोषण के मामलों पर विशेष ध्यान दें।

·          पहुँचविहीन क्षेत्रों की आंगनबाड़ियों में पोषण आहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

·          मानसून शुरू होने के पहले भूमि की तैयारी, प्रजातियों का चयन, पौधों की जरूरत का आंकलन कर नर्सरियों से समन्वय सुनिश्चित करें।

·    वृक्षारोपण में पौधों की सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता दें।

·          सभी जिले जलाभिषेक और हरियाली महोत्सव की कार्य योजना तैयार कर तत्काल कार्य शुरू करें।

·          ट्रांसफार्मरों के खराब होने की शिकायतों का तत्काल निराकरण हो। विद्युत आपूर्ति के विषय में निरंतर सतर्क रहे।

·          समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के अंतर्गत परिवहन, सुरक्षित भंडारण एवं किसानों को समय पर भुगतान का ध्यान रखा जाये।

·          पहुँचविहीन क्षेत्रों में वर्षा पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली सामग्री का भण्डारण करें।

·          राशन दुकान स्तरीय, विकासखण्ड स्तरीय और जिला स्तरीय सतर्कता समितियों का गठन इस माह के अंत तक आवश्यक रूप से करें।

·          खरीफ सीजन के लिये उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

·          प्रत्येक विकासखण्ड में एक गांव का चयन कर वहां जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाये।

·          नामांकन, बँटवारे और सीमांकन संबंधी प्रकरणों का निराकरण सिटीजन चार्टर में निर्धारित समय-सीमा में किया जाये।

·          सीमांकन के सभी प्रकरणों का निराकरण वर्षा ऋतु के पूर्व किया जाये।

·          कुपोषण के मामलों पर विशेष ध्यान दें।

पहुँचविहीन क्षेत्रों की आंगनबाड़ियों में पोषण आहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करे।       .

·          मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की राज्य शासन की प्राथमिकता की पूर्ति के लिये टीकाकरण और संस्थागत प्रसव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

·          डेंगू, मलेरिया, हैजा, स्वाईन फ्लू एवं अन्य मौसमी तथा संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिये तंत्र को सुदृढ़ रखा जाने के साथ ही आकस्मिकता योजना को प्रभावी बनाये।

·          पंचायत सचिवों को नये वेतनमान के अनुरूप भुगतान सुनिश्चित किया जाये।

·          ग्रीष्म अवकाश में सूखाग्रस्त क्षेत्रों की शालाओं में मध्यान्ह भोजन का वितरण कड़ाई से सुनिश्चित करे।

·          औद्योगिक निवेश के लिये चयनित भूमियों के अंतरण के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करे।

·          सड़क निर्माण संबंधी बीओटी प्रोजेक्ट्स में भू-अर्जन के प्रकरणों तथा अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्रवाई समय-सीमा में पूरी करें।

·          नवगठित जिलों में रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र की जाये।

·          'स्कूल चलें हम' अभियान में सभी स्तर के जन-प्रतिनिधियों और जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाये।

·          शिक्षण सत्र शुरू होने के पहले संविदा शिक्षकों के चयन, भर्ती और नियुक्ति की प्रक्रियाएँ समय-सारणी बनाकर शीघ्र की जाये।

 

बुधवार, 20 मई 2009

मुरैना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा का एक अंदाज यह भी

मुरैना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग शर्मा का एक अंदाज यह भी

पुलिस की नौकरी के अलावा एक बेहतर प्रतिभा और कला का धनी भी है यह अफसर

 

नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

 

कई बार प्रतिभायें और विद्वता अपनी कलात्मक खूबियों को लेकर सरकारी वर्दी के पीछे कर्तव्य पालन की वेदी पर भेंट चढ़ जातीं हैं और अक्सर सरकारी अफसरों को हम सदा एक अलग नजरिये से देखते हैं !

मैंने इण्टरनेट पर भीड़ में से सदा कुछ विशिष्ट लोगों की तलाश की है, आज मैं कुछ तलाश रहा था कि अचानक एक जाना पहचाना चेहरा (जाने पहचाने लोग इण्टरनेट पर यदा कदा ही मिलते हैं) मेरी नजर में आया और मुरैना के कुन्तलपुर यानि कुतवार पर आलेख पढ़ते पढ़ते मुझे लगा कि किसी ने वाकई बड़ा बेहतरीन आलेख लिखा है वह भी मय चित्रों के ! जिज्ञासावश लेखक को जानने की इच्छा हुयी तो जो श्रीमान इस लेख के रचयिता थे उनकी प्रोफाइल देखकर मैं चौंक गया !

इस आलेख के रचयिता थे मुरैना की मशहूर पुलिस हस्ती भाई अनुराग शर्मा जो कि मुरैना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हैं ! उसके बाद मैंने उनका सारा ब्यौरा और सारा ब्लाग देखा ! मुझे कुछ खास बात लगी तो मैंने आपके साथ शेयर करना उचित समझा !

