विशेष सामग्री :धौलपुर : पेयजल के भागीरथी प्रयास सफल हुए
जयपुर,
जिले के डांग क्षेत्रा में वर्षों से चली आ रही पेयजल समस्या के निराकरण के लिए आंगई बांध से अमृत रूपी शुध्द जल पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्घरा राजे को डांग की जनता द्वारा भागीरथी कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
राज्य सरकार द्वारा गत चार वर्षो में धौलपुर में पेयजल योजनाओं पर जितना कार्य किया है, इतना इनसे पहले के वर्षों में कम ही देखने को मिला है । जिले के लिए सबसे बडी सौगात सरमथुरा सहित 11 गांवों को आंगई बांध से शुध्द पेयजल पहुंचाने की परियोजना है। स्थानीय लोगों का वर्षों का इंतजार 15 जून को पेयजल आपूर्ति शुरू होने पर पूरा हो जायेगा। दुनिया भर में लाल पत्थर के भंडारण के लिए प्रसिध्द सरमथुरा क्षेत्रा जहां पर प्रति वर्ष प्रशासन ध्दारा टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जाती है और पेयजल समस्या के कारण विकास की डगर धीमी होती जा रही थी
मुख्यमंत्राी ने इसके स्थाई समाधान के लिए भागीरथी प्रयास किये जिसके परिणाम स्वरूप आज डांग क्ष्रेंत्रा के सरमथुरा सहित 11 गांवों की परियोजना के अलावा ,82 गांवों को चम्बल नदी व आंगई बांध से पेयजल उपलब्ध कराने की योजना स्वीकृत कर कार्य शुरू किया जा चुका है।
पार्वती एवं चम्बल नदी के मध्य बसा धौलपुर जिला कुए पर बैठा प्यासा व्यक्ति के समान था । जिले का धरातल पहाड़ी होने के कारण भू-जल का दोहन संभव नहीं है,ऐसे में पार्वती नदी पर बना आंगई बाध एवं चम्बल नदी का अथाह जल भण्डार का उपयोग कर बनाई गई पेयजल परियोजनाएं स्थानीय बाशिन्दों के लिए अतुलनीय साबित होगी ।
आंगई- सरमथुरा पेयजल परियोजना %
पार्वती नदी पर बने जिले के सबसे बड़े आंगई बांध से तहसील सरमथुरा एवं आस-पास के 11 गांव आंगई, सलेमपुर ,दरवा, बिजौली, कॅेकरेट, पिपरेट,एव बरौली, रहरई, सुरईकला, सुरईखुर्द आदि गांवों के लिए बनाई इस परियोजना की कुल लागत 13.89 करोड़ रुपये आंकी गई है जिसके तहत 20 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन डाली गई है तथा बाड़ी सरमथुरा रोड़ पर आंगई गांव के समीप फिल्टर प्लान्ट ,स्वच्छ जलाशय पम्प हाउस का निर्माण कराया गया है। क्षेत्रा के आंगई, दरबा, बरौली व सुरईकला में गांवों में उच्च जलाशयों का निर्माण कार्य कर वितरण लाइनों का कार्य किया गया है जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्रा में पेयजल समस्या नहीं रहेगी।
डांग क्षेत्रा के 82 गांवों को पेयजल के लिए 84 करोड़ की परियोजना %
डांग क्षेत्रा की पेयजल समस्या का स्थाई हल हेतु जिले के बाड़ी, बसेड़ी उपखण्ड के 82 गांवों को चम्बल से पानी पहुंचाने के लिए 84 करोड़ की परियोजना तैयार की गई है। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति के उपरान्त जनस्वास्थ्य अभियान्त्रिाकी विभाग द्वारा सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा डिजाइनिंग कार्य पूर्ण होने पर अक्टूबर माह में फर्म को आदेश दिये जाने की संभावना है।
चम्बल-धौलपुर- भरतपुर पेयजल परियोजना %
इस परियोजना से धौलपुर जिले के 102 गांव तथा भरतपुर जिले के 143 गांव लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल लागत 166.50 करोड़ रुपये आंकी गई। इसमें चम्बल नदी से भरतपुर जिले के मलाह गांव तक पाइप लाइन डाली जानी है।
योजना के तहत धौलपुर तहसील के 62 गांवों में साागरपाड़ा आफटेंक से क्षेत्राीय जलदाय योजनाओं की कुल लागत 9.11 करोड़ रुपये की है। इसमें 125 कि.मी. में से 105 कि.मी.लम्बी पाइप लाइन डाली जा चुकी है तथा ग्राम बसईनीम, रतनपुर, करीमपुर, पचगांव फिरोजपुर में 250 कि.मी. व ग्राम खेरा में 150 किलोलीटर क्षमता का उच्च जलाशय बनाया जा चुका है। सागरपाड़ा पर फिल्टर प्लान्ट, पम्प हाउस एवं 350 किलोलीटर क्षमता का स्वच्छ जलाशय पूर्ण हो चुका है।
आफटेंक सैपऊ से 40 ग्रामों की क्षेत्राीय जलप्रदाय योजना की लागत 7.68 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस परियोजना के पूर्ण होते ही घौलपुर जिले का बाड़ी, बसेड़ी व धौलपुर उपखण्ड के सभी गांवों को पेयजल समस्या से स्थाई निजात मिल जायेगी।
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