सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टी वी चैनलों के लिए राज्य और जिला निगरानी समितियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी चैनलों में राज्य और जिला निगरानी समितियों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार के सितम्बर, 2005 के आदेशानुसार, जिला और राज्य स्तरीय निगरानी समितियों का गठन केबल टेलिविजन नैटवर्क‑(विनियम)अधिनियम, 1995 को लागू करने के लिए किया गया था। ये नये दिशा-निर्देश समितियों की प्रभावी कार्य प्रणाली को सुनिश्चित करने हेतु जारी किए गये हैं। इन दिशा-निर्देशों के मुख्य प्रावधान इस प्रकार से हैं-
जिला स्तरीय समिति का कार्यक्षेत्र
¯ केबल टेलिविजन पर प्रसारित सामाग्री के संबंध में शिकायत दर्ज कराने के लिए लोगों को एक मंच प्रदान करना और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करना।
¯ केबल टेलिविजन नैटवर्क अधिनियम,1995 के प्रवर्तन हेतु अधिकृत अधिकारियों द्वारा उठाए गये कदमों की समीक्षा करना।
¯ यदि कोई कार्यक्रम आम व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है अथवा किसी समुदाय में बड़े स्तर पर रोष पैदा करता हो तो उससे राज्य और केन्द्र सरकार को शीघ्र अवगत कराना।
¯ केबल टेलिविजन चैनलों द्वारा स्थानीय स्तर पर दिखाए जा रहे विषयों पर नजर रखना और अधिकृत अधिकारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना कि कोई भी अनाधिकृत और पायरेट चैनल कार्यक्रमों और खबरों का प्रसारण तो नहीं कर रहा है यदि केबल टेलिविजन संचालकों द्वारा इसका प्रसारण किया जा रहा है तो इसे स्थानीय घटनाओं के प्रसारण से रोकना और इनको संतुलित तरीके से इस प्रकार प्रसारित करना कि इससे किसी भी समुदाय की भावनाओं को चोट ना पहुंचे।
¯ केबल नैटवर्क पर उपलब्ध नि:शुल्क चैनलों और अधिसूचित चैनलों की उपलब्धता की निगरानी करना।
दिशा निर्देशित कार्यप्रणाली
¯ जिला स्तर पर एक केन्द्रीय अधिकारी के नेतृत्व में एक शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना की जानी चाहिए और निगरानी समिति के गठन और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार के अलावा इसकी जानकारी को राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की बेवसाईट पर भी उपलब्ध कराना चाहिए।
¯ केबल टी वी नैटवर्क द्वारा विषय से संबंधित शिकायत को अपने स्तर पर सुलझाने के मामले में समिति उस कार्यक्रम और विज्ञापन की वीसीडी और फुटेज मंगा सकती है जिसके लिए शिकायत की गई और इससे संबंधित शिकायत के आधार पर यह तय कर सकती है कि इसमें नियमों और मानदंडों का उल्लघन तो नहीं किया गया है। अगर किसी मामले में समिति को यह लगता है कि नियमों का उल्लंघन किया गया है तो अधिकृत अधिकारी अधिनियम के मुताबिक कार्यवाही कर सकता है।
¯ यदि शिकायत राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय चैनल के संदर्भ में है तो समिति को अपनी सिफारिशें राज्य स्तरीय निगरानी समिति के माध्यम से इस मामले को सुलझाने के लिए भारत सरकार को भेजना चाहिए।
¯ यदि किसी मामले में ऐसा देखा जाता है कि केबल नैटवर्क संचालक निर्धारित चैनलों को नहीं दिखा रहा है अथवा उनका दृश्य और श्रव्य स्तर पर घटिया प्रसारण कर रहा है तो समिति अधिकृत अधिकारी के माध्यम से केबल नैटवर्क को उन्नत प्रसारण के लिए निर्देश दे सकता है और और यदि आवश्यक हो तो धारा 2 के अंतर्गत कोई अन्य कार्यवाही कर सकता है।
राज्य स्तर निगरानी समिति
केबल टी वी नैटवर्क नियमों को लागू करने के लिए राज्य और जिला स्तर समितियों का गठन किया गया लेकिन राज्य स्तर समिति के गठन को निर्दिष्ट नहीं किया गया। राज्य स्तर पर गठित समिति इस प्रकार से है-
1 राज्य सूचना और जनसंपर्क सचिव, - अध्यक्ष
2 राज्य पुलिस महानिदेशक के प्रतिनिधि - सदस्य
3 राज्य समाज कल्याण विभाग सचिव - सदस्य
4 राज्य महिला और बाल विकास सचिव - सदस्य
5 महिलाओं के लिए कार्य कर रहे राज्य के
प्रमुख गैर सरकारी संगठन (मुख्य सचिव द्वारा नामांकित) - सदस्य
6 शिक्षक, मनौवैज्ञानिक, समाजिक कार्यकर्ता
(प्रत्येक मुख्य सचिव द्वारा नामांकित) -सदस्य
7 राज्य निदेशक (सूचना) - सदस्य सचिव
कार्यप्रणाली
¯ जिला और स्थानीय समितियों के गठन और नियमित रूप से हो रही उनकी बैठक को देखना।
¯ यह निगरानी करना कि अधिकृत अधिकारी अपने कार्य को प्रभावी रूप ढंग ये कर रहे है या नहीं।
/ जिला और स्थानीय स्तर समितियों को सुझाव और दिशा -निर्देश देना
¯ जिला तथा स्थानीय स्तर की समितियों के द्वारा इसको भेजे गये मामलों पर निर्णय लेना।
¯ विज्ञापन एवं कार्यक्रम संहिता पर भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन के मामलों में राज्य के मुख्य सचिव के जरिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय को उपग्रह चैनलों के खिलाफ शिकायत और कार्यवाही करने की सिफारिश करना।
यह महसूस किया गया है कि देश के अनेक भागों में उपरोक्त अधिनियम को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है जिसका कारण या तो जिला निगरानी समितियों की भूमिकाओं को ठीक से ना समझ पाना या अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए उचित व्यवस्था का न होना है। जम्मू और कश्मीर के अलावा अन्य किसी राज्य में राज्य स्तरीय समिति के गठन की सूचना नहीं दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय को लोगों के चैनलों और केबल संचालकों के खिलाफ अनचाहे कार्यक्रमों के विरूद्व प्राप्त होने वाली याचिकाओं में भी वृद्वि हो रही है।
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