गुरुवार, 28 जनवरी 2010

कहत कबीर सुनो भई साधो, बात कहूं मैं खरी.......बिजली जावत देख कर, जनता करी पुकार.....

कहत कबीर सुनो भई साधो, बात कहूं मैं खरी.......बिजली जावत देख कर, जनता करी पुकार.....

Narendra Singh Tomar "Anand"

 

कबिरा बिजली देंख के, जब रह गये यूं दंग ।
देख तमाशा अजब सा
, ठानी रच रस रंग ।।
ठानी रच रस रंग
, पदबन्ध रचा ।
लिखा अपढ गँवार जो जन मन बीच बसा ।।
बिजली को तो जाना है
, वक्त से पहले चली गयी ।
दिन भर पूरे गोल रह
, देर रात को आयेगी ।।
टाँग पसार के दिन भर सोवो
, करो रात में काम ।
चढ जा बेटा सूली पे
, बली करेंगे राम ।।
भली करेंगे राम
, जय श्री राम जय श्री राम ।
सदी 18 का मिले
, फोकट ही आराम ।।
बच्चों के पेपर फिर आये
, लेकिन बिजली कभी न आई ।
भर्ती सारे चोर कर लिये जिनने सूंत के करी कमाई ।।
चोर एक चोरी करे
, फिर भी सीनाजोर ।
अपनी चोरी का दे दोष
, कहता जनता चोर ।।
40 साल से चल रही व्यवस्था
, तब नहीं थी जनता चोर ।
चोरों की सत्ता आते ही अब कहते जनता चोर ।।
पूरी बिजली लील गये
, पर ना लई डकार ।
कानन में है रूई ठुसी
, सोय रही सरकार ।।
करोड अरब के करे घुटाले
, फर्जीवाडे खर्च में डाले ।
दारू बीवी और संग में 56 ऐब और हैं पाले ।।
खर्च वसूली लाली लिपिस्टक औ ऊपर की माँग ।
कैसे पूरति होवे इनकी रोज रचें नित इक स्वांग ।।
कछु लुगाई की फरमाइश कछु रखैलन संग ।
जेबें काट काट जनता की
, करें प्रजा कों तंग ।।
भडिया बैठे बिजली घर में रोज करें भडियाई ।
जो कहुँ जनता करे शिकायत
, जानो सिर पे आफत आई ।।
या चोरी का केस लगावै
, या माँगें पनिहाई ।
जो जनता माई बाप कहावे
, भई अब गरीब लुगाई ।।
लोड चेक के नाम पे
, ठांसें रोज डकैत ।
सरकारी लैसन्स पे
, लूटत फिरें भडैत ।।
इन भडियन के राज में
, खूब मचा अंधेर ।
अंधकार कायम रहे
, कोडवर्ड का ये शेर ।।
अब जनता दीखे चोर
, कहें लीलै बिजली जनता ।
जब बिजली थी खूब यहाँ
, काहे चोर बजी न जनता ।।
तब भी काँटे खूब डले थे. खूब जले थे हीटर ।
जम कर बिजली खूब जलाते और नहीं थे मीटर ।।
बिन बिजली के बिल मिल रहे अब अंधाधुंध अनंत ।
अब बढी गयी आबादी
, बोलो सरकारी संत ।।
6 शहर भारत के ऐसे
, आध करोड ऊपर आबादी ।
ना बिजली का पत्ता खडके
, ना ऐसी बर्बादी ।।
काँटे कटिया वहाँ भी डलते
, ए.सी. हीटर की भरमार ।
पहले झाँको गिरेबान में गुण्डा भडियन के सरदार ।।
हालत गुण्डा राज की
, देख कें रहे कबीरा रोय ।
पब्लिक नर्राती फिरे
, राजा रहो है सोय ।।
राजा रहो है सोय. कान में डारे नौ मन तेल ।
पाछें रजिल्ट से बुरो रहे
, छात्रों यही करमन के खेल ।।

 

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''
........क्रमश: जारी रहेगा अगले अंक में

 

रविवार, 24 जनवरी 2010

एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों की मदद को बढ़े हाथ

एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों की मदद को बढ़े हाथ

याहू जागरण हिन्‍दी से साभार

हाजीपुर एचआईवी के साथ अंधेरी दुनिया में जी रहे बच्चों की मदद को हाथ बढ़े है। सरोकार परियोजना का रविवार को हाजीपुर में शुभारंभ के साथ ही ऐसे बच्चों के जीवन में रोशनी फैलने की उम्मीद जगी है। संस्था एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों के शिक्षा, पोषाहार, स्वास्थ्य एवं आवासीय प्रबंधन की व्यवस्था करेगी।

