सोमवार, 26 अक्टूबर 2009

विधान सभा चुनाव परिणाम, ऐसा पहली बार हुआ है .........

विधान सभा चुनाव परिणाम,   ऐसा पहली बार हुआ है .........

निर्मल रानी, 163011, महावीर नगर,  अम्बाला शहर,हरियाणा, फोन -0171-2535628

email: nirmalrani@gmail.com

 

       महाराष्ट्र् ,हरियाणा तथा अरूणाचल प्रदेश विधान सभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं्। अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस  पार्टी 60 सदस्यों की विधान सभा में 40 सीटें जीतकर दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर चुकी है,वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी पहली बार लगातार सत्ता की तीसरी पारी खेलने जा रही है। यहां भी कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठंबंधन को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो गया है। उधर हरियाणा में भले ही अत्यधिक आत्मविश्वास में डूबी कांग्रेस को बहुमत का आंकडा न प्राप्त हुआ हो परन्तु 40सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उसने अपनी सबसे मंजबूत उपस्थिति एक बार फिर से दजर् कराई है। ंखबर है कि स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए 7 विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को प्राप्त होने जा रहा है।

       हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला तो कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ करने की रट लगाए हुएथे। परन्तु उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ही सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आई। हां कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा âæफ करने की रट लगाने से चौटाला को अपनी पार्टी इनेलो के पक्ष में ंजबरदस्त सकारात्मक परिणाम अवश्य देखने को मिले। इसमें कोई संदेह नहीं कि देश में इस समय मंहगाई विशेष कर दैनिक उपयोगी वस्तुओं की कीमत में आया भारी उछाल पहले कभी देखने को नहीं मिला था। बावजूद इसके कि इस मंहगाई के विषय में केंद्र सरकार द्वारा बार-बार यह बताया जा रहा है कि वर्तमान मंहगाई की समस्या केवल भारतवर्ष की ही नहीं बल्कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या है। पूरी दुनिया इस मंहगाई की चपेट में है। परन्तु उसके बावजूद हरियाणा में  कांग्रेस के विरोधी दलों ने विशेषकर इनेलो ने अपने प्रचार माध्यमों के द्वारा मंहगाईका ऐसा रोना रोया कि आखिरकार इस विलाप ने मृतप्राय होती जा रही इनेलो को गत् विधान सभा में प्राप्त की गई 9 सीटों के स्थान पर नवनिर्वाचित विधानसभा में 32 के आंकडे तक पहुंचा दिया। यहां यह सोचना काफी है कि यदि मंहगाई इतनी अधिक न होती तथा उसका विलाप इस ंकद्र कांग्रेस विरोधियों द्वारा न किया गया होता तो 40 सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी दस-पंद्रह सीटों पर और अपनी विजय पताका लहरा सकती थी।

              बहरहाल चौटाला तो कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा âæफ नहीं कर सके। परंतु अपना सूपड़ा अवश्य बचा ले गए तथा एक मंजबूत व शानदार विपक्ष के रूप में हरियाणा विधानसभा में अपनीं जबरदस्त  उपस्थिति दर्ज करा दी। परंतु ऐसा भी नहीं है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी का सूपड़ा ही âæफ नहीं हुआ हो। राज्य में सत्ता के सपने देखने वाली बहूजन समाज पार्टी,भारतीय जनता पार्टी तथा हरियाणा जनहित कांग्रेस को उनकी उम्मीदों से कहीं कम सीटें प्राप्त हुईं। बहुजन समाज पार्टी  प्रत्याशी के रूप में जगाधरी से चुनाव जीते अकरम ंखान बसपा के एकमात्र विजयी प्रत्याशी हैं। अकरम खान पुराने कांग्रेसी परिवार से सम्बद्ध होने के अलावा पहले भी कई बार दूसरे क्षेत्रों से विधायक व मंत्री रह चुके हैं। उनकी जीत भी पार्टी की जीत कम उन के अपने व्यक्तित्व व जनाधार की जीत अधिक है। अत:देखना यह है कि अकरम खान बसपा में बने रहते हैं अथवा किसी भी समय बसपा की तन्हाई छोड़कर वे भी घर वापसी की राह पकड़ सकते हैं। अत: राज्य में बसपा का तो सूपड़ा âæफ ही समझना चाहिए ।

             भारतीय जनता पाटी भी  राज्य में कभी अपना मुख्यमंत्री  बनाने तो कभी सत्ता में किंग मेकर की Öêमिका अदा करने के सपने  Áæए बैठी थी। परंतु मात्र 4 सीटें जीत कर भाजपा को अपनी

हैसियत का बखूबी अंदांजा हो गया। इन चार सीटों में एक सीट जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण पाल गुर्जर ने जीती है वहीं अंबाला छावनी की सीट पर अनिल विज विजयी हुए है जिनका अंबाला छावनी में स्वयं का अच्छा जनाधार है तथा वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी दो बार विधायक रह चुके हैं। उधर नवगठित हरियाणा जनहित कांग्रेस के सिर पर से भी इस बात का भूत पूरी तरह उतर गया होगा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी चौधरी भजन लाल के दम पर ही चला करती थी। हजकां ने प्रदेश में मात्र 6 सीटें जीती हैं। जिनमें जहां एक सीट स्वयं हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्ोई ने जीती है वहीं वे अपनी माताश्री जस्मां देवी तक को जीत नहीं दिलवा सके। लिहांजा इनका भी सूपड़ा साफ ही समझा जाना चाहिए। अब अपनी राजनैतिक हैसियत को आंकने के बाद कुलदीप बिश्ोइ अपने व अपनी राजनैतिक पार्टी के विषय में  क्या फैसला लेते हैं इस पर भी हरियाणा की राजनीति पर नंजर रखने वालों की निगाहें टिकी हुई हैं।

