परवान चढ़ती उम्मीदें : सरकार के भगीरथ प्रयास : साठ किमी दूरी से पहुँचाया ग्वालियर के लिए पानी
विशेष आलेख : प्रशान्त सिंह तोमर
पानी पहुँचाने में मामूली लागत ककैटो--पहसारी से तिघरा जलाशय तक पानी पहुँचाने में मामूली लागत आई है। यदि प्रति लिटर के हिसाब से लागत देखें तो यह सात पैसे बैठती है। तिघरा जलाशय के प्रभारी एवं अधीक्षण यंत्री जल संसाधन विभाग श्री जी.एस. श्रीवास्तव कहते हैं इस प्रोजेक्ट के तहत तिघरा में 40 खरब लिटर पानी पहुँचा है। चूँकि प्रोजेक्ट की कुल लागत 13 करोड रूपये है। अत: इस आधार पर प्रति लिटर पानी पहुँचाने की लागत सात पैसे बनती है। |
ग्वालियर 13 मई 08 । पेयजल आपूर्ति को लेकर ग्वालियर नगरवासियों के मन में सरकार से जो उम्मीदें थीं वे अब परवान चढ़ रहीं हैं। । प्रदेश सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, दृढ़ संकल्प और भगीरथ प्रयासों की बदौलत तमाम शंकाओं को निर्मूल साबित कर ग्वालियर नगर की करीबन 9 लाख आबादी की पेयजल आपूर्ति के लिये पर्याप्त पानी जुटा दिया है । सरकार ने लगभग 60 किलामीटर की दूरी पर स्थित ककैटो-पेहसारी बाँधों से नगर के प्रमुख जल स्त्रोत तिघरा जलाशय में पानी पहुँचाया है । आज तिघरा जलाशय का जल स्तर नियमित पेयजल सप्लाई के बावजूद करीबन 707 फीट तक पहुंच गया है, जिससे आगामी अगस्त माह तक निर्वाध रूप से नगर की पेयजल आपूर्ति हो सकेगी । तिघरा में ककेटो-पेहसारी से प्रतिदिन 50 एम.जी.डी. (मिलियन गेलन प्रतिदिन) पानी पहुंच रहा है । इस परियोजना पर राज्य शासन ने 13 करोड़ रूपये की राशि खर्च की है ।
बीते पांच वर्षों से लगातार अल्पवर्षा और गए वर्ष हुई अन्यन्त अल्पवर्षा से ग्वालियर नगर पर पेयजल का संकट खड़ा हो गया था। बरसात निकलने के बाद जब तिघरा जलाशय खाली रह गया तब नगरवासियों का पेयजल को लेकर चिंतित होना स्वाभाविक ही था। उनकी चिंता थी जब बरसात में ही जलाशय खाली है तब गर्मी के मौसम में कैसे पेयजल आपूर्ति होगी । नगर निगम इस चिंता से वाकिफ था परंतु तमाम प्रयासों के बावजूद कोई ऐसा विकल्प नजर नहीं आ रहा था, जिससे निर्वाध रूप से नगर की पेयजल आपूर्ति हो सके । प्रदेश सरकार ने शुरू से ही समस्या को गंभीरता से लिया और समाधान की पहल की प्रदेश सरकार के मुखिया यानि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने । मुख्यमंत्री की पहल को अमलीजामा पहनाने के लिये जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा आगे आये । नगर की पेयजल आपूर्ति के लिये कई वैकल्पिक उपायों पर विचार के पश्चात ककैटो व पेहसारी बांधों से तिघरा जलाशय भरने का विकल्प सबसे उपयुक्त लगा । लेकिन इस परियोजना को पूरा करने के लिये 13 करोड़ रूपये की धनराशि की आवश्यकता थी । इतनी बड़ी धनराशि का प्रबंध नगर निगम के संसाधनों से संभव नहीं था । प्रदेश सरकार ने बिना देरी किये इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देकर अपनी ओर से धनराशि का प्रबंध कर दिया ।