हाजीपुर के नारायणी नगर स्थित नारायणी सेवा संस्थान के सभागार में सरोकार परियोजना का शुभारंभ हुआ। अप्रवासी भारतीय एवं प्रतिज्ञा सामाजिक सेवा संस्थान के संरक्षक साधना सिंह ने दीप प्रज्वलित कर परियोजना का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों के लिए पोषाहार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवासीय प्रबंध की व्यवस्था की जायेगी। इस मौके पर ऐसे छह बच्चों को टोकन के रूप में पोषाहार में हार्लिक्स सहित अन्य खाद्य सामग्री एवं किताब, कांपी, कलम, बैग एवं स्वेटर इत्यादि का वितरण श्रीमती सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने इस मौके पर जल्द ही ऐसे बच्चों के लिए आवासीय व्यवस्था करने की घोषणा की। बच्चों के रखरखाव, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की नि:शुल्क व्यवस्था होगी। इस मौके पर जिला एचआईवी कार्यक्रम 'दिशा' वैशाली के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी अमरजीत कुमार सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जिले में एचआईवी के साथ जी रहे सभी बच्चों के जीवन में काफी सुधार आयेगा।

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एचआईवी संक्रमित नेटवर्क के अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने सरोकार परियोजना की सराहना करते हुए हरसंभव सहयोग करने की अपील की। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. संतोष कुमार ने इस मौके पर कहा कि एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों में प्रतिरक्षण क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण कोई भी बीमारी तुरंत पकड़ लेती है। इन बच्चों के पोषण एवं स्वच्छता पर सरोकार परियोजना ध्यान केन्द्रित करेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रतिज्ञा के संस्थापक सचिव संजय कुमार ने सरोकार परियोजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इस परियोजना के माध्यम से जिले में एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाने की कोशिश की जायेगी जिससे समाज में व्याप्त दूरी को मिटाया जा सके। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए नारायणी सेवा संस्थान के सचिव ऋतुराज ने कहा कि इस परियोजना का शुरूआत होने से बच्चों को काफी मदद मिलेगी। इस मौके पर जागृति कला केन्द्र के सचिव अभय नाथ सिंह, डा. जेएस मिश्रा, डा. संजीव कुमार, सुरेश कुमार, सुनील कुमार, अजय प्रकाश, अवधेश कुमार, आशीष गौतम, आशुतोष राज, प्रेमनाथ, सुमित कुमार, मनीष कुमार समेत कई लोगों ने अपने महत्वपूर्ण विचार रखते हुए कहा कि एचआईवी के साथ जी रहे बच्चों के जीवन में सरोकार परियोजना नई रोशनी फैलाने में मददगार साबित होगी।



कहत कबीर सुनो भई साधू.....बात कहूँ मैं खरी____

कहत कबीर सुनो भई साधू.....बात कहूँ मैं खरी

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

 

कबिरा फँसे बाजार में, माँगें खुद की खैर ।
कापीराइट में ले गये सब रचनन के खैर ।।
पढे लिखेन की मंडी में
, कबिरा अपढ गंवार ।
कवियन मूरख नाम धर
, इज्जत रहे उतार ।।
इज्जत रहे उतार
, सुनावें नित नूतन कविता ।
कबिरा रोय पुकार
, कित गयी छंद की सविता ।।
ना दोहा ना चौपाई
, ना रोला ना मुक्तक ।
कहाँ सवैया
, सोरठा ना रची कुंडली अभी तक ।।
बडे बडे कविराय
, मण्डी के मठराज सलाह कबीरा दीनी ।
जाइन मठ कर
, लिख तारीफा जो आपुन हित चीन्ही ।।
वरना रहे फकीरा बन फिरे गरीबा गमछा टांगे फिरिहे ।
नहीं होय उद्धार ना बेडापार जो तारीफ हमारी ना करिहे ।।
पावै लाभ अपार यूनियन गर नूतन कविता की लेवे ।
हैल्मेट बिन बीमा के कोऊ कवि सम्मेलन में ठुकवे ।।
बस करता जा तारीफ
, पल्ले भले ना अधेला समझे ।
तुकबंदी बकवास की ये नूतन कविता समझे ।।
हैलमेट औ बीमा संग ट्रेनिंग कविता की देंगे ।
टैक्नालाजी औ मार्केटिंग संग कवि कबिरा नाम धरेंगे ।।
कहाँ फकीरी और गरीबी में लिये ताँत और बान ।
हुक्का बीडी और तमाखू
, कैसे मिटे थकान ।।
ऊँच सोसाइटी ऊँची संगत ऊँची बडी दुकान ।
कविता बिकती तारीफें बिकतीं बिकता है सम्मान ।।
चढी पसेरी हाट में तुलतीं
, कबिरा की पद बन्ध ।
कबिरा उलट बांसी ऐसी रची प्रस्तुत ये इक बंध ।।
ज्यों की त्यों धर दीनि चदरिया अब बोले संत कबीर ।
प्रिया फकीरी और गरीबी इनसों पैदा भयो कबीर ।।
ना नूतन पाखंड चहूँ
, ना चाहूँ बडी दूकान ।
मंडी तुम्हार चलती रहबे होय फरक पहचान ।।
कबिरा एम.ए. ना करी
, ना बन पाये अन जीनियर ।
पर पी.एच.डी. कर रहे कई कबिरा औ रहीमा पर ।।