              उधर महाराष्ट्र में भी कई राजनैतिक घटना क्रम इस ताजातरीन विधान सभा चुनाव के मध्य ऐसे देखने को मिले जिनके बारे में सर्वत्र यही कहा जा रहा है कि- ऐसा पहली बार हुआ है। राज्य में इस बार पहली बार शिवसेना को सबसे कम सीटों अर्थात ्44 के अंक पर ही संतोष करना पड़ा है। सत्ता पर अपना दावा ठोकने वाली शिवसेना पहली बार इतनी कम संख्या तक पहुंची है। उधर कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता पर अपना ंकब्ंजा जमाने जा रही है। ऐसा भी पहली बार होने जा रहा है। वहीं महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की भी बुरी तरह हवा निकल गई है। भाजपा-शिवसेना गठबंधनको महाराष्ट्र की जनता ने ंखारिज कर साम्प्रदायिकता की विचारधारा रखने वाले दलों को पूरी तरह नंजर अंदांज कर दिया है। बजाए इसके महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नामक नए राजनैतिक दल ने राज्य में पहली बार 13 सीटें जीतकर न केवल महाराष्ट्र विधानसभा में अपनी मंजबूत उपस्थिति दर्र्ज कराई है बल्कि शिवसेना के अरमानों पर पानी Ȥेरने का बखूबी काम किया है। वहीं अरूणाचल प्रदेश में लगातार दूसरी बार दो तिहाई बहुमत से विधान सभा चुनाव जीतकर कांग्रेस पार्टी ने अन्य सभी विपक्षी दलों का पूरी तरह से सफ़ाया कर दिया है।

              प्रश् यह है कि इन तीनों राज्यों के ताज़ातरीन चुनाव परिणाम हमें क्या संदेश दे रहे हैं। इन विधान सभा चुनावों में विपक्ष के पास कांग्रेस के विरूद्ध ले दे कर एक ही सशक्त मुददा था और वह था केवल मंहगाई का मुददा। तीनों राज्यों में न कहीं भ्रष्टाचार मुददा बना न तो अराजकता या आतंकवाद। मुददा बनी तो  केवल और केवल मंहगाई और वह भी कमरतोड़ मंहगाई। ऐसी मंहगाई जोकि क्या पक्ष क्या विपक्ष क्या कांग्रेसी तो क्या ंगैर कांग्रेसी सभी को अर्थात् आम नागरिकों को झेलनी पड़ रही है। निश्चित रूप से मंहगाई के इस दानव को प्रचारित व जीवंत करने के लिए विपक्षी दलों ने सैकड़ों करोड़ रुपये इस मुददे के प्र्रचार व विज्ञापन में लगा दिए। इन सब के  बावजूद कांग्रेस को हरियाणा में 27 सीटें कम होने जैसा बड़ा झटका ंजरूर लगा परंतु विपक्ष उसे सत्ताा से दूर फिर भी नहीं ले जा सका। इसका अर्थ क्या निकाला जाना चाहिए। दरअसल जनता जहां एक ओर मंहगाई को लेकर कांग्रेस पार्टी से कुछ हद तक नारांज  थी वहीं यही जनता यह भी बंखूबी समझती रही कि मंहगाई का ढोल पीटने वालों का मंकसद केवल सत्ता पर कब्ंजा जमाना है। मंहगाई दूर करना तो इनके वश की भी बात हरगिंज नहीं है। हां यह चुनाव परिणाम यह सवाल ंजरूर छोड़ गए हैं कि यदि इतनी अधिक मंहगाई न बढ़ी होती तो विपक्ष के पास जनता के पास जाने के लिए क्या मुददा रह जाता  और ऐसे में फिर वास्तव में यह देखने वाली बात होती कि किस का सूपड़ा बचा और किस का साफ हुआ। फिलहाल तो वर्तमान चुनाव नतीजे कई राजनैतिक घटनाक्रमों को लेकर यही प्रदर्शित कर रहें हैं,गोया-ऐसा पहली बार हुआ है।

                                                                         निर्मल रानी

 

गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009

Helping Your Child Control Anger-SUSHEEL GOEL

Helping Your Child Control Anger

SUSHEEL GOEL

You're hoping for a nice, quiet afternoon. Your toddler finally settled down for a nap and your oldest is happily attending first standard. However, you receive a phone call from the school. "So much for happily attending school," you sigh after hearing the news. Your child was just sent in from recess for fighting.

When you pick him up, he explains that he just couldn't help it. He got mad because Rohit  said he was ugly. You've taught him that fighting is wrong, but you've also taught him that it is wrong to call other people names or to do things that would make them feel bad. But what if someone does something to make him feel bad? How should he handle his anger?

Answering that question may seem difficult for a parent. Your child is bombarded with messages teaching violence as the way to handle anger, but you want him to be better than that. Fighting is not the way to express displeasure. When teaching him how to handle anger, it is vital that you don't unconsciously teach him that anger is wrong. Your child must learn that all of his feelings are normal, acceptable, and   universally experienced. Even anger. He may think that because he is angry, he is a bad person. Feeling a certain way does not make him good or bad. The only thing that will make your child's emotions good or bad is the way they are handled.
 

Children Expressing Anger

Anger is the most difficult emotion to handle, especially for young children. Your child is just beginning to understand and label the way she is feeling inside. Children express anger when they are frustrated with something or get their feelings hurt by another. Children cannot distinguish feelings from actions, so when they are upset, they bite, hit, kick, or scream. In order for your child to calm down, you must express empathy, warmth, and support. As your child grows, he will begin to link cause and effect to his emotions. She may still want to hit and kick when you won't let her have a cookie before dinner, but she also knows that if she follows through with these feelings, she will not be allowed to watch TV. So, instead, she uses her verbal skills to cry out, "I hate you!" 

As a parent, you want your child to be comfortable with what she is feeling, and also to express those feelings properly. Anger is not acceptable when it is expressed violently. Therefore, you must teach your child how to express such an intense emotion in a more acceptable manner. As a parent, it is your responsibility to teach your child that while it is OK to be mad, it is definitely not OK to be mean.      
 

Causes of Anger

There are many potential causes of anger and aggression.

Victims: Some children who are too aggressive have been the victims of aggressive behavior. Abusive parents, siblings, or peers can be imitated by the abused. Children who are "picked on" or abused by others surely do pick on other children. However, it is dangerous to assume that all aggressive children are abused themselves.

Overindulgence: If children are accustomed to get what they want when they want it, they may become verbally or physically aggressive with other children when their wish is not immediately granted. They may even bully their parents and siblings.

Roughhousing: Aggressive behaviors may also be imitations of play for some children. Rough housing and fun teasing may be defined as love for children, and hitting and touching become an automatic way of interacting. They may not understand they are being aggressive. If this is so, curtail aggressive play.

TV and Video Games: Sometimes children's programs involve as much aggressive behavior as adult ones!

Parent Sabotage: Another important source of aggressive behaviors is parents who are not parenting as a team. If a parent takes the child's side against the other parent, aggressive and manipulative behavior is often the result. This is because the child is given more power than the other parent. This especially happens during or after a divorce.

