ब्लैक में बिकने लगा माल बजट से पहले, शहर से गायब हुयीं कई चीजें
संजय गुप्ता मांडिल (ब्यूरो चीफ) एवं अतर सिंह डण्डोतिया (तहसील संवाददाता)
मुरैना 27 फरवरी । 26 तारीख को रेल बजट आने से पहले ही मुरैना शहर में अचानक कई चीजों का टोटा पड़ गया है और अचानक ही बाजार से गायब हो गयीं है ।
बजट की आस में कई चीजों का जहॉं व्यापारीयों ने भारी स्टाक जमा कर लिया है वही अनेक किराना दूकानों से आम उपयोग की दैनिक उपभोक्ता वस्तुयें शहर से एकदम गायब हो गयीं हैं । 26 फरवरी को सारे दिन बाजार में भारी अफरा तफरी मची रही । और छोटी छोटी चीजें भी इक्की दुक्की ही कहीं कहीं ही मिलीं वह भी भारी ब्लैक में ।
जहॉं लोगों को बीड़ी और सिगरेट के दर्शन दुर्लभ हो गये वहीं माचिस की एक डिब्बी दो रूपये से लेकर पॉंच रूपये तक में मिली । सबसे अधिक हालत खराब सिगरेट के उपभोक्ताओं की रही, शहर से गोल्ड फलेक, फोरस्क्वेयर, विल्स और अन्य कई ब्राण्ड पूरी तरह लापता हो गये हैं । सिगरेट की डिब्बियों की जगह केवल एक या दो सिगरेटें ही बहुत ढूंढ़ने पर लोगों को मिल सकीं । सिगरेटों का अचानक शहर से गायब होना पहले तो लोगों को समझ ही नहीं आया लेकिन बाद में जब कुछ दूकानदारों ने कहा कि बजट की वजह से बाजार से चीजें गायब हुयीं है तो लोगों को असल वजह समझ आयी ।
सिगरेट के उपभोक्ता जहॉं काफी आक्रोशित नजर आये वहीं ग्वालियर टाइम्स के कार्यालय पर अनेक उपभोक्ताओं ने आकर शिकायतें दर्ज करायीं कि जानबूझ कर दूकानदारों ने भारी स्टाक जमा कर दाम बढ़ने की आस में सिगरेटों की बिक्री रोक दी है ।
वहीं बीड़ी, माचिस, चाय की पत्ती, और तम्बाखू, इलेक्ट्रानिक आयटम, और शक्कर, केरोसीन तथा नहाने के साबुन कपड़े धोने का वाशिंग पावडर, सर्फ आदि कई वस्तुयें बाजार से गायब होकर भारी ब्लैक में बिकीं ।
कमिश्नर और कलेक्टर की नाक के नीचे चला ब्लैक बाजार
मजे की बात यह है कि शहर मुरैना में कमिश्नरी और कलेक्ट्रेट दोनों कायम हैं और उनके ऐन ओर पास ही वस्तुओं की कृत्रिम कमी दिखा कर सिगरेटों तथा अन्य वस्तुओं की कीमत जम कर तीन गुनी से लेकर छ: गुनी तक वसूलीं जा रहीं हैं । बजटपूर्व के हालात देख कर बड़ी आसानी से कहा जा सकता है कि लोगों में मुनाफाखोरी और ब्लैकमार्केटिंग का कितना तेज जज्बा है । वैसे ही जहॉं शहर पहले से ही नकली माल की चपेट में था और नामी गिरामी लगभग सभी ब्राईट मुरैना शहर में ही बनाये जा रहे और लेबल चस्पा हो रहे थे वहीं अब ऊपर से ब्लैक मार्केटिंग ने लोगों की एकदम कमर ही तोड़ दी है ।
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