.....जारी रहेगा क्रमश:

 

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

 

 

शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

बदलाव की लहर : स्वतंत्र बिजली निर्माताओं के लिए नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रोत्साहन -प्रभावती आकाशी

बदलाव की लहर : स्वतंत्र बिजली निर्माताओं के लिए नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रोत्साहन
-प्रभावती आकाशी

लेखिका निदेशक (एम एवं सी), पसूका (प्रेस इन्‍फारमेशन ब्‍यूरो, भारत सरकार ), दिल्ली हैं

दुनियाभर में पवन का इस्तेमाल  ऊर्जा के लिए सदियों से किया जा रहा है । भारत में भी, लाखों घरों और आजीविका संबंधी गतिविधियों के लिए वायु से बिजली पैदा करने की असीम क्षमता है । पवन ऊर्जा तेजी से बढता अक्षय ऊर्जा स्रोत है जो कुल संस्थापित अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता के 70 प्रतिशत से अधिक है । अब तक करीब 11,000 मेगावाट की संचयी क्षमता स्थापित की जा चुकी है तथा 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 14,000 मेगावाट में से अक्षय ऊर्जा के लिए 10,500 मेगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।

 

प्रोत्साहन

 

       मंत्रालय व्यावसायिक पवन बिजली परियोजनाओं को अनेक वित्तीय प्रोत्साहनों के जरिए 1993-94 से बढावा दे रहा है जिनमें त्वरित मूल्यह्रास शामिल है । पवन बिजली क्षेत्र के विकास के लिये मूल्य मुख्य प्रेरकबल और वास्तविक प्रोत्साहन 80 प्रतिशत त्वरित मूल्यह्रास का प्रावधान किया गया है तथा कई अन्य क्षेत्रों के लिए छूट या प्रोत्साहन भी उपलब्ध है । इस प्रावधान से लाभ कमाने वाली बड़ी कंपनियां, छोटे निवेशक और विमोहित उपयोक्ता क्षेत्र में भागीदारी करने में समर्थ हुए हैं। तथापि, स्वतंत्र बिजली निर्माता और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश त्वरित मुल्यह्रास प्रावधान का फायदा उठाने में समर्थ नहीं थे । निवेशक आधार बढाने के लिए नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने 62,00 लाख रूपए प्रति मेगावाट के विषयाधीन पवन बिजली परियोजनाओं से ग्रिड में 50 पैसे प्रति यूनिट बिजली के निर्माण आधारित प्रोत्साहन के लिए स्कीम की घोषणा की है ।

 

        इस स्कीम का उद्देश्य पवन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना और ग्रिड इंटरएक्टिव अक्षय ऊर्जा की मात्रा बढाना है ।

 

पवन बिजली परियोजनाओं के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन नीति ढांचा

 

·        परस्पर विशिष्ट ढंग में त्वरित मूल्यह्रास सहित मौजूदा वित्तीय प्रोत्साहन के समानान्तर उत्पादन आधारित प्रोत्साहन लागू करना ।

·        कंपनियां त्वरित मूल्यह्रास या उत्पादन आधारित प्रोत्साहन में से एक ही ले सकती हैं दोनों नहीं ।

