बुधवार, 24 दिसंबर 2008

सूचना प्राद्योगिकी 2008-गुणवत्ता के विकास की कहानी

सूचना प्राद्योगिकी 2008-गुणवत्ता के विकास की कहानी

      सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)  के क्षेत्र में कई उपलब्धियों के साथ भारत के कदम सन 2008 में भी लगातार बढते रहे हैं। इनमें में कुछ इस प्रकार हैं-

 

आईटी-आईटी सेवा उद्योग- विकास कार्यक्रम

 

       भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकीजनित सेवा आधारित (आईटी-आईटीसेवा) उद्योगों ने वित्त वर्ष 2007-08 में उल्लेखनीय प्रगति की है। अपने स्थापित ट्रैक रिकार्ड पर आगे बढते हुए संपूर्ण आईटी-आईटीसेवा राजस्व वित्त वर्ष 2007-08 में 33 प्रतिशत बढोत्तरी के साथ अनुमानत: 64 अरब अमरीकी डालर तक पहुंच गया जबकि पिछले वित्त वर्ष 2006-07 में यह 48.1 अरब अमरीकी डालर       था।

 

       वित्त 2007-08 में सापऊटवेयर और सेवाओं का कुल निर्यात अनुमानत: 40.4 अरब अमरीकी डालर का था जबकि वित्त वर्ष 2006-07 के दौरान यह 31.4 अरब अमरीकी डालर था यानि इसमें 28.3 प्रतिशत की वृध्दि हुई। आईटीज बीपीओ का निर्यात वित्त वर्ष 2006-07 के 8.4 अरब अमरीकी डालर से 29.8 प्रतिशत बढकर 2007-08 में अनुमानत: 10.9 अरब अमरीकी डालर हो गया।

 

       हालांकि आईटी-बीपीओ एक निर्यातोन्मुखी क्षेत्र है लेकिन घरेलू बाजार भी काफी महत्वपूर्ण हैं।  घरेलू बाजार (आईटीसेवा-आईटीज बीपीओ)   से वित्त वर्ष 2007-08 में अनुमानत: 11.7 अरब अमरीकी डालर राजस्व प्राप्त हुआ जो 2006-07 के 8.2 अरब अमरीकी डालर से 42.7 प्रतिशत अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में   घरेलू बाजार में बीपीओ मांग काफी बढी है।

 

       आईटी सापऊटवेयर और सेवाओं से संपूर्ण रोजगार वित्त वर्ष 2007-08 में अनुमानत: 20 लाख तक पहुंच गया जो 2006-07 के 16 लाख 30 हजार से 22.7 प्रतिशत अधिक है। यानि वित्त वर्ष 2007-08 में आईटी पेशेवरों की संख्या में कुल तीन लाख 75 हजार की वृध्दि हुई। इस क्षेत्र से वित्त वर्ष 2007-08 में 80 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रुप से भी रोजगार मिला। इस क्षेत्र के विकास से करीब एक करोड़ रोजगार अवसर सृजित हुए।

 

       राष्ट्रीय जीडीपी में आईटी बीपीओ क्षेत्र का राजस्व वर्ष 2006-07 के 5.2 प्रतिशत से बढक़र वित्त वर्ष 2007-08  अनुमानत: 5.5 प्रतिशत हो गया।

 

       इस उद्योग ने निर्यात के क्षेत्र में 60 अरब अमरीकी डालर राजस्व का लक्ष्य तय कर रखा है और वर्ष 2010 तक सापऊटवेयर और सेवाओं के संपूर्ण क्षेत्र में इसे 73-75 अरब अमरीकी डालर तक ले जाना है।

 

       अनुसूची में दी गयी तालिका भारतीय आईटी तथा इलेक्ट्रोनिक उद्योग के तीव्र विकास की कहानी बयां करती हैं।

 

21000 सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी)

 

       भारत सरकार द्वारा अनुमोदित सीएससी योजना देश के ग्रामीण नागरिकों को समेकित रुप से सरकारी, निजी और सामाजिक क्षेत्र की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सुगम सेवा केंद्रों के रुप में सोची गयी थी। इसका उद्देश्य एक ऐसा मंच विकसित करना था जो सरकार, निजी और और सामाजिक क्षेत्र के संगठनों को देश के दूर दराज इलाकों में ग्रामीण आबादी तक अपने सामाजिक तथा वाणिज्यिक लक्ष्यों को आईटी आधारित तथा गैर आईटी आधारित सेवाओं के माध्यम से पहुंचा सके। एमएमपी एनईजीपी के मूल तथा सहायक अवसंरचनाका एक हिस्सा है।

