दैनिक भास्कर ने भारी एण्टी इंकम्बेन्सी फैक्टर और जन मुद्दों की चेतावनी दी
भास्कर ने अप्रत्यक्ष चेतावनी दी बदल रही हैं राज्यों में सरकार, परिवर्तन की आहट और सत्ता दल की देहरी पर संकट की दस्तक
असलियत से दूर रहने का दण्ड भुगतेंगें सत्ता दल
बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, विकास और मूलभूत समस्यायें खोपड़ी घुमा रहीं हैं मतदाता की
मुरैना 12 अक्टूबर 08, अंचल के लोकप्रिय व सर्वाधिक प्रसार संख्या वाले हिन्दी दैनिक दैनिक भास्कर द्वारा चुनावी मुद्दों पर मतदाताओं के रूझान परीक्षण हेतु आयोजित सर्वे में प्राप्त परिणामों साफिया तौर पर सचेत कर दिया है कि तीन राज्यों में राजस्थान , छत्तीस गढ़ और मध्यप्रदेश में भारी सत्ता विरोधी लहर है ।
दैनिक भास्कर ने स्पष्ट चेताया है कि बेरोजगारी प्रमुख व स्पष्टत: प्रथम स्मरणीय मुद्दा जनता ने चुना है उसके बाद भ्रष्टाचार और विकास तथा मूलभूत समस्यायें क्रम पर आयीं हैं यानि बिजली पानी और सड़क तथा अन्य ।
दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित इस खुलासे की रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो मध्यप्रदेश में स्थिति अत्यधिक चिन्तनीय है क्योंकि सबसे अधिक एण्टी इंकम्बेन्सी मध्यप्रदेश में ही है । राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह लहर कुछ कम है । लेकिन भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दे तीनों ही राज्यों में खतरनाक स्थिति में तैर रहे हैं ।
बेरोजगारी तो तीनों ही राज्यों में सुरसा के मुंह की तरह विस्तारित है । जबकि मध्यप्रदेश में सरकार जिस विकास के मुद्दे पर अपना डंका बजाने में लगी है उसका नब्बे फीसदी भाग केन्द्र सरकार की योजनाओं पर आश्रित है यानि केवल दस फीसदी जिस विकास की बात राज्य सरकार करना चाह रही है वह भी अभी तक केवल पत्थर गाड़ कर महज शिलान्यासी पत्थरों यानि प्रदेश को कब्रिस्तान बनाने तक सीमित है ।
दैनिक भास्कर के सर्वे से एक बात और साफ होती है कि जनता अब समझदार और जागरूक हो चुकी है तथा झुनझुनों और घोषणाओं से उकता चुकी है तथा काम करने वाली सच बोलने और करके दिखाने वाली सरकार में यकीन रखती है ।
प्रश्न यह नहीं कि कौन जीतेगा या कौन हारेगा और न दैनिक भास्कर ने कोई एक्जिट पोल कराया बस जनता के दिल की बात को जाना और खुल कर जाना ।
मीडिया परिक्षेत्र द्वारा पहली बार दस प्रकार का अद्भुत सर्वे किया जिसमें जनता को खुल कर अपनी बात अपने ढंग से कहने का मौका दिया गया । और मामला भी साफ हो गया । सर्वे में दैनिक भास्कर के तीनों राज्यों के लाखों पाठकों ने शिरकत की थी । एक्जिट पोल जैसे प्रायोजित और फर्जी सर्वे के बजाय ऐसे स्वस्थ व स्वच्छ सर्वे के लिये दैनिक भास्कर साधुवाद का पात्र है ।
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