Inner Anger: Sometimes children have inner anger because of something that has gone wrong in their childhood that they do not understand. Adopted or foster children, who have been neglected as infants, children involved in predivorce arguments, children whose parents have serious medical problems, all could be acting out their unconscious unhappiness and frustrations.

Illness: Hearing, visual, or intellectual deficits that children cannot explain to parents can cause frustration and lack of understanding that result in angry and aggressive behavior.

 

Strategies to Control Anger


1. Acceptable Ways To Express Anger: In the long run, you want your child to be able to verbalize his anger in a calm but assertive way. Encourage your child to come to you when he's angry and to talk about it until he feels better. Teach your child to stop and count to 10 before doing anything about his anger. Help him learn to walk away from a bad situation.

a. THE TURTLE TRICK: When your child is upset, have her do the turtle trick. (It is best to practice this at a time when she is not angry.) Explain to her that rather than hitting or calling someone names, she may pretend that she is a turtle. When a turtle gets scared or mad, he goes inside his shell where it is safe. The shell gives the turtle a chance to calm down because it is protecting him from others. If she goes into her "shell" it will protect her because she won't get into trouble for hitting a playmate. This is generally effective with young elementary children who enjoy "pretend" playing although it may take awhile for them to become proficient.

b. TALK TO YOURSELF: This can be a second step to the turtle trick or it can be used alone. When your child is mad, have him talk to himself. Have him say, out loud, "Take a deep breathe and relax." Then have him say it quietly to himself. Practice other sentences such as, "I can control my temper," or "I'll think of a way to solve this problem." Link them all together and have your child repeat them over in his head. Sometimes, just telling yourself you are calm will help you become that way.

c. USE YOUR POCKETS: Explain to your child that it is okay to be upset, but it is not okay to hit or break things. When she is angry, have her put her hands in her pockets or hold them behind her back. This will help control the urge to hit. While her hands are in her pockets, have her tell the person how she is feeling and why. This also encourages effective communication skills.

d. SAY IT NICELY: When you are angry, it is difficult to be polite. Practice with your child ways to say you are mad that do not hurt others. Some examples include, "That bothers me," "Stop bugging me," "I don't like that," "That makes me angry," and "Leave me alone." Notice that all of these statements avoid starting with "you." When you say, "You are bugging me," it only makes the person defensive and they will annoy you more.

e. WRITE DOWN YOUR FEELINGS: Buy your older child a diary where he can write down his feelings. Or, have him write a letter to the person that made him upset. Pretend that he is going to give this note to that person. Tell that person exactly how she made him feel and why he is feeling that way. If your child can't write, have him dictate a letter to you. Keep the note for awhile, and when your child is no longer angry, have him tear up the letter and throw it away.
 

2. Set a Good example: Show self-control and verbal problem solving you. Never hit your child for hitting someone else. Hitting your child only teaches that it is fine to hit if you are bigger. If your child tends to be aggressive, it is critical to eliminate all physical punishment (such as spanking). You can use many other consequences (such as a time-out) to teach your child right from wrong. Sometimes you will need to make a stronger statement, such as taking away a party or a play date with a friend. Your  disappointment in his behavior can be a powerful deterrent. A statement like "You must never, you hear me, absolutely never hit a child again." will be a clear and appropriate message to an aggressive child.
Help your child avoid playmates that often tease, or other situations in which your child frequently gets into fights. In addition, when your child becomes tired or hungry, leave the play setting until these needs are met.
 

3. Good, consistent parenting: A combination of lax discipline and hostile attitudes by parents can produce very aggressive and poorly controlled children. If you indulge or neglect your child, and then punish excessively, your parenting will cause your child to be aggressive, rebellious, and irresponsible.
 

4. Reward Your Child for Friendly Behavior: Praise him for being nice to people, for playing with age mates in a friendly way, for sharing things and for helping other children who have gotten into a hitting pattern. If your child has a problem with hitting her brother, praise her for giving him a hug or pat. Every time he plays with his friends or siblings without fighting, praise him for playing co-operatively. Some children respond to a system of receiving a treat or star chart for each day they go without any "hitting"-type behavior.
 

5. Establish A Rule: "Do not hit, because it hurts. We do not hurt people."
 

6. Say it with words: Teach him how to negotiate (ask for) what he wants, rather than taking it. This will be a lesson for life. Teach him how to take turns or how to trade one of his toys to gain use of another child's toy.
 

7. Supervision by parents: Young children are calmed by the presence of an adult. Show interest in their activities, and be ready to become involved in time to head off trouble. If you notice two children getting irritated with each other, suggest a new game, or give them separate activities for a little while.
 

8. Inactivity may also lead to aggressive behavior: Your child needs plenty of opportunities for strenuous outdoor play and exercise. This will help him get rid of tension and extra energy.
 

9. Time-Out: Make it perfectly clear to your child that aggressive acts are not acceptable and will not be tolerated. Explain why you disapprove. Set the rules, and consistently enforce them. Use the "time-out" penalty. This means that for a specific amount of time the child must be isolated from social contact. After an aggressive act, explain what she did wrong, and walk with her to the "time-out" area. Explain that because of what she did (slapping your leg, pinching her sister, etc.) she will have two minutes of time-out. Set a timer for two minutes and let her know the time-out is over when it rings. 

Being in a time-out helps a child learn to cool down (rather than blow up) when he is angry. Giving your child a time-out is one way of teaching him to walk away from anger. Younger children with limited expressive language (less than three or four years old) need time to develop these skills. When they are in a time-out, don't be surprised if they pout, mutter to themselves, yell in their room or pound on their door. If these physical outlets for anger are blocked, a more aggressive outburst may occur. As long as the behavior is not destructive, ignore it. 

After putting your child in a time-out, pick up the child who has been injured and give him extra sympathy and attention. It is especially helpful if you can rescue the victim before he is hurt. In your child's mind, the attention he wanted is now being given to the other person, and that should give him some "food for thought." If fighting is a pattern with certain playmates or siblings, be sure the "victim" is not "setting up" the "perpetrator" to gain attention. If a time-out does not seem to be effective, take away your child's  favorite toy or television time for the remainder of the day.     
 

10. Non exposure to violence in Television and movies: Studies have shown that the more violent the programs preferred by children, the more aggressive their behaviour.

Aggressiveness is a normal reaction in children. They let out their angry emotions when they feel they need to protect their safety or happiness. As parents it is our responsibility to help them express their anger and
aggressiveness in a constructive manner

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"Try to make at least one person happy every day.
If you cannot do a kind deed, speak a kind word.
If you cannot speak a kind word, think a kind thought.
Count up, if you can, the treasure of happiness that
you would dispense in a week, in a year, in a lifetime!"