·        उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम 11वीं योजना की बाकी अवधि के दौरान 4000 मेगावाट की अधिकतम सीम  ्षमता के लिए लागू होगी ।

·        उत्पादन आधारित प्रोत्साहन के समानान्तर त्वरित मूल्यह्रास का प्रावधान 11वीं योजना अवधि तक या प्रत्यक्ष कर संहिता शुरू होने तक (जो भी पहले हो) जारी रहेगा ।

 

स्कीम की मुख्य विशेषताएं

 

·        प्रोत्साहन ऋ रूपये 62 लाख प्रतिमेगावाट की सीमा के साथ रूपये 0.50 प्रति इकाई ।

·        अवधि-4 वर्ष से कम नहीं और 10 वर्ष से अधिक नहीं ।

·        मंत्रालय की ओर से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम की अधिसूचना के बाद पवन टरबाइन 31.03.1012 को या उससे पहले चालू ।

·        अधिसूचना के बाद सभी पवन टरबाइनपरियोजनाएं पंजीकृत की जानी हैं ।

·         प्रोत्साहन राज्य विद्युत विनियामक आयोग से अनुमोदित शुल्क के अतिरिक्त होता है।

·        ग्रिड के लिए बिजली की उपलब्धता बढाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है तथा एसईआरसी के जरिए शुल्क निर्धारित करते समय इस पर विचार नहीं किया जाएगा ।

 

स्कीम के कार्यान्वयन के लिए भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी

 

       भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम को कायान्वित करेगी । प्रशुल्क वितरण के उद्देश्य से बिजली उत्पादन के डाटा संग्रह के लिए विभिन्न राज्य जनोपयोगी सुविधाओं में अपनाई जाने वाली मौजूदा प्रणाली को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन के वितरण के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के साथ पालन किया जाएगा । भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन के साथ-साथ त्वरित मूल्यह्रास के लिए उपयोगी सभी पवन टरबाइनों का व्यापक डाटाबेस बनाएगी । सभी पवन टरबाइनों की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी की जाएगी जो उक्त प्रोत्साहन के लिए दावा करने हेतु अनिवार्य जरूरत होगी । उत्पादन आधारित प्रोत्साहन और त्वरित मूल्यह्रास दोनों तरह की परियाजनाओं के लिए पंजीकरण जरूरी है जो परियोजना वार किया जाएगा । प्रत्येक मशीन के लिए विशिष्ट पहचान संख्या होगी ।

 

स्कीम के लिए कौन योग्य है ?

 

·        ऐसे उत्पादक जो त्वरित मूल्यह्रास का लाभ नहीं लेते हैं ।

·        एसईआरसी प्रशुल्क पर ग्रिड के लिए बिजली की बिक्री के लिए स्थापित पवन बिजली परियोजनाओं से जुड़ी ग्रिड ।

·        विमोहित पवन बिजली परियोजनाएं ।

 

कौन योग्य नहीं है ?

 

·        तीसरे पक्ष को बिजली बेचने वाली परियोजनाएं

 

       उत्पादन आधारित प्रोत्साहन के लिए दावा छमाही आधार (अप्रैल-सितंबर और अक्तूबर-मार्च) पर जारी किया जा सकता है । आयकर विवरणी दाखिल करने के बाद पहला दावा अगस्त-सितम्बर, 2010 तक जारी होने की संभावना है ।

 

       11वीं योजना के अंतिम वर्ष के दौरान स्कीम का मूल्यांकन किया जाएगा । अगर स्कीम को उम्मीद से अधिक समर्थन मिला तो इसकी सीमा बढाने पर विचार किया जाएगा ।

 

       11वीं योजना की बाकी अवधि के दौरान उत्पादन आधारित प्रोत्साहन के जरिए 4000 मेगावाट की क्षमता प्राप्त होने का अंदाजा है, इसलिए यह उम्मीद है कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम देश में पवन बिजली विकास को नई बुलंदी तक ले जाएगी ।

 

       केन्द्रीय नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री डा0 फारूख अब्दुल्ला ने ठीक ही अवलोकन किया है कि भारत में क्षमता, तकनीकी सहायता सुविधाएं, नीति ढांचा तथा विनियामक माहौल, निर्माण आधार में तेजी तथा निवेशकों के भरोसे संबंधी दशाएं विशेष रूप से पवन ऊर्जा क्षेत्र में, अक्षय ऊर्जा में त्वरित वृध्दि के अनुकूल हैं । डा0 अब्दुल्ला को यह उम्मीद भी है कि भारत की सामान्य वायु प्रणाली के लिए उपयुक्त बेहतरीन और प्रभावी पवन टरबाइनों की उपलब्धता और बिजली के लिए बुनियादी ढांचे में वृध्दि से देश की पवन ऊर्जा क्षमता वर्तमान अनुमान के अनुसार 45000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी ।

