रविवार, 1 जून 2008

जूनून की हद

जूनून की हद

मनीष कुमार जोशी

सीताराम गेट के सामने, बीकानेर 9413769053

इस दुनिया में किसी को पैसे का जूनून है , किसी को नाम कमाने का, किसी को मोहब्बत का तो किसी को जीत का जूनून है। आदमी पर किसी भी चीज का जूनून सवार हो जाता है तो वह सारी हदे तोड़ देता है। खेला में भी किसी भी को खेलने का जूनून होता है तो किसी को खेल देखने का । खेलने के जूनून में खिलाड़ी खेल के शिखर को छु लेना चाहता है जबकि खेलो को देखने का जूनून भी सिर चढ़ कर बोलता है। खेल देखने वाला खेल के रोमांच में डूब जाना चाहता है। दक्षिण एशिया में क्रिकेट का, यूरोप में फुटबाल का, अमेरीका में टेनिस का और अफ्रीका में रग्बी का जूनून देखा जा सकता है। इस जूनून को खेल प्रबंधको ने विभिन्न लीग प्रतियोगिताओ के द्वारा हद में बांध दिया है। इस जूनून को हद में बांधकर खेल प्रबधको ने इसे भूनाने की कोशिश की है। दक्षिण एशिया में क्रिकेट की इ्रंडियन प्रीमीयर लीग ,यूरोप में फुटबाल की यूरो लीग, दक्षिण्ा अफ्रीका में रग्बी लीग और टेनिस की ग्राण्ड स्लेमप्रतियोगिताऐं इन खेलो के जूनून को भूनाने की कोशिश है।

 

       यूरोप में फुटबाल का जूनून सर चढ़ कर बोलता है। पूरे यूरोप में फुटबाल के रोमांच को देखने का जूनून है। इस जूनून में कई बार वे हिंसक भी हो जाते हे। यूरोपवासियों के इस जूनून को भूनाने के लिए यूरो फुटबाल  लीग शुरू की गई। 1950 के आस-पास यूरोप में फुटबाल को देखने के लिए भीड़ उमड़ती थी। यहां छोटी छोटी प्रतियोगिताओ में भी स्टेडियम भरे हुए देखे जा सकते थे। इस खेल के प्रबंधको ने इस जूनून को भांप लिया और 1962 में यूरो फुटबाल लीग इस जूनून को हद में बांध दिया। आज यूरो फुटबाल लीग द्वारा इसके प्रबंधक करोड़ो डालर कमा रहे है। 7 जून से इसका 12वां संस्करण शुरू हो रहा है। एक बार फिर एक महीने तक पूरा यूरोप फुटबाल के रोमांच से सरोबार हो जायेगा। इसी तरह दक्षिण अमेंरीका में कोपा कप फुटबाल लीग का आयोजन होता है। लोगो के फुटबाल के प्रति जूनून को इस खेल में देखा जा सकता है। खेल प्रेमी इस खेल के रोमांच में डूब जाना चाहते है और खेल के आका इस समंदर में तैर रहे है।

 

       दक्षिण एशिया खासकर भारत मे क्रिकेट का जूनून है। यहां के लोगो के लिए क्रिकेट प्रतिष्ठा से जुूड़ा है। क्रिकेट मैच के दौरान यहां के स्टेडियमो में भीड़ उमड़ती है। क्रिकेट के इसी जूनून के कारण कई बार स्टेडियमो में खिलाड़ियों के भिड़ने की घटनाऐ भी देखी जा सकती है। क्रिकेट के इसी जूनून को इ्रडियन प्रीमीयर लीग द्वारा हद में बांधा गया है। प्रीमीयर लीग द्वारा इस जूनून को पूरी तरह भूनाने की कोशिश की गई। इस लीग के दौरान स्टेडियमो में भीड़ी उमड़ पड़ी और क्रिकेट आकाओ के बैक एकाउंटस मे पैसा। क्रिकेट प्रेमी क्रिकेट रोमांच के चरम को पाने के लिए स्टेडियम मे आता है  और आईपीएल में उनको रोमांच का यह चरमोत्कर्ष मिला।

 

       अमेंरिका और यूरोप में टेनिस के खेल का भी जूनून है। इस खेल के दर्शक अनुशासित होते है परन्तु अपने खेल सितारो को अपनी जान से भी ज्यादा चाहते है। यह इस खेल का ही जूनून है कि टेनिस की मल्ल्किा रही मोनिका सैलेस को फं्रैच ओपन के दौरान  चाकू घाेंप दिया गया। इसी जूनून को हद में बांधने के लिए इस खेल के आकाओ ने ग्राण्ड स्लेम प्रतियोगिताऐं आरंभ की । साल मे चार ग्र्राण्ड स्लेम प्रतियोगिताऐं आयोजित होती है। इन प्रतियोगिताओ में टेनिस स्टेडियम खचाखच भरे रहते है। स्टेडियम में आने वाली  भीड़ के कारण इस खेल के आका करोड़ो में खेलते है और यही जूनून इन प्रतियोगिताओ को जिंदा रखे हुए है।

 

 

       फुटबाल की तरह रग्बी भी विश्व के कई देशो  में जूनून है। रग्बी का जूनून क्रिकेट और फुटबाल को भी पीछे छोड़ता है। अमेरीका, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में लोग रग्बी को दीवानो की तरह चाहते है। इस खेल को देखने के लिए वे उमड़ पड़ते हे। इस जूनून को भूनाने के लिए रग्बी में दक्षिण अफ्रीका में लीग का आयोजन होता है। इस लीग से इस खेल के आका करोड़ो कमा रहे हे और खेल प्रेमी रग्बी के रोमांच में खो जाते है। आस्ट्रेलिया और अमेरीका में भी रग्बी का जूनून सिर चढ़ कर बोलता है और खेल प्रबंधक इस जूनून को भूनाने के लिए लीग जैसी प्रतियोगिताऐं आयोजित करते है।

 

 

       खेलो के जूनून ने खेलो की बड़ी प्रतियोगिताओ को जन्म दिया है। बड़ी खेल प्रतियोगिताओ के द्वारा खेलो के जूनून को हद में बांधने की कोशिश की जाती है। खेल प्रेमी इन खेल आयोजनो में उमड़ पड़ते है। खेल प्रबंधक खेल के रोमांच को खेल प्रेमियो के लिए उपलब्ध कराते है। परन्तु इसके पीछे इनकी मंशा इस जूनून को भुनाने की होती है न कि खेल के संरक्ष्ण की। जूनून को भूनाने की इसी कोशिश में क्रिकेट में टेस्ट मैच उपेक्षा के शिकार हो रहे हे। फुटबाल में कई देशो की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ में सितारा खिलाड़ियों का अकाल रहता है। टेनिस में डेविस कप और फेडरेशन कप में न तो दर्शक मिलते और न ही खिलाड़ी। यही कारण दुनिया के गिने चुने खेलो के लिए ही लोकप्रिय खेल प्रतियोगिताऐं आयोजित होती है। खेलो के प्रति जूनून को हर कोई भूना लेना चाहता है। हर कोई इस जूनून की मिठास का स्वाद ले लेना चाहता है।

सीताराम गेट के सामने, बीकानेर 9413769053

 

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