 

        सीएससी आरएफपी 25 राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों के लिए जारी किए गए हैं। इनमें से 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 1,20,827 सीएससी केंद्रों के लिए चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है। इन 23 राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों में से 21 राज्यों ने 1,01,682 सीएससी केंद्रों के लिए अक्टूबर तक चयनित एससीए के साम एमएसए पर हस्ताक्षर कर लिए हैं।  अक्टूबर, 2008 तक 14 राज्यों में 20,558 सीएससी केंद्र स्थापित हो चुके हैं। शेष राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों में इस दिशा में कार्य चल रहा है। इस व्यापक परियोजना, जो वैश्विक रुप से अद्भुत है, को 2009 की दूसरी तिमाही तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।

 

स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के तहत उपलब्धियां

 

        31 अक्टूबर, 2008 तक स्वान पांच राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, चंडीगढ तथा दिल्ली में क्रियान्वित हो चुका है। अन्य नौ राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों में इसका क्रियान्वयन अंतिम चरण है और दिसंबर, 2008 में ही पूरा होने की उम्मीद है। दूसरे आठ राज्यों में स्वान के क्रियान्वयन का कार्य चल रहा है और जनवरी-मई, 2009 तक इसके पूरे हो जाने की उम्मीद है। राजस्थान में निविदा प्रक्रिया चल रही है जबकि अन्य चार राज्यों में निविदा प्रक्रिया शुरु हो गयी। अगले पांच राज्योंकेंद्रशासित प्रदेशों में आरएफपी प्रस्ताव समीक्षाधीन है जबिक अंडमान एवं निकोबार ने योजना से बाहर रहने की निर्णय लिया है।

 

कौशल निर्माण (सीबी)

 

         आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईबी)  द्वारा जनवरी, 2008 में अनुमोदित सीबी योजना के तहत राज्य ई-प्रशासन मिशन टीम के गठन के साथ साथ राज्यस्तरीय रणनीतिक निर्णय लेने के लिए संस्थानात्मक ढांचा स्थापित करना था। सीबी योजना में एसईएमटी तथा नीति निर्माताओं (विधायकों एवं वरिष्ठ नौकरशाहों)  के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण , दिशादर्शक कार्यक्रम, ज्ञान विनिमय, उत्कृष्ट अंतर्राष्ट्रीय प्रणालियों को लागू करना तथा राज्यों मे प्रशिक्षण संस्थानों का सशक्तिकरण शामिल है।

 

       इस योजना के संपूर्ण समन्वय एवं क्रियान्वयन के लिए डीआईटी में एक कौशल निर्माण प्रबंधन सेल स्थापित किया गया है। न्नएसईएमटी के लिए अस्थायी स्टाफिंग सर्विसेज प्रदान करने के लिए एजेंसिंयों का पैनल तैयार करने न्न तथा न्नभर्ती सेवा उपलब्ध कराने के लिए एजेंसिंयों का चयन न्न के लिए आरएफपी प्रक्रिया काफी आगे बढ चुकी है।

 

इलेक्ट्रोनिक हार्डवेयर विनिर्माण

 

       योजना के प्रति बडे निवेशकों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है। इसके तहत अगले 10 वर्षों में सेमीकंडक्टर फैब, एलसीडी पैनल विनिर्माण इकाई तथा पोलीसिल्कान समेत सोलर फोटोवोल्टिक्स इकाई की स्थापना के लिए कुल 1,55,000 करोड़ रूपये निवेश के 16 प्रस्ताव मिले हैं।

 

 

 

एसटीपीआई

 

      सन 1991 में सॉपऊटवेयर पार्क आफ इंडिया की स्थापना की गयी तथा उसे सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के तहत स्वायत्तशासी संस्था के रुप में पंजीकृत किया गया था। इसका उद्देश्य एसटीपी ईएचटीपी योजना का क्रियान्वयन, अवसंचरना सुविधाओं का निर्माण एवं प्रबंधन तथा आकलन एवं पेशेवर प्रशिक्षण जैसी अन्य सेवाएं प्रदान करना था। वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान उच्च क्षमता वाली संचार सुविधाओं से लैस तीन नये केंद्र हल्दिया, शिलांग तथा पटना में खोले गए तथा अभी कुल 51 एसटीपीआई केंद्रउपकेंद्र पूरे देश भर में कार्य कर रहे हैं।