रविवार, 11 अक्टूबर 2009

उपभोक्ता फोरम में शिकायत की तो फर्जी बिजली चोरी का केस बना डाला, बिजली अधिकारीयों के खिलाफ जालसाजी का आपराधिक प्रकरण दर्ज

उपभोक्ता फोरम में शिकायत की तो फर्जी बिजली चोरी का केस बना डाला, बिजली अधिकारीयों के खिलाफ जालसाजी का आपराधिक प्रकरण दर्ज

नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

मुरैना 10 अक्टूबर 09, बिजली देने को नहीं और बिल आसमान से टपक कर तीन गुने और चार गुने आते किस्से तो मुरैना में रोजाना ही सैकड़ों सुनने को मिलते हैं, बिजली नहीं मिलने की शिकायत करने वालों पर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करा कर जनता की शिकायती आवाज दबा कर बोलती बन्द कराना यह किस्से भी सैकड़ों मुरैना में सुनते आये हैं ! चलो एक आम बात है सरकार की दादा गिरी है, जनता गरीब की लुगाई है सो सरकारी भौजाई है चाहे जैसे मसलो, कुचलो, कूटो पीटो !

हर चीज की इन्तिहा होती है, असली ट्रान्सफार्मर मोहल्लों से उखाड़ कर कारखानों को बेच दिये, चोरी के राजस्थानी और चम्बल के ग्रामीण क्षेत्रों से चुराये ट्रान्सफार्मरों पर रंग रोगन कर बिजली वालों को मोहल्लों में खपाते भी सैकड़ो बार हमने देखा, मरे मराये ट्रान्सफार्मरों को भी संघर्ष करते और बार बार दम तोड़ते तथा उनकी मरम्मत के नाम पर सैकड़ों फर्जी बिल बनते देखे हैं ! बिजली वालों को लोड चेकिंग के नाम पर जनता को हड़काते भी देखा, सब कुछ देखा पर अंत तो रावण का भी हुआ कंस का भी और दुर्योधन का भी आखिर महिषासुर का भी !

आखिर वक्त उनका भी आ गया और वे शहर के एक वरिष्ठ अभिभाषक से पंगा ले बैठे ! वकील साहब ईमानदारी से बिजली कनेक्शन लेकर ईमानदारी से बिल भुगतान करने वाले आदमी थे, लेकिन अपनी लपक पड़ी हुयी बुरी आदत के चलते बिजली वाले उनसे भी रिश्वत मांग बैठे, गोया तुर्रा ये कि वकील साहब के बिजली कनेक्शन के साथ न्यूट्रल वायर देना बिजली कम्पनी वालों को रास नहीं आया, अब देखें बिजली का कैसे उपयोग करेंगें वकील साहब ! बेचारे वकील साहब ने सैकड़ों हजारों अनुनय विनय बिजली साहबों से लिखित और मौखिक कर डालीं पर ससुरा मेरा टेसू झईं अड़ा, खाने को मांगे दही बड़ा, वाली तर्ज पर 5000 रू. ठोक के रिश्वत मांगते रहे पठठे बिजली वाले, नही तो न्यूट्रल नहीं देंगें ! वकील साहब को इस दरम्यान बिजली के बिल भी मिलते रहे, और भुगतान भी होते रहे ! आखिर कार वकील साहब ने अपनी शिकायत मुरैना जिला उपभोक्ता फोरम में करके न्यूट्रल वायर दिये जाने की गुजारिश की !

जैसे ही उपभोक्ता फोरम का नोटिस बिजली वालों को मिला बिजली वालों की भवें रावण की तरह वक्राकार और ऑंखें रेड रोजी हो गयीं, बिजली वालों ने अपने वकील साहब को लम्बी चोड़ी मलाई चटाई (काफी समय से चटा रहे हैं) और पूछा हे प्रभु लालबुझक्कड़ जे साला उपभोक्ता तो वकील है और टेंशन कर रिया है, जाको का इलाज है, बिजली वालों के वकील साहब बोले लेओ कर लेओ बात, लाल बुझक्कड़ बुझ के फिर न बूझो कोय, लोड चेक के नाम पे चोरी केस कर देयो !

बिजली वाले लपक के गये, भूल गये कि मामला पहले से अदालत में है और चलती सुनवाई में किसी साक्ष्य को छेड़ना या बिगाड़ना या खत्म करना अपराध होवे है , ससुरी अदालत और कानून की ऐसी तैसी करके खेंच के एक अंग्रेजी की बोतल में फर्जी पंचनामा तैयार कर डाला और पंचनामा जो विद्युत अधिनियम की किसी एक धारा (126/135/138) में बनाना था ससुरा तीनों धाराओं में एक साथ ठोक दिया, अपनी टेबल पर बैठे पंचनामा तैयार करने का मजा ही कुछ और होता है, हालांकि अधिनियम के मुताबिक उपभोक्ता को आपत्ति करने के लिये 7 दिन का समय भी देना पड़ता है और सक्षम उच्च अधिकारी के यहाँ यह आपत्ति उपभोक्ता द्वारा करनी होती है , इस मामले में करिश्मा यह किया गया कि उपभोक्ता को कानों कान खबर न हुयी और उसके खिलाफ पंचनामा बना कर बिजली चोरी का मामला बनाने का पूर्व नियोजित षडयंत्र वकील साहब बिजली वाले की टेबल पर बैठ कर रच लिया गया तथा बिजली घर की टेबल पर इसे अंजाम भी दे दिया गया !