 

       अपनी ऊर्जा सुरक्षा बढाने तथा अपने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ देश की बढती ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद के लिए बिजली पैदा करने के वास्ते इस प्रचुर घरेलू संसाधन से फायदा उठाने का यह उपयुक्त समय है ।

 

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# निदेशक (एम एवं सी), पसूका, दिल्ली ।

 

शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

नव वर्ष पर कुछ यूं मिलीं शुभकामनायें........भाग-1

नव वर्ष पर कुछ यूं मिलीं शुभकामनायें........भाग-1

हमारे विशिष्‍ट मित्रों , सुधी पाठकों, इण्‍टरनेट व्‍यूअर्स तथा शुभेच्‍छुओं ने अपनी शुभकामनायें हमें कुछ मिलती जुलती तो कुछ टिपी टिपाई और कुछ ने कुछ अलग अंदाज में भेजीं । हमने कुछ शुभकामनायें सभी के साथ बांटने के लिये चुनीं हैं । सभी लोगों की शुभकामनायें कई कारणों से हम शामिल नहीं कर पा रहे हैं इसका हमें भी दुख है और मुख्‍य कारण है कि इनकी संख्‍या बहुत ज्‍यादा है और सबका यदि प्रकाशन हो तो करीब 4-6 महीने लग जायेंगें । अत: कुछ चुनिन्‍दा शुभकामनायें यहॉं प्रस्‍तुत हैं और इन शुभकामनाओं में झांकने से आपको लगेगा कि भारत किस तरह मजबूती से इस ध्‍ारा से उस धरा तक तमाम झंझांवातों के बावजूद जुड़ा हुआ है

 

इंगलैण्‍ड (यू.के.) से अनु नाओमी-

Anu Naomi Dearest friends, Wish you a very happy new year 2010! Love to you all..:))

 

पेरिस फ्रांस में एफ.एम हिन्‍दी रेडियो में कार्यरत निशा सिंह

सदा की तरह अपने शायराना अंदाज में

Nisha Singh The sun rises into the sky with the warmest smile, he wishes you a good morning, hoping that you have the perfect day. Take care & miss you. Gd morning God's blessings come as a surprise God's blessings come as a surprise but how much you receive depends on how much your heart believes !

 

nisha wishes all its listners and freinds a very hapy new year and may this new year bring you happiness and glow to u and your self I wish all of u a sweet smiling 2010 keep rocking

Karoge yaad ek din is pyar ke zamane ko, chale jayenge jab hum kabhi na vapas aane ko. Chalega mehfil me jab zikr hamara koi, to tum bhi tanhayi dhundoge aansu bahane ko.

 

अर्नाकुलम भारत से श्रॉफ जी- अपने पुराने सदाबहार अंदाज में

Sharroff Sharoff Friendship is a Rainbow between,
Two hearts, sharing seven feelings:
1....
Love
2....
Happiness
3....
Truth
4....
Faith
5....
Secret
6....
Trust &
7....
Sadness
Hope d Rainbow of our friendship 4ever
THANX FOR BECOME .
good morning my dear sweet friends..........

 

लखनऊ उ.प्र. के एक महाविद्यालय में पदस्‍थ्‍ा ललिता पाण्‍डेय (मैं इन्‍हें प्‍यार से ललिता त्रिपुर सुन्‍दरी कहता हूँ) ने नववर्ष पर अपनी ढेर सारी गर्मा गर्म तस्‍वीरें रिलीज कर भरी ठण्‍ड में सबका नववर्ष गर्मा गर्म कर डाला .....जब मैंने तस्‍वीरों पर टिप्‍पणी की तों ललिता जी का जवाब था

You make me Laugh___

अब हमारा जवाब यहॉं हैं अंग्रजी के लाफ का मतलब यहॉं हम हँसी या हंसीन से लेकर चल रहे हैं

ललिता त्रिपुर सुन्‍दरी ये कहें कि हमने उन्‍हें हंसीं बना दिया अरे यार तुम्‍हें हंसी बनाने वाला कोई और है हमने तो सिर्फ कह भर दिया है

 

प्रथा प्रतिम कंजीलाल कोलकाता भारत से

Partha Pratim sent you a new year through New Year 2010!