 

फ्रीओपेन सोर्स सॉपऊटवेयर (एफओएसएसद्ग)

 

       देश में अनुसंधान एवं विकास, मानव संसाधन विकास और नेटवकिर्गं एवं उद्यमिता के लिए तथा एफओएसएस के संबंधित सी गतिविधियों के लिए संदर्भ  केंद्र के रुप फ्रीओपेन सोर्स सॉपऊटवेयर के विकास के लिए चेन्नई में सी-डैक और अन्ना विश्वविद्यालय के केबीसी अनुसंधान केंद्र ने मिलकर नेशनल रिसोर्स सेंटर फोर फ्री एंड ओपेन सोर्स सॉपऊटवेयर (एनआरसीएफओएसएस) की स्थापना की।  एनआरसीएफओएसएस ने ओपेन सोर्स कंटेंट मैनेजमैंट टूल का इस्तेमाल कर एक पोर्टल www.nrcfoss.org.in बनाई है और उसपर देशभर में होने वाली एफओएसएस गतिविधियां दर्ज हैं।

 

       सेंटर ने भारत ओपरेटिंग सिस्टम सोल्युसंश (बीओएसएस) नामक एक भारतीय जीएनयूलिनूक्स लोकलोलाइज्ड डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली बनाई है। विभिन्न भाषाओं में उपयोगी तथा विभिन्न पैकेजों के साथ लैस बीओएसएस लिनूक्स डेस्कटॉप एडिशन वर्जन 3.0 सरकारी क्षेत्र के बहुत ही उपयोगी है तथा इसे सितंबर, 2008 में डीआईटी द्वारा जारी किया गया।

 

डिजीटल अवसर सृजन

      

       भारतीय भाषाओं में आईसीटी के व्यापक उन्नयन के लिए डीआईटी ने आमलोगों को आसानी से विभिन्न भाषाओं में सॉपऊटवेयर उपकरण एवं फोंट उपलब्ध कराने के लिए एक प्रमुख कदम उठाया है। सी-डैक ने आमलोगों के मुपऊत इस्तेमाल के लिए सैंविधानिक रुप से मान्यताप्राप्त भाषाओं;  तमिल, हिंदी, तेलुगू, मराठी, उर्दू,  पंजाबी, ओड़िया, कन्नड़, असमी, मलयालम, तथा गुजराती में ग्यारह सीडी जारी की है। बंगाली सीडी जल्द ही जारी होने वाली है। अन्य भाषाओं में सीडी जारी करने तथा सीडी का दूसरा संस्करण जारी करने का काम चल रहा है।

 

       आमलोगों में करीब सात लाख सॉपऊटवेयर उपकरण तथा फोंट सीडी वितरित की जा चुकी है। ऑनलाइन पंजीकरण तथा सीडी के शिपमेंट के अलावा वेबसाइट से करीब 26 लाख डाऊनलोड किये गये हैं। मैगजीन. ओईएम के साथ प्रिबंडल सॉपऊटवेर आदि तरीके के जरिए भी सीडी दी गयी है।

 

सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र (आईटीआईआर)

 

       टायर टू और टायर थ्री शहरों में बुनियादी सुविधाओं का विकास जरुरी है क्योंकि पांच टायर वन शहरों; नई दिल्ली, बंगलुरु, हैदराबाद, मुम्बई, तथा चेन्नई में में अतिरिक्त वाणिज्यिक सुविधाओं के निर्माण की संभावना बिल्कुल क्षीण है। इस दिशा में आईटी निवेश क्षेत्र नीति प्रस्ताव के जरिए मई, 2008 में एक महत्वपूर्ण पहल किया गया जिसमें नये समेकित टाऊनशिप का विकास शामिल है। प्रति वर्ष 25 मिलियन वर्गफीट की अनुमानित दर पर वाणिज्यिक सुविधाएं तैयार करना, तथा मांगों के मुताबिक उसका प्रतिवर्ष समानुपातिक विस्तार, आवासीय परिसर तथा अन्य नागरिक  सुविधाओं का निर्माण एक बहुत बडी चुनौती है।

 

मानव संसाधन विकास

 