बिजली वाले वकील साहब और बिजली वाले अफसर बस जरा सी चूक यह कर गये कि उपभोक्ता के उपकरणों के नाम गलत लिख गये और उनकी वाटेज खपत भी गलत लिख गये, हालांकि विद्युत अधिनियम में उपकरण के नाम के साथ उसकी वाटेज खपत की सारणी दी हुयी है , पर नशा तो नशा है चाहे पद में मगरूर अफसरी का हो या बोतल का या किसी हसीना के मोहपाश में फंसे किसी दिलफेंक का ! पूरे 28 हजार 500 रूपया का चोरी का केस वकील साहब पर ठोक दिया और पंचनामे में लिख दिया कि वकील साहब ने दस्तखत करने से इंकार किया प्रतिरोध के कारण जप्ती नहीं हो सकी ! इंजीनियर साहब को वकील साहब ने अपने प्रीमाइसेज में घुस जाने दिया और वहाँ के बर्तन भांड़े भी दिखा डाले लेकिन फिर भी प्रतिरोध किया कागज पर दस्तखत से इंकार किया है न मजे की बात, यानि दो विरोधाभासी बातें जो कानून में कभी एक साथ नहीं होतीं पर इंजीनियर साहब ने कर डालीं यानि पूरा घर बेहिचक टटोल आये उसका प्रतिरोध वकील साहब ने नहीं किया पर फिर भी वकील साहब ने प्रतिरोध किया ! जबकि सच यह था कि वकील साहब वहाँ पिछले कई साल से रहते ही नहीं थे और यह प्रीमाइसेज कई सालों से किसी अन्य पर किराये पर था और म.प्र. सरकार इस प्रीमाइसेज का हर साल निरीक्षण करके बाकायदा मौका मुआयना करके एक रिपोर्ट जारी करती चली आ रही है वह भी बाकायदा सरकारी कागज पर सील सिक्के लगा कर ! यानि प्रीमाइसेज वकील साहब पर नहीं बल्कि किसी और पर था ! फिर भी केस वकील साहब पर ही ठोक दिया कसूर यह था कि कई साल पहले वकील साहब वहाँ रहते थे ! यह भी मजे की बात रही कि 5000 रू तक के मामलों की सुनवाई मुरैना में ही वरिष्ठ अधिकारी कर सकते हैं लेकिन उससे ऊपर के यानि 28 हजार का मामला कानून के मुताबिक ई.डी./चीफ इंजीनियर साहब ही सुन सकते हैं लेकिन फर्जी पंचनामा बनाते बनाते इंजीनियर बिजली जूनियर इंजीनियर ने सभी वरिष्ठ अधिकारीयों को ठेंगा दिखाते हुये स्वयं पंचनामा बनाने वाले जूनियर इंजीनियर ने खुद के यहाँ ही सुनवाई की तारीख ल्रगा कर ठोक के जालसाजी और कूटरचना कर डाली ! इसमें एक पूर्व कार्यपालन यंत्री भी शामिल था !

वकील साहब द्वारा उपभोक्ता फोरम में चल रही सुनवाई में इसे सबसे पहले जालसाज इंजीनियरों ने वकील साहब को चोर बताते हुये उनका प्रकरण खारिज कराने के लिये कूटरचित प्रतिवेदन और जालसाजी से तैयार दस्तावेजों का उपयोग किया किन्तु उपभोक्ता फोरम में यह फर्जीवाड़ा उनके काम नहीं आ सका उपभोक्ता फोरम ने वकील साहब को तुरन्त न्यूट्रल वायर दिये जाने और उपभोक्ता अदालत में मामला आने के बाद चोरी का केस बनाये जाने से फर्जीवाड़ियों के मंसूबे नाकामयाब कर दिये ! उपभोक्ता फोरम में जवाब देने से पूर्व जालसाजों और कूटरचियों ने अपना केस और जवाबदावा पुख्ता बनाने के लिये वकील साहब के खिलाफ इस्तगासा लगा कर सेशन कोर्ट में केस भी चालू करा दिया था ! यानि दो दो बार दो अदालतों में जाली कूटरचित दस्तावेज ठोक के इस्तेमाल किये गये ! सेशन अदालत ने भी जाली व कूटरचित दस्तावेजों की जाँच कराने, विद्युत अधिनियम के प्रावधानों का पूर्णत: पालन हुये बगैर बिना पूर्व परीक्षण न केवल केस को अदालत में पंजीकृत कर लिया बल्कि बिना किसी कार्यवाही के बिना इस्तगासा की अवाश्यकतानुसार गवाही बयान या परीक्षण के सीधे उपभोक्ता पर चार्ज फ्रेम कर डाले एवज में जज साहब को दो लाख रूपये का अप्रत्यक्ष लाभ जिसमें नकदी 30 हजार रू. शामिल है का लाभ फर्जीवाड़ियों ने पहुँचा दिया और जज साहब अंधे होकर कानून की मंशा और चाल से सर्वथा परे सुनवाई में तथा हर तारीख पर उपभोक्ता को हृास कर निरूत्साहित व गरियाने में लगे रहे !

मामला अंतत: मेरे पास आया और लगभग पूरे 60 दिन की दिन रात की इन्वेस्टीगेशन से मैं खुद भौंचक्का रह गया और इस प्रकार का मामला जिसमें इंजीनियर, सरकार, और अदालत सभी शामिल हैं के बारे में आये निषकर्षों व साक्ष्यों ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिये ! जैसे जैसे इन्वेस्टीगेशन आगे बढ़ा और भी कई हैरत अंगेज राज खुलते चले गये हालांकि अन्य केसों को मैंने अपनी इन्वेस्टीगेशन में शामिल नहीं किया लेकिन जो राज सामने आये वे इतने खतरनाक हैं कि मुरैना में भारी गड़बड़ी की ओर सीधा संकेत देते हैं और यह गड़बड़ वकील, पुलिस और अदालतों तक अपनी जड़ें पेवस्त किये हुये है, जिसका खुलासा फिर आगे कभी करूंगा लेकिन हमारे देश व लोकतंत्र के बदनुमा दाग हमारे आस पास ही हैं और घुन की तरह देश को खोखला बनाने में जुटे हैं !

पुलिस का कानून पालन - कानून की ऐसी तैसी

इस मामले में अपनी इन्वेस्टीगेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मैंनें फरियादी वकील साहब को तत्काल कानूनी कार्यवाही करने की सलाह दी और वकील साहब ने मेरी सलाह के मुताबिक एक एफ.आई.आर. सिविल लाइन्स पुलिस थाने को 24 सितम्बर को दी थाने द्वारा इसकी पावती भी वकील साहब को दी गयी लेकिन दूसरे दिन दोबारा थाने बुलाया गया, वकील साहब साथ में मुझे भी ले गये मैंने पूरे केस को पुलिस के सामने तड़ातड़ एक्सप्लेन और प्रूव भी कर दिया , लेकिन मेरे सामने ही पुलिस पुलिस न रही और अदालत बन गयी (किस केस को दर्ज करना है किसको नहीं यह पुलिस की मर्जी है, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा में पुलिस को केस दर्ज करने हेतु चयन का अधिकार नहीं है) मगर पुलिस केस का चयन करती है कि केस रजिस्टर करना है कि नहीं, मैंने अंग्रेजो की जमाने की पुलिस सन 2009 में मुरैना में देखी हालांकि आगे की कानूनी प्रक्रिया भी मैंनें चेक करवाने के लिये दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 (3) के तहत पंजीकृत डाक द्वारा 26 सितम्बर को मुरैना पुलिस अधीक्षक को भिजवाया मगर हैरत अंगेज रूप से वहाँ भी दण्ड प्रक्रिया संहिता की यह धारा कचरे की टोकरी में फेंक दी गयी, यानि सौ बातों की एक बात नो कानून, नो पालन, मनमर्जी मुताबिक मुरैला पुलिस खुद ही अदालत बन कर फैसला करती है कि किस केस का क्या करना है ! जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस सम्बन्ध में कई सख्त रूलिंग दी हैं मगर उसकी रूलिंग मुरैना आकर निष्प्रभावी हो जातीं हैं !

