सोमवार, 24 मार्च 2008

एयरटेल फिर फेल, आटोमेटिक डिएक्टिवेट हुये मोबाइल आफिस, शिकायतें भारत सरकार तक हुयीं

एयरटेल फिर फेल, आटोमेटिक डिएक्टिवेट हुये मोबाइल आफिस, शिकायतें भारत सरकार तक हुयीं

भोपाल/ मुरैना 25 मार्च 08, उपभोक्‍ताओं के शोषण में लगी निजी कम्‍पनीयों की हालत क्‍या है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर दूसरे तीसरे रोज लड़खड़ाने वाली भारती एयरटेल की सेवाओं में कल 24 मार्च को करिश्‍माई तरीके से कुछ विशेष नंबर की सिमों से अपने आप ही मोबाइल आफिस नामक सेवायें डिएक्टिवेट हो गयीं । (अधिकतर यह नंबर वे हैं जो जागरूक उपभोक्‍ताओं के हैं और नियमित रूप से सक्रिय होकर कम्‍पनी की शिकायतें करते आये हैं ) इन उपभोक्‍ताओं द्वारा सेवायें डिएक्टिवेट कराने हेतु न तो कोई अनुरोध ही किया और न कोई एस.एम.एस. ही भेजा था, लेकिन सेवा में त्रुटि के चलते एयरटेल फेल हो जाने से उनकी सेवायें स्‍वत: निष्क्रिय हो गयीं ।    

जब उपभोक्‍ताओं द्वारा एयर टेल के कस्‍टमर केयर पर इस सम्‍बन्‍ध में शिकायतें कीं तो पहले तो कस्‍टमर केयर वाले इसका कोई संतोषजनक उत्‍तर ही नहीं दे सके । फिर भी लोगों को आश्‍वासन देते रहे आपका मोबाइल आफिस अभी आधा घण्‍टे में या फिर अन्‍य कर्मचारी ने दो घण्‍टे में तो किसी अन्‍य कर्मचारी ने इसे चार घण्‍टे में रिएक्टिवेट करने का झांसा देते रहे । लेकिन आज सुबह समाचार लिखे जाने तक मोबाइल आफिस की सुविधायें दिन और रात गुजरने के बाद भी रिएक्टिवेट नहीं हुयीं थीं ।

परेशान उपभोक्‍ताओं ने देर रात अन्‍य कम्‍पनीयों की सेवाओं के जरिये भारत सरकार के संचार मंत्रालय को एवं उपभोक्‍ता मंत्रालय को अपनी शिकायतें ई मेल द्वारा भेजीं हैं । साथ ही कम्‍पनी व सरकार को नोटिस भेजा है । अब देखना है कि सरकार इस सम्‍बन्‍ध में क्‍या कदम उठाती है ।  

ताजा जानकारी के अनुसार यह सेवायें उन नंबरों पर गड़बड़ाई गईं जिन पर कल ही रिचार्ज कराया गया । मजे की बात यह रही कि रिचार्ज से पहले चालू सेवायें रिचार्ज कराने के बाद बन्‍द यानि निष्क्रिय हो गयीं ।

जब उपभोक्‍ताओं ने इसे पुन: सक्रिय कराने के प्रयास किये तो लो बैलेन्‍स के संदेश के साथ डिनायल आफ सर्विसेज की स्थिति में एयरटेल आ गया । यह क्रम आज सुबह समाचार लिखे जाने तक जारी था । गलत और सरासर गलत संदेश (लो बैलेन्‍स) के इस प्रकार पुनरूत्‍तर में प्राप्‍त होकर डिनायल आफ सर्विसेज की इस स्थिति से अनेक उपभोक्‍ता हैरत में हैं ।  

उपभोक्‍ताओं ने बताया कि अभी उनके द्वारा भारत सरकार के दोनों सम्‍बन्धित मंत्रालयों में अपनी शिकायत जमा करा दी है , आगे सुधार न होने की दशा में न्‍यायालयीन कार्यवाही की जायेगी, तथा कम्‍पनी से हर्जाने की मांग की जायेगी ।     

 

फिर ठप्‍प हुयी एयरटेल की इण्‍टरनेट सेवायें, 20 दिनों के दरम्‍यां 13 वीं बार एयरटेल फेल

नहीं सुनी जातीं एयरटेल कस्‍टमर केयर पर उपभोक्‍ताओं की शिकायतें

भोपाल/मुरैना 20 मार्च 08, देश की आवाज बनने का दावा और उपभोक्‍ताओं को बेहतरीन सेवायें देने का दावा करने वाली देश की ऊंची दूकान भारती एयरटेल की सेवायें पिछले 20 दिनों के दरम्‍यां आज फिर 13 वीं बार फेल हो गयीं ।

लैण्‍ड लाइन और वायरलेस तथा मोबाइल के जरिये इण्‍टरनेट सेवायें मुहैया कराने के कम्‍पनी के खोले दावों की कलई इसी बात से खुलती है कि जहॉं सरकिट अनुपात 1:6 से अधिक नहीं होना चाहिये वहॉं एयर टेल का सरकिट अनुपात लगभग सौ गुना अधिक है ।