       विभाग ने इस क्षेत्र में मुख्य उत्प्रेरक अवयव तैयार करने के लिए वीएलएसआई तथा संबंधित सॉपऊटवेयर के क्षेत्र में विशेष मानवशक्ति विकास कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम सात संसाधन केद्रों तथा 25 सहभागी संस्थानों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।

 

       डीआईटी विद्यार्थियों में रोजगार की क्षमता बढाने के लिए सॉपऊटवेयर निर्यात उद्योग में मानवशक्ति विकास कार्यक्रम भी चला रहा है। इसके तहत प्रशिक्षक कार्यक्रम प्रशिक्षण, महाविद्यालयों में आईटी शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार, गुणकारी तकनीकी शिक्षा, आईटीआईटीज के क्षेत्र में विशिष्ट लघुकालीन पाठयक्रम, सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक अभियंताओं के लिए राष्ट्रीय ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली शुरु करन आदि शामिल है। यह नौ संस्थानोंसंगठनों के माध्यम से लागू किया जा रहा है।

 

       डीआईटी ने केरल सरकार के आईसीटी अकादमी स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केरल सरकार आईसीटी अकादमी के माध्यम से राज्य में संस्थानों और महाविद्यालयों से उत्तीर्ण होकर निकल रहे विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार पर पर विशेष ध्यान देगी ताकि उन्हें आईटी तथा आईटीज उद्योगों में आसानी से रोजगार मिल सके।

 

राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क

       राष्ट्रीय सूचना आयोग ने संसाधनों तथा अनुसंधानों में परस्पर सहयोग बढाने के वास्ते पर्याप्त क्षमता वाले हाईस्पीड डिजीटल ब्रॉडबैंड नेटवर्क बनाने की सिफारिश की है। इन सिफारिशों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकी ने राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क योजना प्रारंभ की है जिसका प्राथमिक उद्देश्य देश के उच्चशिक्षण संस्थानों तथा अनुसंधान केंद्रों को गीगाबिट ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है।

 

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की समीक्षा

 

       इलेक्ट्रोनिक विनिमयों से संबंधित कानूनी उपकरण, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनयिमय, 2008 , ई-वाणिज्य, ई-प्रशासन तथा कंप्यूटर से संबंधित अपराधों के रोकथाम के लिए बनाया गया था।  लगातार उभर नये नये कंप्यूटर अपराधों, दुरुपयोग, धोखाधडी आदि को देखते हुए कई वर्षों से सूचना सुरक्षा से जुडे कानूनी प्रावधानों को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। और इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर यह नया कानून बनाया गया।

 

अनुसूची

भारतीय आईटी तथा इलेक्ट्रोनिक उद्योग एक दृष्टि में

 

अ. उत्पादन 2007-08

                                                  वृध्दि         सीएजीआर

(पांच वर्षों का)

 

आइटी एंड इलेक्ट्रोनिक्स      91,100करोड़ रूपये  19प्रतिशत      25प्रतिशत

हार्डवेयर                     80,800करोड़ रूपये  22प्रतिशत      17प्रतिशत

सॉपऊटवेयर एंड सर्विसेज       210,300करोड़ रूपये  18प्रतिशत      29प्रतिशत                     

(स्रोत:डीआईटी, वार्षिक रिपोर्ट)

 

ब. निर्यात-2007-08

 

आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक्स     175,700 करोड़ रूपये  27प्रतिशत   31प्रतिशत

                                                  

 

 

                

हार्डवेयर         12,700 करोड़ रूपये     सात प्रतिशत     22 प्रतिशत

                 3.1अरब डालर 

सॉपऊटवेयर एंड सर्विसेज163,000 करोड़ रूपये 28प्रतिशत   32प्रतिशत          

                     40.4अरब डालर

 

स्रोत-डीआईटी, वार्षिक रिपोर्ट

 

 

स. हार्डवेयर मार्च,2006    चार लाख प्रत्यक्ष रोजगार

                           आठ लाख अप्रत्यक्ष रोजगार         

 

द. सॉपऊटवेयर एवं सर्विसेज    16.2 लाख रोजगार2006-07 में

2007-08                    2007-08 में 3.9 लाख और

                            रोजगार

                          कुल 20.1लाख रोजगार

स्रोत:नास्काम, अगस्त,2008

 