अंतत: यह प्रकरण 8 अक्टूबर को म.प्र. पुलिस महानिदेशक एस.के. राउत के यहाँ इण्टरनेट के जरिये क्रमांक Morena/1615/2009 पर पंजीबध्द किया गया ! अब देखते हैं इसमें आगे क्या होता है, फिलहाल इस प्रकरण का काफी हिस्सा लम्बे चौड़े आर्थिक अपराध , भ्रष्टाचार, अनुपात हीन संपत्ति, गबन और रिश्वत तथा उच्च अधिकारीयों व पुलिस एवं न्यायालय से जुड़ा होने के कारण आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो म.प्र. तथा सी.बी.आई की ओर भी जा रहा है, देखते हैं वहाँ भी क्या होता है तथा फरियादी वकील साहब म.प्र. उच्च न्यायालय में इसे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 में भी ग्वालियर में प्रस्तुत करने जा रहे हैं देखते हैं उच्च न्यायालय इस सम्बन्ध में क्या आदेश जारी करते हैं !

फरियादी द्वारा प्रस्तुत प्रथम सूचना रिपोर्ट नीचे यथावत प्रस्तुत है जो कि सिविल लाइन थाना मुरैना में 24 सितम्बर को तथा 26 सितम्बर को एस.पी. मुरैना को भेजी गयी किन्तु कायम नहीं होने पर पुलिस महानिदेशक के यहाँ दर्ज कराई गयी !           

 

प्रति,

     श्रीमान थाना प्रभारी महोदय,

      थाना सिविल लाइन्स मुरैना

 

विषय :- अधोवर्णित आरोपीगण के विरूध्द जालसाजी, कूटरचना, भ्रष्टाचार, अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने, पद का दुरूपयोग कर धमका कर अवैध धन वसूलने हेतु बाध्य करने, फर्जी व कूटरचित दस्तावेज रचने, मिथ्या साक्ष्य गढ़ने एवं उसका उपयोग तथा न्यायालयों व न्यायायिक प्रक्रम में उपयोग कर प्रार्थी को क्षति पहुँचाने के मामलों में आरोपीयों को कठोर दण्ड दिलाये जाने हेतु अपराध पंजीबध्द कर कार्यवाही करने बावत् !

 

महोदय,

         विषयान्तर्गत प्रार्थी की प्रथम सूचना रिपोर्ट निम्न प्रकार है -

फरियादी आवेदक का विवरण -

1-                     नाम - पदम चन्द गुप्ता एडवोकेट

2-                    उम्र -  59 वर्ष

3-                    पता- पदम चन्द गुप्ता एडवोकेट, पुत्र श्री नत्थी लाल गुप्ता, शिवा धर्म कांटा, गाँधी कुआ के पास, ए.बी.रोड ग्वालियर साइड मुरैना हाल- राठी काम्पलेक्स, एम.एस. रोड मुरैना

आरोपीगण का विवरण -

1-                      भागीरथ प्रसाद गोयल, आयु 39 वर्ष लगभग, पुत्र अमरलाल गोयल निवासी कैलारस जिला मुरैना हाल निवासी - भवन क्रमांक- HIG-I/ 892 हाउसिंग बोर्ड कालोनी (जौरा खुर्द) मुरैना, एवं पदस्थ जूनियर इंजीनियर, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड मुरैना ! 

2-                     महेन्द्र भास्कर, लाइन हैल्पर, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड मुरैना !

3-                     आर.के.एस.राठौर, पूर्व कार्यपालन यंत्री, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड मुरैना !  

4-                     जण्डैल सिंह, लाइन हैल्पर, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड मुरैना ! 

5-                     श्रीमती ममता गोयल पत्नी भागीरथ प्रसाद गोयल, आयु 37 वर्ष लगभग, निवासी कैलारस जिला मुरैना हाल निवासी - भवन क्रमांक- HIG-I/ 892 हाउसिंग बोर्ड कालोनी (जौरा खुर्द) मुरैना

 

अपराध एवं घटना का विवरण -

1-                        प्रार्थी फरियादी शहर मुरैना के प्रतिष्ठित परिवार से संबध्द होकर, शांतिप्रिय, स्वच्छ छवि का नागरिक प्रतिष्ठित एडवोकेट एवं जिला अभिभाषक संघ मुरैना का पूर्व सचिव है, आरोपीगण द्वारा प्रार्थी का उत्पीड़न किये जाने, अवैध धन वसूली के लिये धमकाने, बाध्य करने तथा विद्वेष पूर्वक प्रताड़ित एवं अपमानित किये जाने, फर्जी व कूट रचित कार्यवाहियाँ कर प्रार्थी की छवि को नुकसान पहुँचा कर मिथ्या कूटरचित, फर्जी एवं मनगढ़न्त साक्ष्यो व दस्तावेजों के आधार पर न्यायालयीन मुकदमे बाजी में फंसा कर बदनाम करने, प्रार्थी द्वारा पूर्व से संचालित व संस्थित आरोपीगण के विरूध्द न्यायालयीन प्रकरण को प्रभावित कर प्रार्थी के प्रकरण को हानि पहुँचा कर न्यायालय की राय बदलने हेतु मिथ्या साक्ष्य रच कर उसका न्यायालय में उपयोग कर प्रार्थी को न्याय प्राप्ति से वंचित करने व ख्याति की अपहानि कर अवैध धन वसूली हेतु मजबूर करने, आरोपीगण द्वारा भ्रष्टाचार कर अनुपातहीन अवैध संपत्ति अर्जित कर शासन की छवि खराब कर आम नागरिकों का शोषण एवं उत्पीड़न कर, ब्लैकमेलिंग कर अनावश्यक एवं अनुचित रूप से पद व कानून का दुरूपयोग कर प्रार्थी का उत्पीड़न, प्रताड़ना, शोषण व ख्याति की अपहानि की गयी है जिसके समस्त दस्तावेजी साक्ष्य संलग्न है !

