मंगलवार, 15 सितंबर 2009

ग्रामीण विकास मंत्रालय : तिमाही प्रगति रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

ग्रामीण विकास मंत्रालय : तिमाही प्रगति रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून - नरेगा गरीबी से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सवेतन रोजगार कार्यक्रम का नक्शा मंत्रालय ने तैयार किया और केंद्र सरकार ने 2005 में इसे अंतिम रूप दिया। नरेगा को सुदृढ बनाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा रेखांकित महत्त्वपूर्ण और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान देना जारी रखने के लिए मंत्रालय ने उच्च स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की और गहन विचार विमर्श किया। इसके फलस्वरूप जिला स्तर पर लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश जारी किया गया। नरेगा के डाटाबेस का इस्तेमाल करने के लिए भारतीय अनन्य पहचान विकास प्राधिकरण के साथ भागीदारी का निर्णय लिया गया है।

       नरेगा के कार्यान्वयन की गुणवत्ता में सुधार के लिए इसके सामाजिक लेखा परीक्षा पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए कानून में संशोधन किया गया है। मंत्रालय ने विभिन्न स्कीमों और विशेष  कार्यक्रमों को आपस में मिलाने के लिए दिशानिर्देश विकसित किए हैं। इसके लिए 23 राज्यों में 115 जिलों में प्रायोगिक तौर पर नरेगा के साथ अन्य योजनाओं को मिलाने की योजना शुरू की गई है।

       फिलहाल नरेगा के तहत सिर्फ अकुशल मानव श्रम कार्य ही शामिल है लेकिन कानून में संशोधन के जरिए सिंचाई सुविधा, बागवानी रोपण और भूविकास सुविधाओं को भी नरेगा के कार्यों में शामिल किया गया है।

       वर्ष 2009-10 में जुलाई तक 2.53 करोड़ परिवारों को काम उपलब्ध कराया गया है और 87.09 करोड़ व्यक्ति दिवसों का सृजन किया गया है। नरेगा के बाद पिछले तीन साल के दौरान दैनिक मजदूरी बढक़र 87 रूपए हो गई है। नरेगा में सूखे के प्रभाव को भी कम करने की क्षमता है।

       प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। भारत निर्माण के छह घटकों में ग्रामीण सड़कों को भी एक घटक माना गया है। इसके तहत मैदानी क्षेत्रों में 1000 व्यक्तियों की आबादी वाली बस्तियों को और  पर्वतीय क्षेत्रों या जनजातीय क्षेत्रों में 500 की आबादी वाली बस्तियों को सर्व-मौसम सड़क संपर्कता उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत 54,648 बस्तियों को सड़क संपर्कता उपलब्धता कराने और 1,46,185 किमी लम्बी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य है। 1,94,130 किमी सड़कों के उन्नयन का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अगस्त 2009 तक राज्योंसंघीय क्षेत्रों को 7280.70 करोड़ रूपए जारी किए जा चुके हैं।

       प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना परियोजनाओं की ई-खरीद, परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी की गुणवत्ता सुधारना, परियोजनाओं की नागरिक निगरानी की प्रायोगिक परियोजना और गुणवत्ता निगरानी तंत्र को सुदृढ करने जैसी नई पहल शुरू की गई हैं।

       इंदिरा आवास योजना मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को आवास बनाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान वर्ष के दौरान 8800.00 करोड़ रूपए का केंद्रीय आवंटन किया गया है जिसमें से 10 सितम्बर 2009 तक 2428.48 करोड़ रूपए जारी किए जा चुके हैं।

       राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम 1995 में शुरू किया गया था और इसमें फिलहाल इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृध्दावस्था पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय अक्षमता पेंशन योजना,  राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना और अन्नपूर्णा नामक पांच योजनाएं शामिल हैं।

       त्वरित ग्रामीण पेय जल आपूर्ति कार्यक्रम को अब पुनर्संरचना के बाद पहली अप्रैल 2009 से इन्दिरा ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम बना दिया गया है। वर्ष 2009-10 में इसके लिए 8000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं जिनमें से 2377 करोड़ रूपए जारी किए जा चुके हैं।

 

       पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने को मंत्रीमंडल ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए संविधान में संशोधन का प्रस्ताव है। यह विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा।

 

 

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