शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2008

जैव ईंधन ग्रामीण विकास के लिए अहम, रोजगार की संभावनाएं -डा. रघुवंश प्रसाद सिंह

जैव ईंधन ग्रामीण विकास के लिए अहम, रोजगार की संभावनाएं -डा. रघुवंश प्रसाद सिंह

ग्रामीण विकास मंत्री डा. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि बायो-डीजल एक क्षमतावान ऊर्जा है और उसके आधार पर ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। डा. सिंह आज यहां जलवायु परिवर्तन और बायो-डीजल पर राष्ट्रीय सम्मेलन 2008 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने के लिए जैव-ईंधन एक अच्छा विकल्प हो सकता है और इस क्षेत्र में रोजगार सृजन व ग्रामीण विकास की अपार संभावनाएं हैं। डा. सिंह ने कहा कि मरु विकास कार्यक्रम के अंतर्गत उनके मंत्रालय ने गांवों में जटरोफा की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए पिछले साल 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।

मंत्री महोदय ने कहा कि जब पेट्रो ईंधन की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा हो और जलवायु पर प्रभाव भी पड़ रहा हो तो ऐसे समय में जैव-ईंधन बेहतर विकल्प हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों और खेतिहरों के लिए बेहतर वक्षारोपण सामग्री, उचित परती जमीन, वर्षा, आदि अहम पहलू हैं ताकि वे गैर-खाद्य तिलहन की खेती कर सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में जैव-ईंधन को प्रोत्साहन देने के लिए उपायों पर विचार किया जाएगा ताकि जैव-ईंधन पेट्रोल व डीजल के विकल्प के तौर पर उभर सके।

 

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