अभी तक आप सब हमारे बिहार के मुजफ्फरनगर के डी.आई.जी. पुलिस अरविन्द पाण्डेय से खास परिचित हो ही गये होंगे ! उनकी प्रतिभा, कला और भावनाओं का वाकई मैं कायल हूँ और जब भी उनकी कोई नई पोस्ट आती है, मैं तुरन्त मॉडरेशन में प्रकाशित कर देता हूँ ! उनकी भावनायें और रचनायें इतनी श्रेष्ठ होतीं हैं कि लगता है कि काश हर पुलिस आफिसर मानवता के इतने नजदीक होता ! उनके गीत और कविताये तो दिल को छू जातीं हैं , कुछ गीत तो उन्होंने अपनी बिटिया के स्वर में प्रस्तुत किये हैं ! हालांकि पाण्डेय जी शायद तकनीकी स्त्राेतों व संसाधनों का बेहतर उपयोग नहीं कर पा रहे हैं या शायद अनभिज्ञ हैं, वरना और भी करिश्मा उभर कर आता ! अब तो उनका प्रकरणों को सुलझाने का सामाजिक व पारिवारिक स्टाइल भी मुझे खूब भाया !

अभी तक अरविन्द पाण्डेय भैया का इण्टरनेट पर धमाल मचा था लेकिन अब हमारे मुरैना के एडीशनल एस.पी. अनुराग शर्मा जी ने भी दस्तक दे दी है ! और एण्ट्री भी काफी धमाकेदार है !

आप जो लिखते हैं, आपके साहित्य व विचार से आपका व्यक्तित्व भली भांति जाना जा सकता है !

अनुराग शर्मा जी ने अपने ब्लाग पर जो भी अभी तक प्रस्तुत किया है वह जिज्ञासुओं और अन्वेषकों तथा उत्कृष्ट साहित्य के इच्छुकों के लिये बहुत बेहतर है ! उनके द्वारा लिखे गये लेख वाकई बेहतरीन उत्कृष्ट कोटि के हैं तथा भाषा व साहित्य के व्याकरण पर पकड़ भी इतनी बेहतर है कि अच्छे अच्छे पत्रकार व साहित्यकार (जो खुद को उच्च कोटि का साहित्यकार या पत्रकार मानते हैं वे अनुराग शर्मा जी को जरूर पढ़ें ) बेहद संतुलित व संयमित वाक्यावली स्वत: ही मनमोहन हैं !

उनके द्वारा प्रदत्त जानकारीयां प्रमाणिक व उच्च स्तरीय हैं और चौंकाने वाली भी क्योंकि जो काम हम लोग कर रहे हैं या हमें करना है उसे कोई और भी गुप्त तरीके से भी कर रहा है ! और हम सबसे अधिक बेहतर तरीके से ! फोटोग्राफों की क्वालिटी भी उच्च कोटि की है !

उनके आलेखों में विद्वता, रिसर्च और प्रमाणिकता का तत्व स्वत: ही महसूस हो जाता है ! हालांकि ककनमठ, कुतवार और बटेश्‍वरा पर उनका आलेख तथ्यात्मक रूप से त्रुटिपूर्ण है और मैंने इस सम्बन्ध में उन्हें टिप्पणी के जरिये संकेत भी कर दिया है !

अनुराग जी का ब्लॉग ब्लागर पर बना हुआ है और ऍंग्रेजी वाक्य इम्प्रेशन्स के नाम से है ! आप यहाँ क्लिक करके उन्हें पढ़ सकते हैं ! http://yoursanurag.blogspot.com/ उनका ब्लागर पर आगमन फरवरी 2009 में हुआ है तथा पहली पोस्ट मार्च में लिखी है एवं अंतिम अपडेट 10 मई 2009 को हुयी है !

अनुराग शर्मा जी कवितायें भी लिखते हैं यहॉं ग्‍वालियर टाइम्‍स पर हम उनकी लिखी हुयी कविता दे रहे हैं जिससे आप उनके इस पहलू से भी वाकिफ हो सकें ! उनकी कविता तथा कुछ लेख आप ग्वालियर टाइम्स पर पढ़ सकेंगे ! तथा भविष्य में सिंडीकेशन के जरिये उनके ताजे अपडेट भी ग्वालियर टाइम्स पर देखने को मिलेंगे !

अनुराग शर्मा जी को पुराने फिल्मी गाने पसन्द हैं , उनके पसन्दीदा गायक जगजीत सिंह व चित्रा सिंह गजल गायक हैं फिल्मी गीत उन्हें यसुदास के और गुलजार के पसन्द हैं ! उन्हें अंग्रेजी फिल्में पसन्द हैं ! पसन्दीदा फिल्मों की उनकी सूची काफी लम्बी है ! अनुराग शर्मा की पसन्दीदा पुस्तकें शरलॉक होम्स, पेरी मेसन की किताबें, और राग दरबारी हैं ! अभी तक उनकी प्रोफाइल करीब 250 बार विजिट की गयी है !