गुरु-शुक्र व चंद्र का मिलन एक को
दैनिक भास्कर से साभार
विनोद त्रिपाठी.
Saturday, November 29, 2008 11:50 [IST]
मुरैना. आकाशगंगा में बड़े ग्रहों गुरु, शुक्र और चंद्र का मिलन इसी एक दिसंबर की शाम को होने जा रहा है। यह अद्भुत मिलन करीब 500 वर्ष बाद होना बताया जा रहा है। यह नजारा करीब 20 मिनट तक आकाश के पश्चिम में दिखाई देगा। इसका आकर्षण इतना तीव्र होगा कि अरब सागर में तूफान आ सकता है। इसके अलावा राजनीति में भी अकल्पनीय परिवर्तन का दावा ज्योतिष मर्मज्ञों व आकाशगंगा के जानकारों ने किया है।
12 राशियों में बंटा है ब्रम्हांड
ज्योतिष मंडल में पूरा ब्रम्हांड 12 राशियों में बंटा है। जिसमें यह मिलन धनु राशि में होने जा रहा है। राशि चक्र में धनु राशि नौवें नंबर पर है। इस हिसाब से यह मिलन पश्चिम में होने जा रहा है।
किसने देखी ग्रहों की चाल
मुरैना जिले में आकाशगंगा का नियमित अध्ययन शहर से चार किलोमीटर दूर क्वारी नदी किनारे अनंता शक्तिपीठ के संचालक ज्योतिषाचार्य पं.मुन्नालाल शर्मा सिहोरी वाले करते हैं। उनका दावा है कि यह अद्भुत मिलन एक दिसंबर की शाम को आकाश में खुली आंखों से दिखाई देगा।
अन्य ज्योतिषि भी कर रहे हैं दावा
एक पं.मुन्नालाल शर्मा ही नहीं बल्कि नैनागढ़ रोड निवासी ज्योतिष मर्मज्ञ पं. बालकृष्ण शर्मा समेत गणोशपुरा निवासी पं. जगदीशचंद्र शर्मा व गांधी कालोनी मुरैना के भागवताचार्य डा. सुरेश शास्त्री समेत तांत्रिक व ज्योतिषी नरेंद्रसिंह तोमर आनंद भी एक दिसंबर को आकाशगंगा में गुरु, शुक्र व चंद्र के मिलन का दावा कर रहे हैं।
कैसे, कब होता है मिलन
आकाशगंगा में ग्रहों के मिलन उनकी चाल के हिसाब से होता है। गुरु और शुक्र का धनु राशि में मिलन 12 वर्ष बाद होता है। सिहोरी वाले पं.मुन्नालाल कहते हैं कि अस्त का वातावरण बनने पर यह मिलन 24 वर्ष बाद होता है। पं. बालकृष्ण कहते हैं कि धनु राशि में तीनों ग्रहों गुरु, शुक्र और चंद्र का मिलन सैकड़ों वर्ष बाद होता है जो इस बार करीब पांच सौ वर्ष हो रहा है।
मिलन के समय सूर्य अस्त होगा
जिस समय यह मिलन होने जा रहा है, उस वक्त सूर्य अस्त होने से तथा बुध व मंगल उसकी कतार में होने से गुरु, शुक्र व चंद्र की आकषर्ण शक्ति अति तीव्र होगी। पं.मुन्नालाल कहते हैं कि इसलिए अरबसागर में तूफान आएगा। पाकिस्तान व अफगानिस्तान भी इस मिलने से प्रभावित होंगे।
बदलेगी राजनीति
पं. जगदीश चंद्र कहते हैं कि गुरु, शुक्र और चंद्र के मिलन से राजनैतिक स्थिति बदलेगी। क्योंकि गुरु राजनीति के अधिष्ठाता हैं। तीनों ग्रहों के मिलन से वह होगा, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। जल व अग्नि का प्रभाव ज्यादा हो सकता है। इनके मिलन से कई दोष उत्पन्न होंगे। राजसत्ता में अकल्पनीय परिवर्तन होगा।
क्या क्या होंगे असर
इस मिलन के समय में जन्मे शिशु काफी विकास करेंगे। भारत समेत अन्य देशों की राजनीति में परिवर्तन संभव है। अरबसागर के तूफान के अलावा अन्य कोई बड़ा परिवर्तन भी दुनिया में संभव है।
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