मंगलवार, 30 दिसंबर 2008

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी (डीपीएल)

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी (डीपीएल)

पृष्ठ भूमि

       दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है, जिसका संचालन दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा होता है तथा इसका वित्तीय पोषण भारत सरकार करती है।  1951 में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी (डीपीएल) को भारत सरकार द्वारा यूनेस्को की एक परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। इसका उद्धाटन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था। इसकी शुरूआत पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने, पुरानी दिल्ली में एक छोटी लाइब्रेरी के रूप में हुई थी। इसके बाद से ये दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में एक प्रमुख सार्वजनिक पुस्तकालय के रूप में विकसित हुई।

       दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी का समस्त दिल्ली में फैले क्षेत्रीय पुस्तकालयों, शाखाओं तथा उपशाखाओं, आरसी पुस्तकालयों, सामुदायिक पुस्तकालयों, संग्रह स्टेशनों, खेल पुस्तकालयों, चलते-फिरते पुस्तकालयों, ब्रेल लाइब्रेरी इत्यादि  का नेटवर्क है। पुस्तकालय के पास हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में लगभग सभी विषयों पर, 14 लाख से ज्यादा पुस्तकों का बहुत ही अच्छा संग्रह है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी 1954 अधिनियम के तहत पुस्तक एवं समाचार पत्र (सार्वजनिक पुस्तकालय) प्रदान  प्रावधानों का चौथा प्राप्ति पुस्तकालय है। यह पुस्तकालय दिल्ली वासियों को निशुल्क पुस्तकालय सुविधा प्रदान करता है। पुस्तकों का हस्तांतरण यहां की प्रमुख गतिविधियां हैं। यह पुस्तकालय बच्चों को भी अपनी सेवा देता है। तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे व्याख्यान, वाद-विवाद, प्रदर्शनी इत्यादि का भी आयोजन करता है। इस  लाइब्रेरी की प्रमुख विशेषता नेत्रहीन, कैदियों को अपनी सेवा देना तथा चलते-फिरते पुस्तकालय की सुविधा प्रदान करना है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी भारत में सबसे बड़ी सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणाली है तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे व्यस्त सार्वजनिक पुस्तकालय है।

उपलब्धियां तथा मुख्य बिन्दु

       डीपीएल तथा इसकी शाखाएं सप्ताह में छह दिन खुलती थी। अब यह सदस्यों के लिए सातों दिन खुली रहती हैं (रविवार सहित राजपत्रित अवकाश छोड़कर)। डीपीएल के सदस्य अब सप्ताह अंत (रविवार) को भी पुस्तक ले और लौटा सकते हैं।

निशुल्क इंटरनेट सेवा

              दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी (डीपीएल) सरोजनी नगर, केन्द्रीय लाइब्रेरी (एसपीमुखर्जी मार्ग) तथा पटेल नगर शाखाओं की लाइब्रेरी में उच्च गति की इंटरनेट सेवा सुविधा मुहैया करा रही हैं। इन शाखाओं की लाइब्रेरी में प्रत्येक में दस कम्प्यूटर टर्मिनल सदस्यों के इंटरनेट उपयोग के लिए रखे गये हैं। लाइब्रेरी के लिए ये बहुत सफल रहा है,  सभी टर्मिनल हमेशा व्यस्त रहते हैं। इसके अच्छे नतीजे को देखते हुए हमने शीघ्र ही इन शाखाओं में 10 टर्मिनल और लगाने का प्रस्ताव रखा है।

निशुल्क सीडी डीवीडी सदस्यों को उधार देना

       डीपीएल ने केन्द्रीय लाइब्रेरी (एसपीमुखर्जी मार्ग, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने) में 24 अक्तूबर, 2008 से तथा 28 नवम्बर, 2008 से दक्षिण क्षेत्रीय लाइब्रेरी, सरोजनी नगर में सीडी डीवीडी निशुल्क उधार देना शुरू किया है। इस सेवा का विस्तार अब शीघ्र ही पटेल नगर शाखा तक किया जायेगा। इसमें अंग्रेजी, हिन्दी सिनेमा, शिक्षण, मनोरंजनात्मक तथा बच्चों के सीडी डीवीडी का संग्रह है।

डीपीएल का सूची पत्र आन लाइन

       डीपीएल ने अपना सूचीपत्र (ओपीएसी) कोहा ओपन सोर्स लाइब्रेरी आटोमेशन सापऊटवेयर के साथ आन लाइन पर उपलब्ध कराया।  लाइब्रेरी कंप्यूटराइजेशन के लिए कोहा 3.0 का नया रूपान्तर इस्तेमाल करने  का गौरव प्राप्त करने वाला डीपीएल भारत का पहला पुस्तकालय है। पूरे विश्व में तथा डीपीएल के 45,000 सदस्य अब डीपीएल के चालू सूची पत्र शीर्षक, विषय तथा लेखक के नाम से इंटरनेट पर हमारी वेबसाइट   .ड्डद्रथ्.ढ़दृध्.त्द  या   http://delhpubiclibrary.in   पर देख सकते हैं।

बाल इकाई का मरम्मत

       डीपीएल ने सरोजनी नगर, पटेल नगर तथा केन्द्रीय लाइब्रेरी शाखाओं  में अपनी बाल इकाई का मरम्मत किया है। इन शाखाओं में पुस्तकों, सीडी डीवीडी, फर्निचरों तथा बाल क्रीड़ाओं की पूरी नई संग्रह को जोड़ा गया है। डीपीएल के आधुनिकीकरण का कार्यक्रम इस वर्ष के शुरू में आरंभ किया गया तथा लोगों ने इस नई सेवा को उत्साहवर्धक रूप से सराहा है। बारी-बारी से इसे अब अन्य पुस्तकालयों में भी अपनाया जायेगा।

       लोगों को स्मरण दिला दें कि डीपीएल द्वारा दी जा रही सभी सेवाएं लाइब्रेरी के सदस्यों के लिए निशुल्क है। सदस्य के रूप में नामांकन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। नामांकन तथा अन्य जानकारियों के लिए आप हामरी वेबसाइट या   http://www.dpl.gov.in   देख सकते हैं। या अपने नजदीक के पुस्तकालय में जा सकते हैं।

 

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