गांव के हैण्डपम्प व कुओं में बढ़ गया पानी ग्वालियर नगर की पेजयल आपूर्ति के लिये ककैटो-पेहसारी से छोड़ा गया पानी मार्ग में पड़ने वाले सेहसारी, श्यामपुर, कैमारी, सिरसा, धुआं, महुआ खेरा सहित करीबन 35 ग्रामों के लिये भी खुशियां लेकर आया है । जिस-जिस गांव के समीप से यह पानी गुजरा उस गांव के कुओं व हैण्डपम्प आदि में पानी बढ़ गया है। साथ ही छोटे-मोटे पोखर भर जाने से पशुओं की पानी की समस्या भी हल हो गई है। |
करीबन 60 किलोमीटर दूर स्थित ककैटो बाँध से तिघरा तक पानी लाना आसान नहीं था। इस प्रोजेक्ट के तहत पहले ककैटो बांध से पेहसारी बांध भरना था फिर पेहसारी से तिघरा। पेहसारी से तिघरा तक के मार्ग में सांकनून तक जहाँ 6 किलोमीटर लंबी नहर बनानी थी वहीं 15 किलोमीटर की दूरी तक सांक नदी के माध्यम से पानी पहुँचाना था। समय कम था इसलिए लोगों को इस परियोजना की सफलता पर संदेह होना स्वाभाविक ही था। लेकिन सरकार ने दृढ निश्चय के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम किया और जाहिर है सफलता भी मिली। पेहसारी बांध को सांकनून (तिघरा) से जोड़ने के लिये 6 किलोमीटर नहर के काम दो माह के भीतर पूरे किये गये। यह काम पूरे होते ही ककैटो बांध से पेहसारी के लिये 24 मिलियन घनफीट प्रतिदिन के हिसाब से 16 बड़े-बड़े पम्पों से पानी छोड़ कर पहले पेहसारी भरा गया । बाद में इसी सिस्टम से पेहसारी से तिघरा डेम में पानी पहुंचाया गया । आज तिघरा में इतना पानी पहुंच गया है, जिससे नगर की पेयजल आपूर्ति गर्मी के महीनों में ही नहीं अपितु आगामी अगस्त माह तक सुचारू रूप से हो सकेगी ।
जल वितरण प्रणाली सुधारने पर विशेष ध्यान
नगर के हर गली मोहल्ले में पेयजल पहुँच सके इस मकसद से जल वितरण प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा स्वयं अमूमन प्रति सप्ताह नगर की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा कर रहें हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं । अब नगर की सभी बड़ी-बड़ी टंकियां अधिक मात्रा में यहां तक पूरी क्षमता में भरी जाने लगी है । मसलन थाटीपुर व मुरार की बड़ी टंकी अब पूरी क्षमता से भरी जाने लगी हैं वहीं गोरखी स्थित टंकी 3.50 मीटर की जगह 4.50 मीटर, सिकन्दर कम्पू की 1.50 की जगह 5.50 मीटर, जयेन्द्रगंज की 3 मीटर के बजाय 5 मीटर और लक्ष्मण तलिया व नूरगंज की टंकी 4.50 मीटर तक भरी जा रही हैं । सुचारू पेयजल के लिये आमखो पम्ंपिग मेन पर सभी 32 बाल्वों का संचालन व्यवस्थित किया गया है । साथ ही आमखो पम्ंपिग मेन में लीक हो रहे 8 स्लूस बाल्वों को बदलकर लीकेज बंद किये गये हैं । यहां के 24 इंच व्यास के मुख्य स्लूस बाल्व को भी बदला गया है । बहोड़ापुर से कटी धाटी तक के 6 रायडरों का ऑपरेशन चल रहा है । तिघरा से मोतीझील तक दो स्थानों के लीकेज तथा रक्कास से कटीघाटी तक बिछी मुख्य पाइप से निकले रायडर पाइप में लीकेज बंद कर दिये गये हैं । इन सुधार कार्यों से पेयजल व्यवस्था सुधरी है । जिन बस्तियों में पाइप लाइन के जरिये पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है । पेयजल परिवहन में 141 ट्रेक्टर, 10 ट्रक (माउण्टेड टेंकर), नौ वाटर टेंकर व फायर ब्रिगेड लगाई गईं है ।
नोट :- आलेख से सम्बन्धित चित्र वेबसाइट www.gwaliortimes.com पर देखें
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