2-                       प्रार्थी फरियादी द्वारा आरोपीगण के विरूध्द प्रार्थी के वैध विद्युत कनेक्शन क्रमांक 0484403-31-30-00079365 Single Phase- Non Domestic. पर कनेक्शन प्रदाय एवं प्रारंभ दिनांक से ही आरोपीगण एवं इनके अन्य आपराधिक साथी सहयोगियों द्वारा प्रार्थी के कनेक्शन पर न्यूट्रल वायर उपलब्ध न कराये जाने से प्रार्थी विद्युत उपयोग से वंचित रहा जबकि आरोपगण्ा व उनके अन्य आपराधिक सहयोगी साथी भलीभांति जानते थे कि फेज वायर के साथ न्यूट्रल वायर न होने से विद्युत परिपथ नहीं बनता और यह परिपथ पूर्ण बन्द परिपथ नहीं कहलाता एवं उपभोक्ता के लिये अप्रयोज्य (Useless) व अर्थहीन तथा निरूददेश्य होकर व्यर्थ व अप्रयोगी रहता है ! प्रार्थी द्वारा बार बार अनेक बार आरोपीगण व उनके अन्य आपराधिक साथी सहयोगियों से अनुरोध एवं विनय मौखिक तथा लिखित तौर पर की गयी, प्रार्थी ने कई बार आरोपीगण एवं उनके सहयोगियों की सेवा सुश्रूषा आवभगत आर्थिक रूप से व अन्य प्रकार से की किन्तु आरोपीगण द्वारा प्रार्थी से रिश्वत रू. 5000 नकद आरोपी भागीरथ प्रसाद गोयल, जण्डैल सिंह एवं महेन्द्र भास्कर द्वारा मांगे जाते रहे और धमकाया जाता रहा कि अगर पैसे नहीं दोगे तो न न्यूट्रल वायर दिया जायेगा न बिजली उपयोग कर पाओगे ! साथ ही आरोपीगण व इनके अन्य आपराधिक सहयोगी साथियों द्वारा प्रार्थी फरियादी को निरन्तर विद्युत बिल दिये जाते रहे और प्रार्थी से बिना सम्यक व निर्धारित क्षमता बिजली प्रदाय व उपयोग के जबरन डरा धमका और बाध्य कर बिजली बिल वसूले जाते रहे ! अंतत: लम्बे समय तक आरोपीगण द्वारा प्रार्थी को दी गयी पीड़ा, उपेक्षा, प्रताड़ना व शोषण, भ्रष्टाचार, फर्जी कार्यवाहीयों की धमकी, बिना समुचित, सम्यक व निर्धारित बिजली प्रदाय किये जाने, सम्यक पूर्ण बन्द विद्युत परिपथ (Closed Electric Circuit) उपलब्ध कराये बिना जबरन बिल वसूली किये जाने से व्यथित एवं त्रस्त होकर प्रार्थी ने एक शिकायत दिनांक 27 सितम्बर 2008 को न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत कर विधिक तौर पर न्याय प्राप्ति हेतु काय्रवाही प्रारंभ की ! न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम मुरैना में प्रार्थी द्वारा संस्थित एवं संचालित कार्यवाही के दरम्यान ही प्रकरण के साक्ष्य नष्ट करने, साक्ष्य विरूपित करने, विलोपित करने के उददेश्य से प्रार्थी द्वारा न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष दायर शिकायत की न्यायायिक कार्यवाही को प्रभावित किया गया और विद्वेषपूर्वक प्रार्थी फरियादी को न्याय एवं पूर्ण न्याय प्राप्ति से वंचित करने हेतु कई फर्जी कार्यवाहीयॉ सम्पादित कर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी जॉच प्रतिवेदन जालसाजी कर तैयार कर दिया और विद्युत अधिनियम की धारा 126/135/138 के अन्तर्गत संयुक्त धाराओं में कूटरचित कर मिथ्या साक्ष्य रच कर प्रार्थी द्वारा न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत शिकायती वाद को क्षति पहुँचाने, प्रार्थी को न्याय व पूर्ण न्याय प्राप्ति से वंचित करने, न्यायालय को गलत राय कायम करने हेतु प्रेरणार्थ तथा प्रार्थी से बदला लेने, डरा धमका कर कर प्रकरण वापस लेने हेतु बाध्य करने, प्रार्थी को फर्जी मुकदमेबाजी में फंसा कर प्रताड़ित, शोषण व उत्पीड़न, अपमानित कर प्रार्थी की छवि खराब करने के उददेश्य से विद्वेष व शरारत पूर्वक उसका न्यायालय में उपयोग किया ! सभी दस्तावेजी साक्ष्य संलग्न है ! 

