शुक्रवार, 16 मई 2008

पी0एम0आर0वाई0 ने सच किया, एक बेरोजगार के व्यवसायी बनने के सपने को

पी0एम0आर0वाई0 ने सच किया, एक बेरोजगार के व्यवसायी बनने के सपने को

राहुल को अब नहीं है नौकरी की दरकार

पन्ना 15 मई- सोचिए कि अगर गांठ में पैसा न होने के बावजूद आत्मनिर्भर होने के लिए परिवार सहित सेठ, साहूकार किसी का सहारा न लेना पडे। एक धेले का भी नहीं। जी हां, यह संभव है। वह भी सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार योजना की मदद से। अपने पैरों पर खडा होने के लिए पन्ना के राहुल जैन का जो सपना था कि किसी तरह वह खुद के कारोबार का मालिक हो जाए तो उनके इस सपने को जिला उद्योग केन्द्र ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत रेडीमेड कपडे की दुकान खुलवाकर सच कर दिया।

         अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर डायमण्ड सिटी के रूप में मशहूर पन्ना के श्री राहुल जैन महज चार साल पहले जब एम00 की पढाई पूर्ण कर चुके थे, तो उन्हें आने वाले कल के रोजगार की चिन्ता थी। वह नौकरी के लिए लम्बे-लम्बे रास्ते नापने की बजाए व्यवसाय को अपनी आजीविका का जरिया बनाना चाहते थे। आखिरकार कारोबार में उतरने के लिए बेकरार राहुल के सपने को हकीकत में बदलने में मददगार बनी प्रधानमंत्री रोजगार योजना। इस योजना के तहत पन्ना नगर के बडा बाजार में जी नाइन नाम से शुरू हुई रेडीमेड कपडे की दुकान राहुल के लिए ऐसा कारोबार साबित हुआ, जिसने उनके जीवन की तस्वीर ही बदल दी। इस योजना के तहत उन्हें एक लाख रूपये का ऋण्ा उपलब्ध कराया गया, जिसमें साढे सात हजार रूपये की अनुदान राशि भी शामिल है।

         राहुल के पिता जो एक सरकारी मुलाजिम थे, और अपनी कम आमदनी की बजह से अक्सर अपनी बेटी के विवाह को लेकर चिन्तित रहा करते थे, लेकिन राहुल की रेडीमेड कपडे की दुकान शुरू होने के सालभर के भीतर ही उनके यहां समृद्वि के लक्षण दिखने लगे। राहुल ने अपनी कमाई से अपनी बहन की धूमधाम से शादी कर दी। रेडीमेड कपडे के कारोबार में जम चुके राहुल ने न सिर्फ बैंक का कर्ज अदा कर दिया, बल्कि उससे हुई कमाई से अपने पुराने मकान को आधुनिक स्वरूप में बदल लिया और एक मोटर साइकिल भी खरीद ली। राहुल ने घर गृहस्थी का और भी जरूरी सामान खरीद डाला। वह अपने छोटे भाई को पी00टी0 की कोचिंग भी दिला रहे हैं।  राहुल ने अपनी दुकान पर एक व्यक्ति को रोजगार पर भी लगा लिया। अब वह रेडीमेड कपडे के व्यवसाय के जाने पहचाने व्यवसायी बन चुके हैं। उन्होंने रेडीमेड कपडे का जो फुटकर कारोबार शुरू किया, तो फिर पीछे मुडकर नहीं देखा। चार साल पहले एक अच्छी शुरूआत कर इस छोटी-सी अवधि में जी नाइन ने एक लम्बी यात्रा तय कर ली है। दुकान में रखे जाने वाले वस्त्रों में पेंट, शर्ट, कुर्ता, कुर्ती, सलवार सूट, बच्चों के वस्त्र समेत विभिन्न बेरायटी के बस्त्र प्रमुख हैं। उनकी दुकान के रेडीमेड कपडे अच्छी क्वालिटी और सस्ते होते हैं, जिनको खरीदने के लिए पन्ना नगर समेत जिले के विभिन्न हिस्सों से लोग उनके यहां आते हैं। उनकी दुकान के रेडीमेड वस्त्र पुरूषों और महिलाओं में बेहद लोकप्रिय हैं और वे बडे चाव से उन्हें पहनते हैं। राहुल आज मालिक के तौर पर हर माह दस हजार रूपये कमाते हैं। आज लोग उन्हें सेठजी संबोधित कर सम्मान से बुलाते हैं। अपने कारोबार से खुश राहुल कहते हैं, ''नौकरी में जहां कई बंदिशें होती हैं, वहीं इतना फायदा नहीं होता, जितना खुद के व्यवसाय से होता है। अपने व्यवसाय में जितना चाहो, कमाई कर सकते हो।''

          प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत पचास हजार रूपये से बडा बाजार में ही लालु पान नाम से पान मसाला दुकान शुरू करने वाले श्री मनोज जैन की कहानी भी कुछ इसी तरह की है, जो उनके लिए आजीविका का आकर्षक साधन बन गयी है और अब उन्हें नौकरी की जरूरत नहीं है। मनोज आज इस दुकान से हर माह छ: हजार रूपये कमा रहे हैं और उन्होंने बैंक का कर्ज भी अदा कर दिया है। मनोज के लिए यह पान मसाला कारोबार केवल एक व्यवसाय या उमंग नहीं, बल्कि जीवन का एक रास्ता है। अपने कारोबार से उत्साहित होकर मनोज बताते हैं,'' सरकारी योजना की बदौलत वह आज बेहतर जिन्दगी जी रहे हैं।''

 

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