प्रोजेक्ट एरो ग्रामीण डाकघरों का चेहरा बदल देगा , डाकघरों को पूरी तरह उन्नत किया जाएगा
आम आदमी की जरूरतों का पूरा ध्यान
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डाक विभाग ने प्रोजेक्ट एरो नामक एक परियोजना शुरू की है जिसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों के डाकघरों को पूरी तरह से उन्नत करके उनका चेहरा बदलना है । परियोजना के तहत डाकघरों का ऐसा नेटवर्क तैयार किया जाएगा जो देश के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में अहम भूमिका अदा करेगा । इसमें आम आदमी को केन्द्र में रखा जाएगा । उल्लेखनीय है कि संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ए राजा ने आज तमिलनाडु में परोमबलूर और गीता महल, कल्लमकुरूचि रोड , अरियालुर के डाकघरों में प्रोजेक्ट एरो का उद्धाटन किया । इसके साथ ही संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के मुरार प्रमुख डाकघर (ग्वालियर), मुरैना, शिवपुरी, गुना और अशोक नगर में प्रोजेक्ट एरो की शुरूआत की ।
परियोजना के अंतर्गत डाक विभाग ने आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 50 डाकघरों को चिन्हित किया है । वर्तमान वर्ष के अंत तक देश में इस तरह के 500 डाकघर काम करने लगेंगे ।
भारतीय डाक का मूलमंत्र है - डाक सेवा -जन सेवा और प्रोजेक्ट एरो में इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा । कंप्यूटर इंटरनेट संपर्कता व सेवा के साथ ही संरचनात्मक रूप से भी डाकघरों को उन्नत बनाया जाएगा । डाक सेवा का नया पहचान चिन्ह भी बनाया जाएगा । ग्रामीण क्षेत्रों में जो डाकघर होंगे वहां एकल खिड़की व्यवस्था लागू की जाएगी । इसके तहत बैंकिंग, धन भेजना, सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा एक ही खिड़की पर उपलब्ध होगी । इस तरह आम आदमी की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा । परियोजना के तहत ग्रामीण डाकघरों में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ यहां का ढांचागत चेहरा भी बदला जाएगा।
नवीन डाकघर, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और राष्ट्रीय वृध्दावस्था पेंशन योजना जैसी सामाजिक व नागरिक गतिविधियों से भी जुड़ेंगे । विदित हो कि परियोजना के कार्यान्वयन के हर स्तर पर निगाह रखने के लिए संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में एक संचालन समिति और एक केन्द्रीय दल बनाया गया है ।
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