Gift:new year

 

अंजली चास्‍कर मुम्‍बई भारत से  

Anjali sent you a Happy New Year! through Moving Candles & Other Cool Things!

Gift:Happy New Year!

कागद कारे अम्‍बाला भारत से

Kagad Kaare sent you a Happy New Year! through Happy New Year 2010 by Kari!

Gift:Happy New Year!

 

वास्‍तुविद अभियंता अम्‍बरीश श्रीवास्‍तव सीतापुर भारत से 30 जून 1965 में उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर के "सरैया-कायस्थान" गाँव में जन्मे कवि अम्बरीष श्रीवास्तव ने भारत के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' कानपुर से विशेषकर भूकंपरोधी डिजाईन व निर्माण के क्षेत्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। कवि जनपद सीतापुर के प्रख्यात वास्तुशिल्प अभियंता एवं मूल्यांकक होने के साथ राष्ट्रवादी विचारधारा के कवि हैं। कई प्रतिष्ठित स्थानीय व राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं व इन्टरनेट पर जैसे अनुभूति, हिंदयुग्म, साहित्य शिल्पी, साहित्य वैभव, स्वर्गविभा, हिन्दीमीडिया, विकिपीडिया, रेनेसा, ड्रीमस-इंडिया आदि पर अनेक रचनाएँ प्रकाशित हैं। ये देश-विदेश की अनेक प्रतिष्ठित तकनीकी व्यवसायिक संस्थानों जैसे "भारतीय भवन कांग्रेस" , "भारतीय सड़क कांग्रेस", "भारतीय तकनीकी शिक्षा समिति", "भारतीय पुल अभियंता संस्थान" व अमेरिकन सोसायटी ऑफ़ सिविल इंजीनियर्स, आर्कीटेक्चरल इंजीनियरिग इंस्टीटयूट, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग इंस्टीटयूट आदि व तथा साहित्य संस्थाओं जैसे "हिंदी सभा", हिंदी साहित्य परिषद्" (महामंत्री ) ,"संस्कार भारती"(जिला महामंत्री ) तथा "साहित्य उत्थान परिषद्" आदि के सदस्य हैं।

व्यवसाय : वास्तुशिल्पीय अभियंता
, अचल संपत्तियों के मूल्यांकक (वेबसाइट : www.ambarishsrivastav.com), तथा इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ़ बिल्डिंग डिजायनर्स एसोशिएशन" के वर्तमान अध्यक्ष |

Ambarish sent you a 2010 fireworks through New Year 2010!

Gift:2010 fireworks

 

Ambarish sent you a party hat through New Year 2010!

Gift:party hat

 

प्रवीण त्रिवेदी फतेहपुर भारत से

प्रवीण त्रिवेदी Praveen Trivedi

नये साल में रामजी, इतनी-सी फरियाद,
बना रहे ये आदमी
, बना रहे संवाद।
नये साल में रामजी
, बना रहे ये भाव,
डूबे ना हरदम
, रहे पानी ऊपर नाव ।
नये साल में रामजी
, इतना रखना ख्याल

पांव ना काटे रास्ता, गिरे न सिर पर डाल।
नये साल में रामजी
, करना बेड़ा पार,

क्या-क्या चाहते हैं
, क्या-क्या सोचते हैं, क्या फरियाद है हमारी हमारे राम से - कवि 'कैलाश गौतम' की रचनापांव ना काटे रास्ता, गिरे न सिर पर डाल।
नये साल में रामजी
, करना बेड़ा पार,

क्या-क्या चाहते हैं
, क्या-क्या सोचते हैं, क्या फरियाद है हमारी हमारे राम से - कवि 'कैलाश गौतम' की रचनापांव ना काटे रास्‍ता, गिरे न सिर पर डाल ।

नये साल में रामजी करना बेड़ापार ...

कवि कैलाश गौतम की रचना

 

भाई अमनदीप सिंह अमृतसर भारत से

Amandeep Singh सभी 2630 मेरे ऊचे मित्र हैं. क्या करें लिमिट कम है ...सभी को नए वर्ष की मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं ..नया वर्ष सभी 2630 ऊचे मित्रों और दुनिया के हर प्राणी के लिए मंगलमय हो ...

 

अभी जारी है शेष अगले अंक में .....