राष्ट्रपति ने बहु-भाषी वैब पोर्टल शुरू किया
देश की ग्रामीण आबादी को जीवन यापन संबंधी सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं अब सिर्फ एक बटन दबाते ही उपलब्ध होंगी। राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने आज नई दिल्ली में बहु-भाषी सरकारी पोर्टल प्रारंभ किया जो स्थानीय भाषाओं में गरीबों और सीमान्त लोगों की महत्वपूर्ण जरूरतों के बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराएगा। इस पोर्टल का शीर्षक इंडिया डवलपमेंट गेटवे (आईएनडीजी) रखा गया है। इस पर ग्रामीण समुदाय कृषि, ग्रामीण ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और ई-प्रशासन जैसे छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सूचनाएं तुरन्त प्राप्त कर सकता है। यह सेवा हिन्दी, मराठी, तमिल, तेलुगु, बंगला और अंग्रेजी में उपलब्ध होगी। आने वाले दिनों में और अधिक क्षेत्र तथा और अधिक भाषाएं इसमें शामिल की जाएंगी। हैदराबाद स्थित सेन्टर फॉर डवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सीडैक) इस पोर्टल का संचालन करेगा और भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का ई-प्रशासन प्रभाग इसे सहायता उपलब्ध कराएगा। इस पोर्टल में सरकार, गैर सरकारी संगठनों, सामुदायिक संगठनों और निजी शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थानों का सहयोग लिया जा रहा है।
पोर्टल की शुरूआत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह देशभर की पंचायतों को जोड़ सकता है। यह ग्रामीण लोगों के सशक्तीकरण और ग्रामीण विकास के अवसरों का माध्यम साबित होगा। उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को कृषि में दूसरी हरित क्रान्ति लाने के लिए मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक इस प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि इस पोर्टल से प्राथमिक शिक्षा, ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा क्षमता तथा गांवों में स्वास्थ्य उद्देश्यों के सार्वभौमीकरण के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलनी चाहिए। इस पोर्टल का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं के फायदों और आय सृजन के विकल्पों के बारे में ग्रामीण आबादी को सूचना उपलब्ध कराने के लिए होना चाहिए।
इस अवसर पर इंडिया डवलपमेंट गेटवे इनिशिएटिव के अध्यक्ष और जाने-माने वैज्ञानिक, प्रो0 एम.एस. स्वामीनाथन ने कहा कि यह पोर्टल सामाजिक सम्मिलन, ज्ञान क्रान्ति और राष्ट्रीय विकास पर आधारित विकास की नई अवधारणा प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि गेटवे पोर्टल कृषि की सहायता तथा गांव के अन्य क्षेत्रों में सहायता उपलब्ध कराने के लिए मौसम और बाजार जैसे क्षेत्रों में सूचना उपलब्ध कराएगा। इस अवसर पर अनेक सहयोगी संगठन और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस दौरान ग्रामीण विकास और आजीविका का स्तर सुधारने के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान पर विभिन्न भागीदारों की कार्यशाला आयोजित की गई और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विभिन्न सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पहल को रेखांकित करने वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई ।
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