3-                       आरोपीगण द्वारा लोगों का डरा धमका कर अपने पद का दुरूपयोग कर ब्लेकमेलिंग व विद्युत अधिनियम व अन्य संगत कानूनों का दोषपूर्ण दुरूपयोग कर अवैध धन ऐंठने, रिश्वत वसूलने भ्रष्टाचार पूर्वक जनता का विद्युत उपभोक्ताओं का शोषण करने व हफ्ता व मासिक अवैध धन किश्त वसूली के आधार पर प्रतिमाह लाखों रूपये की विद्युत चोरी करवा कर विद्युत चोरों से सांठ गांठ कर शासन को राजस्व क्षति पहुँचाने, विद्युत बिल नियमित अदा करने वाले ईमानदार नागरिकों को विद्युत प्रदाय न करने, नियमित विद्युत प्रदाय न करने, उनकी सतत विद्युत आपूर्ति में विघ्न व बाधायें उत्पन्न करने, अनियमित वोल्टेज तथा वोल्टेज फ्लक्च्ुयेशन्स के जरिये ईमानदार विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत उपकरणों को, भवनों को, जान जीवन व संपत्ति को क्षति पहुँचाने को अपना व्यवसाय बना रखा है और इस प्रकार आरोपीगण द्वारा लम्बे समय से अपनी आपराधिक व गैर कानूनी षडयंत्र मण्डली द्वारा षडयंत्र पूर्वक काफी गैर कानूनी संपत्ति व ब्लैक मनी अनुपात हीन रूप से अर्जित की गयी है ! तथा अपात्र एवं तुलनात्मक तौर पर क्रय शक्ति विहीन होकर भी कई अचल संपत्तियों के बयनामे (रजिस्ट्री) तथा बैंक बैलेन्स, एफ.डी., शेयर मार्केट, वायदा व्यापार में स्वयं के तथा आने परिवारीजनों व सम्बन्धियों एवं रिश्तेदारों के नाम से व अज्ञात व नकली नामों से करा कर लगा रखे हैं ! दस्तावेजी साक्ष्य मय भवन क्रमांक HIG-I/ 892 हाउसिंग बोर्ड कालोनी (जौरा खुर्द) मुरैना की रजिस्ट्री क्रमांक 659 दिनांक 28 मई 2008 की रजिस्ट्री की प्रति संलग्न है ! आरोपीगण द्वारा मुरैना के अधीक्षण यंत्री कार्यालय से निकट सटे स्टोर से लाखों रू. के विद्युत उपकरण एवं सामान बाजार में एवं प्रायवेट औद्योगिक व व्यावसायिक उपभोक्ताओं को अवैध रूप से चोरी कर विक्रय कर दिया तथा लाखों रू. विद्युत वितरण कम्पनी के हक से छीनकर अवैध सम्पत्ति अर्जित की, जिस पर मुख्य अभियन्ता द्वारा माह सितम्बर 2009 में औचक जाँच पड़ताल की गयी ! दस्तावेजी साक्ष्य ग्वालियर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र ''स्वदेश'' की सम्बन्धित प्रकाशित समाचार ''मुख्य अभियन्ता ने किया बिजली घर के स्टोर का निरीक्षण'' के मुख्य शीर्षक एवं स्टोर से चोरी की शिकायत होने पर हुआ निरीक्षण तथा एक सुपरवायजर के हवाले है उक्त स्टोर के उपशीर्षको से प्रकाशित इस समाचार पत्र की दिनांक 11 सितम्बर 2009 की प्रति संलग्न है !    

अत: उपरोक्तानुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत कर श्रीमान से अनुरोध है कि उक्त वर्णित आरोपीगण एवं इनके अन्य आपराधिक साथियों सहभागीयों के विरूध्द आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर दण्ड दिलाये जाने हेतु कार्यवाही की जावे ! धन्यवाद !

 

दिनांक 23 सितम्बर 09

 

संलग्न दस्तावेजी साक्ष्य सूची

1-                      जिला उपभोक्ता न्यायालय मुरैना में मुझ फरियादी द्वारा प्रस्तुत शिकायती आवेदन दिनांक 27 सितम्बर 2008 की प्रति !

2-                     बिना मौका पहुँचे, बिना किसी अपेक्षा, बिना सम्यक व उचित आदेश के प्रार्थी के विरूध्द आरोपीगण द्वारा बनाये गये फर्जी पंचनामा (अवैधतत: संयुक्त एक साथ तीन धाराओं 126/ 135/ 138 तहत विद्युत अधिनियम 2003) दिनांक 20 अक्टूबर 2008 की प्रति !

3-                     फर्जी व अवैध तैयार पंचनामा 20 अक्टूबर 2008 का जिला उपभोक्ता न्यायालय में प्रार्थी के प्रकरण को प्रभावित करने व न्यायालय की गलत राय कायमी हेतु न्यायायिक प्रक्रिया में न्यायालय में उपयोग किये जाने सम्बन्धी जवाब उल्लेख की प्रति !

4-                     प्रार्थी स्वयं एवं बीरबल कुशवाह का शपथ पत्र दिनांक 15 दिसम्बर 2008 की प्रतियाँ !

5-                     आरोपीगण द्वारा फर्जी व अवैध तैयार पंचनामा दिनांक 20 अक्टूबर 2008 का प्रार्थी को समस्त क्षतियाँ कारित करने, डराने धमकाने, ब्लैकमेल करने और जिला उपभोक्ता फोरम से प्रकरण वापस लेकर न्याय प्राप्ति से वंचित करने तथा प्रार्थी के विरूध्द विद्युत चोरी का फर्जी प्रकरण बनाकर प्रताड़ित करने हेतु न्यायालय श्रीमान विशेष न्यायालय विद्युत अधिनियम एवं द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुरैना के न्यायालय में न्यायायिक प्रक्रिया में उपयोग किया !

6-                     न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम का प्रार्थी आवेदक के समर्थन में पारित आदेश दिनांक 07 जनवरी 2009 !

7-                      पंजीयत विक्रय पत्र क्रमांक 659 भवन क्रमांक HIG-I/ 892 हाउसिंग बोर्ड कालोनी (जौरा खुर्द) मुरैना की रजिस्ट्री क्रमांक 659 दिनांक 28 मई 2008 की रजिस्ट्री की प्रति !

8-                     प्रार्थी आवेदक के यहाँ इन्स्टाल्ड कम्प्यूटिंग इण्टेलीजेण्ट टर्मिनल (इण्डस्ट्रियल टर्मिनल) सिस्टम बॉक्स का निर्माता कम्पनी द्वारा प्रदत्त मैन्युअल और कॉन्फिगरेशन्स तथा फीचर्स प्रपत्र की छाया प्रति जिसमें आरोपीगण द्वारा तैयार फर्जी पंचनामा में लिखित, कूटकृत, कूटगढ़ित व कूटरचित वाटेज खपत 250 वाट, दिनांक 20 अक्टूबर 2008 से सर्वथा भिन्न वॉटेज खपत प्रदर्शित है !

9-                     समाचार पत्र दैनिक भास्कर में शीर्षक ''कालोनी का ट्रांसफार्मर फैक्ट्री में'' प्रकाशन दिनांक 14 मई 2009 की छाया प्रति !

10-                  ग्वालियर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र ''स्वदेश'' की सम्बन्धित प्रकाशित समाचार ''मुख्य अभियन्ता ने किया बिजली घर के स्टोर का निरीक्षण'' के मुख्य शीर्षक एवं स्टोर से चोरी की शिकायत होने पर हुआ निरीक्षण तथा एक सुपरवायजर के हवाले है उक्त स्टोर के उपशीर्षको से प्रकाशित इस समाचार पत्र की दिनांक 11 सितम्बर 2009 की प्रति !

 

दिनांक 23 सितम्बर 2009      

प्रार्थी / फरियादी

पदम चन्द गुप्ता एडवोकेट 

पुत्र श्री नत्थी लाल गुप्ता,

शिवा धर्म कांटा, गाँधी कुआ के पास,

ए.बी.रोड ग्वालियर साइड मुरैना

 हाल- राठी काम्पलेक्स, एम.एस. रोड मुरैना