लगभग हर तीसरे दिन फेल हो जाने वाला एयरटेल का इण्‍टरनेट केवल लैण्‍ड लाइन उपभोक्‍ताओं के लिये ही समस्‍या हो ऐसा नहीं है । इस कम्‍पनी के वायरलेस और मोबाइल इण्‍टरनेट उपभोक्‍ताओं की हालत तो और अधिक खस्‍ता है ।

मोबाइल और कम्‍प्‍यूटर पर वेबसाइटों का न खुलना, कनेक्टिविटी आमतौर पर न होना पीपीपी लिंक डिस्‍कनेक्‍शन, कनेक्‍शन गति .033 से 1.2 के.बी.पी.एस. तक गिर कर कनेक्‍शन चलना एयरटेल उपभोक्‍ताओं के लिये आम बात है । आप न ई मेल भेज सकते हैं और न प्राप्‍त कर सकते हैं ।

 मजे की बात यह है कि आप कस्‍टमर केयर पर नंबर लगाते रहिये, पहले लगभग 20 मिनिट आपको ये दबाईये वो दबाईये में घुमा घुमा कर हुड़कचुल्‍लू बना दिया जायेगा उसके बाद या तो शराब में धुत्‍त कोई महानुभाव सीधे सपाट शब्‍दों में कह देंगें कि श्रीमान आपने गलत नंबर लगाया है आप 12121 लगाईये, आप कहेंगे कि हमने 12121 ही लगाया है तो वे कहेगें कि नहीं गलत है आप फिर लगाईये, आप फिर आधे घण्‍टे संघर्ष करिये और फिर या तो नंबर की घण्‍टी बज बज कर बन्‍द हो जायेगी या फिर कोई महानुभाव उभरेंगे और कहेंगें श्रीमान आपके सेट की सेटिंग गलत हैं या फिर आपके कम्‍प्‍यूटर में भारी गड़बड़ है, गोया अन्‍तर्यामी महाराज को वहीं से पता लग जाता है कि यहॉं किलोमीटरों दूर क्‍या गड़बड़ है । पठ्ठो को बताईये कि नहीं श्रीमान हम चार महीने से जिस सेटिंग पर चला रहे हैं, वही सेटिंग है, तो फिर कहेगे ठीक है आप इस नंबर को दोबारा लगाईये आपकी बात टेक्‍नीकल सेक्‍शन से होगी, वे आपकी समस्‍या समाधान करेंगे ।

आप फिर आधे घण्‍टे जूझिये फिर कोई महानुभाव या सुन्‍दरी प्रकट होगी और बोलेगी, सर हमारा नेटवर्क इस समय डाउन चल रहा है कृपया चार घण्‍टे बाद ट्राई करें ।

आप इसी तरह इन्‍तजार करते रहिये, सारा सारा दिन सारी सारी रातें यूं ही गुजारते रहिये, आपके तीन दिन बीत जायेंगे, फिर अपने आप कनेक्‍शन काम करने लगेगा । फिर एक या दो दिन कनेक्‍शन चलने के बाद इतिहास फिर अपने आपको दोहराने लगेगा ।

एयरटेल की दुर्दशा से दो चार होने वाले उपभोक्‍ताओं ने बताया कि जब ऊपर के किसी अधिकारी का नंबर मागा जायेगा तो उपलब्‍ध ही नहीं कराया जाता, ऊपर के अधिकारीयों के नंबर एयरटेल की वेबसाइट तक पर उपलब्‍ध नहीं हैं । न किसी वरिष्‍ठ अधिकारी का ई मेल पता ही पृथक से वेबसाइट पर उपलब्‍ध है , और जो कॉमन शिकायती नंबर तथा ई मेल पते या एस.एम.एस. नंबर दिये गये हैं, उन पर कभी कोई कार्यवाही नहीं होती । या तो शराब में धुत्‍त लो कस्‍टमर केयर पर बैठे उल्‍टी सीधी बातें करके ग्राहकों को मूर्ख बनाते रहते हैं या फिर झूठे वायदों और आश्‍वासन के जरिये टाइम पास करते रहते हैं ।

सबसे अधिक नुकसान उन उपभोक्‍ताओं का होता है जिन्‍होंने दस रूपये प्रति दिन या लैण्‍डलाइन के असीमित उपयोग के प्‍लान ले रखे हैं, महीने भर में वे बमुश्किल तीस दिनों में से दो या तीन दिन का औसत उपयोग कर पाते हैं, शेष समय येन केन प्रकारेण कनेक्‍शन डिस्‍टर्ब या ठप्‍प ही रहता है । लगभग साठ-सत्‍तर उपभोक्‍ताओं द्वारा हमारे कार्यालय में की शिकायत में बताया है कि उनका मासिक प्रभार या दैनिक प्रभार तो नियमित रूप से एयरटेल द्वारा वसूला जाता है लेकिन सेवाये केवल वायदे और वसूली के विरूद्ध महज दस फीसदी ही दी जातीं हैं ।

भारत सरकार द्वारा, नामी कम्‍पनीयों की सेवाओं की नियमित व गुप्‍त जॉंच न किये जाने से देश में संचार कम्‍पनीयों द्वारा किये जा रहे उपभोक्‍ताओं के भारी शोषण और ठगी को रोके जाने की अभी तक कोई कारगर व्‍यवस्‍था नहीं हैं । इन कम्‍पनीयों के खिलाफ शिकायत किये जाने का कोई भी कारगर ऑन लाइन चैनल अभी तक उपलब्‍ध नहीं है ।   

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