ई. जीडीपी में आईटी-आईटीज का हिस्सा  2007-08 में 5.5प्रतिशत

फ.इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी निर्यात         2007-08 में 17प्रतिशत

का हिस्सा

 

इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद

करोड़ रूपये में

सूची

 

2002-03

 

2003-04

 

2004-05

 

2005-06

 

2006-07

 

2007-08

 

1.उपभोक्ता इलेक्ट्रोनिक्स

 

13,800

 

15,200

 

16,800

 

18000

 

20000

 

22,500

 

2.औद्योगिक इलेक्ट्रोनिक्स

 

5,550

 

6,100

 

8,300

 

8,800

 

10,400

 

11,950

 

3.कंप्यूटर

 

4,250

 

6800

 

8,800

 

10,800

 

12,800

 

16,400

 

4.संचार एंव प्रसारण उपकरण

 

4,800

 

5,350

 

4,800

 

7,000

 

9,500

 

14,350

 

5.रणनीतिक इलेक्ट्रोनिक्स

 

2,500

 

2,750

 

3,000

 

3,200

 

4,500

 

6,100

 

6.अवयव

 

6600

 

7,600

 

8,800

 

8,800

 

8,800

 

9,500

 

उपकुल

 

37,500

 

43,800

 

50,500

 

56,600

 

66,000

 

80,800

 

7.उपकरण, निर्यात

 

46,100

 

58,240

 

80,180,

 

104,100

 

141,000

 

163,000

 

8.घरेलू सापऊटवेयर

 

13,400

 

16,250

 

21,740

 

29,600

 

37,000

 

47,300

 

कुल

 

97,000

 

118,290

 

152,420

 

190,300

 

244,000

 

291,100

 

 

 

 

इलेक्ट्रोनिक्स निर्यात

करोड़ रूपये

 

इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद

करोड़ रूपये में

सूची

 

2002-03

 

2003-04

 

2004-05

 

2005-06

 

2006-07

 

2007-08

 

1.उपभोक्ता इलेक्ट्रोनिक्स

 

750

 

825

 

1,150

 

2,000

 

1,500

 

-

 

2.औद्योगिक इलेक्ट्रोनिक्स

 

1400

 

1515

 

1,500

 

2,300

 

3,000

 

-

 

3.कंप्यूटर

 

550

 

1440

 

1,200

 

1,025

 

1,500

 

-

 

4.संचार एंव प्रसारण उपकरण

 

500

 

165

 

350

 

500

 

650

 

-

 

5.रणनीतिक इलेक्ट्रोनिक्स

 

-

 

-

 

-

 

-

 

-

 

-

 

6.अवयव

 

2,400

 

3,755

 

3,800

 

3,800

 

5,850

 

-

 

उपकुल

 

5,600

 

7,700

 

8,000

 

9,625

 

12,500

 

12,700

 

7.कंप्यूटर सॉपऊटवेयर

 

46,100

 

58,240

 

80,180

 

104,100

 

141,100

 

163,000

 

कुल

 

51,700

 

65,940

 

88,180

 

113,725

 

153,500

 

175,700

 

 

इलेक्ट्रोनिक उत्पाद

करोड़ रूपये

वर्ष

हार्डवेयर

 

सॉपऊटवेयर

 

कुल

 

वृध्दि (प्रतिशत में

 

2002-03

 

37,500

 

59,500

 

97,000

 

21.1

 

2003-04

 

43,800

 

74,490

 

118,290

 

21.9

 

2004-05

 

50,500

 

101920

 

152,420

 

28.9

 

2005-06

 

56,600

 

133700

 

190,300

 

24.9

 

2006-07

 

66,000

 

178000

 

244,000

 

28.3

 

2007-08

 

80,800

 

210300

 

291,000

 

19.3

 

 

इलेक्ट्रोनिक निर्यात

 

करोड़ रूपये

वर्ष

हार्डवेयर

 

सॉपऊटवेयर

 

कुल

 

वृध्दि (प्रतिशत में

 

2002-03

 

5,600

 

46,100

 

51,700

 

22.2

 

2003-04

 

7,700

 

58,240

 

65,940

 

27.5

 

2004-05

 

8,000

 

80,180

 

88,180

 

33.7

 

2005-06

 

9,625

 

104,100

 

113,725

 

29.0

 

2006-07

 

12,500

 

141,000

 

153,500

 

35.0

 

2007-08

 

12,700

 

163,000

 

175,700

 

14.5

 

 

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